माल-विक्रय अधिनियम, 1930 |
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(1930 का अधिनियम संख्यांक 3) |
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अध्याय 1 |
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प्रारम्भिक (Preliminary) |
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इस अधिनियम को क्या कहा जाता है? |
माल-विक्रय अधिनियम, 1930 |
भारतीय माल-विक्रय अधिनियम, 1930 को किस अधिनियम से अलग किया गया था? |
भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 |
माल-विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 1 किससे सम्बंधित है? |
संक्षिप्त नाम विस्तार और प्रारम्भ (Short title,extent and commencement) |
माल-विक्रय अधिनियम, 1930 भारत में कब लागू हुआ? |
1 जुलाई 1930 |
क्या माल-विक्रय अधिनियम, 1930 में किसी प्रकार की राज्य सरकार द्वारा संशोधन की अनुमति है? |
हाँ, राज्य अपनी आवश्यकताओं अनुसार संशोधन कर सकते हैं |
माल-विक्रय अधिनियम, 1930 को अनुबंध अधिनियम से क्यों अलग किया गया? |
क्योंकि बिक्री से संबंधित प्रावधानों को विशेष रूप से स्पष्ट करना था |
किस प्रसिद्ध मामले में यह निर्णय हुआ कि वस्तु की बिक्री केवल तभी मानी जाएगी जब संपत्ति का हस्तांतरण हो? |
मद्रास राज्य बनाम गैनन डंकर्ले |
"क्रेता"(bayer) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(1) |
धारा 2(1) के अनुसार, "क्रेता"(bayer) किसे कहा गया है? |
वह व्यक्ति जो माल का क्रय करता है या क्रय करने का करार करता है;
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क्या क्रेता वह हो सकता है जिसने सिर्फ “सहमति” दी हो, पर भुगतान न किया हो? |
हाँ |
“क्रेता” की परिभाषा में किसे शामिल नहीं किया गया है? |
उपहार लेने वाला |
क्या कोई कंपनी “क्रेता” की परिभाषा में आ सकती है? |
हाँ, अगर वह खरीद का अनुबंध करती है |
किस मामले में क्रेता की पहचान पर जोर दिया गया? |
भारत संघ बनाम पश्चिमी पंजाब फैक्ट्रीज़ लिमिटेड |
न्यायालय ने किस परिस्थिति में क्रेता की जिम्मेदारी तय की, जब उसने मूल्य नहीं चुकाया? |
कृष्णा अय्यर बनाम टी.एन. हैंडलूम वीवर्स को-ऑप |
किस मामले में क्रेता के कर्तव्य पर प्रकाश डाला गया? |
तारापोर एंड कंपनी बनाम वी.ओ. ट्रैक्टर |
किस मामले में “क्रेता” की पहचान, क्रेता की सहमति आधार पर की गई थी,? |
मोहन लाल बनाम ग्रेन चैम्बर्स लिमिटेड |
किस मामले से सिद्ध हुआ, क्रेता द्वारा भुगतान के बावजूद माल न लेना? |
ग्रेट ईस्टर्न शिपिंग कंपनी लिमिटेड बनाम ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड |
"परिदान" (Delivery) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(2) |
धारा 2(2) के अनुसार "परिदान" (Delivery) का क्या अर्थ है? |
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को कब्जा का स्वेच्छ्या अन्तरण |
"परिदान" किनके बीच होता है? |
विक्रेता और क्रेता के बीच |
कौन-सा "परिदान" का प्रकार नहीं है? |
भावनात्मक परिदान |
सांकेतिक परिदान का एक उदाहरण क्या हो सकता है? |
गोदाम की चाबी सौंपना |
अगर वस्तु तीसरे पक्ष के पास है और विक्रेता उसे वहीं से क्रेता को स्थानांतरित करने को कहता है, तो वह किस प्रकार का परिदान है? |
रचनात्मक |
वितरण का उद्देश्य क्या होता है? |
स्वामित्व और कब्जा स्थानांतरित करना |
क्या डाक द्वारा भेजी गई वस्तु "परिदान" मानी जा सकती है? |
हाँ, यदि ग्राहक को सूचित किया गया हो |
परिदान के समय जोखिम का हस्तांतरण कब होता है? |
जब वस्तु का कब्जा क्रेता को दे दिया जाता है |
किस मामले में क्या निर्णीत हुआ, जब वस्तु खरीदी गई हो पर असमान हो, तो डिलीवरी अमान्य मानी जाएगी? |
वर्ली बनाम व्हिप (1900) |
किस मामले में कोर्ट ने ज़ोर दिया, जब वस्तु निर्दिष्ट न हो तो परिदान नहीं होता? |
री लंदन वाइन कंपनी (शिपर्स) लिमिटेड (1986) |
किस मामले में निर्णय दिया गया, यदि वैध शीर्षक (title) नहीं है, तो परिदान अधूरी मानी जाएगी? |
रोलैंड बनाम डिवैल (1923) |
किस मामले में निर्णय दिया गया, प्रतीकात्मक डिलीवरी को किस प्रकार समझाया गया, वैध? |
एल्ड्रिज बनाम जॉनसन (1857) |
किस मामले में निर्णय दिया गया,प्रतीकात्मक डिलीवरी को कब अमान्य माना गया, जब धोखाधड़ी हुई हो? |
डेनेन्ट बनाम स्किनर (1948) |
एक विक्रेता ने खरीदार को केवल बिल भेजा, वस्तु नहीं। क्या इसे “परिदान” कहा जा सकता है? |
नहीं |
एक व्यक्ति ने एक वाहन खरीदा, और उसे वाहन की चाबी सौंपी गई। यह किस प्रकार की डिलीवरी है? |
सांकेतिक |
क्या केवल प्रतीकात्मक डिलीवरी के आधार पर क्रेता को स्वामित्व मिल सकता है? |
हाँ, यदि अनुबंध ऐसा कहता है |
यदि डिलीवरी आंशिक हो और शेष डिलीवरी क्रेता के इनकार के कारण न हो, तो क्या परिदान वैध रहेगा? |
हाँ |
"माल की परिदेय स्थिति" (deliverable state) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(3) |
"माल की परिदेय स्थिति" से क्या तात्पर्य है? |
जब माल ऐसी स्थिति में हो कि क्रेता उसका परिदान लेने के लिए संविदा के अधीन आबद्ध हो; |
“डिलीवर करने योग्य स्थिति” का निर्धारण किस आधार पर किया जाता है? |
वस्तु की प्रकृति और अनुबंध की शर्तों पर |
माल को परिदेय स्थिति में लाने की जिम्मेदारी किसकी होती है? |
विक्रेता की |
यदि माल में कुछ और कार्य किया जाना बाकी है, तो क्या वह “परिदेय स्थिति” में माना जाएगा? |
नहीं |
“परिदेय स्थिति” की परिभाषा मुख्य रूप से किस बात पर आधारित है? |
वस्तु की भौतिक स्थिति |
अगर एक पंखा ग्राहक को बेचा गया है लेकिन अभी उसके ब्लेड लगाने बाकी हैं, तो क्या वह परिदेय स्थिति में है? |
नहीं |
यदि अनुबंध में कहा गया है कि माल को पैक करके भेजा जाएगा, लेकिन पैकिंग अभी बाकी है, तो क्या वह “परिदेय स्थिति” में है? |
नहीं |
एक विक्रेता ने सामान पूरी तरह तैयार कर दिया है, लेकिन अभी ग्राहक को सूचित नहीं किया — क्या वह परिदेय स्थिति में है? |
हाँ |
क्या परिदेय स्थिति में लाने की प्रक्रिया माल के स्वामित्व को प्रभावित करती है? |
हाँ, जब तक माल तैयार न हो, स्वामित्व नहीं बदलता |
यदि माल तैयार है लेकिन उचित दस्तावेज नहीं बने, क्या यह “परिदेय स्थिति” मानी जाएगी? |
हाँ |
किस मामले में कोर्ट ने क्या कहा, जब तक अंतिम प्रोसेसिंग नहीं हो जाती, स्वामित्व नहीं बदलता? |
अंडरवुड लिमिटेड बनाम बर्ग कैसल ब्रिक एंड सीमेंट सिंडिकेट (1922) |
किस मामले में क्या सिद्ध हुआ, जब तक वस्तु पूरी तरह परिदेय न हो, विक्रय पूर्ण नहीं माना जाएगा? |
रग्ग बनाम मिनेट (1809) |
किस मामले में परिदेय स्थिति से संबंधित तथ्य सामने आया, धोखाधड़ी से प्राप्त वस्तु परिदेय नहीं होती? |
फिलिप्स बनाम ब्रूक्स (1919) |
"माल पर हक की दस्तावेज़"(document of title to goods) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(4) |
धारा 2(4) के अनुसार "माल पर हक की दस्तावेज़" का अर्थ क्या है? |
ऐसा दस्तावेज जो माल पर स्वामित्व या अधिकार को ट्रांसफर करने में सक्षम हो |
कौन "माल पर हक की दस्तावेज़" नहीं माना जाता? |
इनवॉइस |
बिल ऑफ लेडिंग का उपयोग मुख्यतः किसके लिए किया जाता है? |
समुद्री परिवहन में माल के स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए |
क्या "माल पर हक की दस्तावेज़" के बिना माल का स्वामित्व स्थानांतरित हो सकता है? |
नहीं, जब तक दस्तावेज़ हस्तांतरित न हो |
“माल पर हक की दस्तावेज़” का प्रयोग किस प्रकार के अनुबंध में आमतौर पर होता है? |
विक्रय अनुबंध |
कौन-सा दस्तावेज़ "माल के स्वामित्व का दस्तावेज़" के अंतर्गत आता है? |
रेलवे रसीद |
यदि कोई व्यक्ति "बिल ऑफ लेडिंग" रखता है लेकिन उसने भुगतान नहीं किया, तो क्या वह माल का मालिक है? |
हाँ |
क्या "गोदाम रसीद" का हस्तांतरण किसी तीसरे व्यक्ति को स्वामित्व प्रदान कर सकता है? |
हाँ, यदि उसे सही तरीके से स्थानांतरित किया गया हो |
यदि किसी दस्तावेज़ पर लिखा है “गैर-हस्तांतरणीय”, तो क्या वह “माल पर हक की दस्तावेज़” माना जाएगा? |
नहीं |
किस मामले में दस्तावेज़ के आधार पर निर्णय दिया गया, दस्तावेज़ से स्वामित्व ट्रांसफर वैध है? |
सैंडर्स बनाम मैकलीन (1883) |
किस मामले में अधिकार का प्रपत्र के रूप में बिल ऑफ लेडिंग की मान्यता के लिए प्रसिद्ध है? |
लिकबरो बनाम मेसन (1787) |
किस मामले में रेलवे रसीद के बारे में कहा गया, यह अधिकार का प्रपत्र माना जाता है? |
मोतीलाल बनाम यूओआई |
किस मामले में निर्णय हुआ, दस्तावेज़ हस्तांतरण से माल का अधिकार स्थानांतरित हो सकता है? |
मीराबिता बनाम इंपीरियल ओटोमन बैंक (1878) |
“कसूर” (fault) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(5) |
धारा 2(5) के अनुसार “कसूर” का क्या अर्थ है? |
जानबूझकर या लापरवाहीपूर्वक किया गया कार्य जिससे कानूनी दायित्व उत्पन्न हो |
किस स्थिति में “कसूर” नहीं माना जाएगा? |
प्राकृतिक आपदा के कारण डिलीवरी रुकना |
क्या “कसूर” केवल विक्रेता का हो सकता है? |
नहीं |
क्या “कसूर” का अर्थ लापरवाही से भी जुड़ा होता है? |
हाँ, यह जानबूझकर और लापरवाही दोनों को शामिल करता है |
यदि एक विक्रेता ने माल की गुणवत्ता की गलत जानकारी दी, तो यह किस श्रेणी में आएगा? |
कसूर |
एक विक्रेता ने एक्सपायरी डेट वाला माल भेजा और जानबूझ कर जानकारी छिपाई—यह क्या कहलाएगा? |
कसूर |
यदि क्रेता ने जानबूझकर डिलीवरी लेने से मना किया और इससे विक्रेता को नुकसान हुआ, तो क्या यह कसूर होगा? |
हाँ |
क्या किसी भी “कसूर” पर कानूनी उत्तरदायित्व उत्पन्न होता है? |
हाँ |
वस्तु का शीर्षक वैध न हो तो विक्रेता का कसूर है |
रोलैंड बनाम डिवैल (1923) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि विक्रेता की लापरवाही से खराब दूध पहुंचाना, कसूर है? |
फ्रॉस्ट बनाम आयल्सबरी डेयरी कंपनी (1905) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि अंडरवियर में डिफेक्ट के कारण स्किन डिज़ीज़ हुई, कसूर है?? |
ग्रांट बनाम ऑस्ट्रेलियन निटिंग मिल्स (1936) |
“भविष्य का सामान”की अवधारणा किन अनुबंधों में अधिक प्रयोग की जाती है? |
निर्माण-से-ऑर्डर (Made-to-Order) बिक्री |
“भावी माल” (future goods) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(6) |
धारा 2(6) के अंतर्गत “भावी माल” क्या दर्शाता है? |
वह माल अभिप्रेत है जिसे विक्रय को संविदा करने के पश्चात् विक्रेता को विनिर्मित या उत्पादित या अर्जित करना है; |
कौन-सी वस्तु "भावी माल" नहीं मानी जाएगी? |
तुरंत डिलीवरी योग्य उत्पाद |
क्या “भावी माल” के संबंध में मौखिक समझौता वैध है? |
हाँ, जब तक वह स्पष्ट हो |
"रचनात्मक वितरण" की स्थिति में यदि माल भावी हो, तो कौन-सी बात लागू होती है? |
स्वामित्व तब ट्रांसफर होता है जब माल अस्तित्व में आए |
राज ने 2 महीने बाद उपलब्ध होने वाले जैविक आमों के लिए भुगतान किया। अभी फल नहीं उगे हैं। यह किस प्रकार का माल है? |
भावी माल |
एक फैक्ट्री ने किसी व्यापारी को अगले मॉडल की कार के लिए बुकिंग दी — उत्पादन अभी शुरू नहीं हुआ। यह स्थिति किस श्रेणी में आती है? |
भावी माल |
यदि कोई विक्रेता यह वादा करता है कि "सामान जल्द उपलब्ध होगा", लेकिन वह माल भविष्य में ही बन सकता है, तो यह क्या होगा? |
भावी माल पर समझौता |
यदि क्रेता ने “भावी माल” के लिए अग्रिम राशि दी, लेकिन माल अस्तित्व में नहीं आया, तो क्या वह स्वामित्व का दावा कर सकता है? |
नहीं, क्योंकि माल अस्तित्व में नहीं आया |
भविष्य में खरीदी जाने वाली वस्तु के लिए यदि मूल्य और डिलीवरी डेट तय हो गई है, तो वह अनुबंध क्या कहलाएगा? |
पूर्व अनुबंध (Agreement to Sell) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, भावी माल पर ट्रांसफर तभी संभव है जब उसे विशेष रूप से निर्धारित किया गया हो? |
हीली बनाम हाउलेट एंड संस (1917) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, भावी माल पर भरोसा अनुबंध का आधार बन सकता है? |
गोवर्ड बनाम एटकिंसन (1956) |
“माल” (goods) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(7) |
“माल” की परिभाषा के अंतर्गत कौन आता है? |
चल संपत्ति |
धारा 2(7) के अनुसार “माल” में क्या शामिल होता है? |
हर प्रकार की मूर्त चल संपत्ति |
क्या “स्टॉक” और “शेयर” को "माल" माना जाता है? |
हाँ, जैसा कि परिभाषा में स्पष्ट है |
“माल” की परिभाषा में कौन शामिल नहीं है? |
भवन |
क्या "भविष्य में निर्मित की जाने वाली वस्तुएँ" भी "माल" की श्रेणी में आती हैं? |
हाँ, धारा 2(6) के अनुसार |
एक दुकानदार ने एक ग्राहक को कार के पुर्जे बेचे – यह किस श्रेणी में आएगा? |
माल का विक्रय |
एक व्यक्ति ने खेत से गन्ना काटकर बेचा, यह क्या होगा? |
चल संपत्ति का स्थानांतरण |
यदि एक घोड़ा बेचा गया, तो वह "माल" के अंतर्गत आएगा? |
हाँ, क्योंकि वह मूर्त चल संपत्ति है |
यदि एक चित्रकार किसी दीवार पर चित्र बनाता है, तो क्या वह माल का विक्रय है? |
नहीं, यह सेवा है |
किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सॉफ्टवेयर (यदि CD या हार्ड डिस्क में हो) को “माल” माना? |
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज बनाम आंध्र प्रदेश राज्य (2004) |
“दिवालिया व्यक्ति” (insolvent) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(8) |
क्या केवल "दिवालिया घोषित" व्यक्ति ही "दिवालिया" कहलाता है? |
नहीं, दिवालिया प्रक्रिया प्रारंभ होना ही पर्याप्त है |
“दिवालिया” शब्द का प्रयोग मुख्य रूप से किस उद्देश्य से होता है? |
व्यक्ति की लेन-देन योग्यता निर्धारित करने हेतु |
दिवालिया व्यक्ति की कौन-सी गतिविधि अनुबंध को प्रभावित कर सकती है? |
उसके द्वारा किया गया माल का विक्रय |
क्या कोई दिवालिया व्यक्ति वस्तुओं का वैध विक्रय कर सकता है? |
हाँ, बशर्ते संपत्ति पहले से ट्रांसफर हो चुकी हो |
रमेश पर बैंक का भारी कर्ज है और उसके विरुद्ध दिवालिया प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है — अब उसने गोदाम का माल राजेश को बेचा। यह विक्रय? |
तभी वैध जब ट्रांसफर प्रक्रिया पहले पूरी हो गई हो |
एक व्यापारी ने दिवालिया घोषित होने से एक दिन पहले अपनी दुकान बेच दी। यह ट्रांजैक्शन? |
कोर्ट द्वारा जांच के अधीन होगा |
क्या “दिवालिया” स्थिति व्यक्ति की संपत्ति पर उसका स्वामित्व बना रहता है? |
नहीं, संपत्ति ट्रस्टी या परिसमापक के पास चली जाती है |
दिवालिया होने के बाद यदि कोई व्यक्ति माल बेचता है, तो खरीदार को क्या सावधानी रखनी चाहिए? |
मालिकाना अधिकार की पुष्टि करना |
एक व्यक्ति को कोर्ट ने दिवालिया घोषित किया है — क्या उसका किया गया पूर्व अनुबंध स्वतः रद्द हो जाता है? |
नहीं, पर कोर्ट उसे शून्य घोषित कर सकती है |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, दिवालिया के सौदे वैध हो सकते हैं यदि संपत्ति ट्रांसफर पहले हो गई हो? |
मद्रास के आधिकारिक समनुदेशिती बनाम संपत नायडू (एआईआर 1931) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, गलत न्यायिक निर्णय को भी चुनौती दी जा सकती है? |
किरण सिंह बनाम चमन पासवान (1954) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, व्यक्ति और कंपनी की कानूनी पहचान अलग होती है, कंपनी दिवालिया हो तो व्यक्ति जिम्मेदार नहीं? |
सलोमन बनाम सलोमन एंड कंपनी लिमिटेड (1897) |
“वाणिज्यिक अभिकर्ता” का मुख्य कार्य क्या होता है? |
माल बेचना, खरीदना या रखने का कार्य किसी और के लिए करना |
“वाणिज्यिक अभिकर्ता” (mercantile agent) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(9) |
धारा 2(9) के अनुसार, “वाणिज्यिक अभिकर्ता” कौन होता है? |
जो किसी और के लिए माल बेचने या खरीदने का कार्य करता है |
वाणिज्यिक अभिकर्ता में से कौन-सी शक्ति नहीं होती? |
माल नष्ट करना |
वाणिज्यिक अभिकर्ता के पास माल की कस्टडी किस उद्देश्य से होती है? |
विक्रय, गिरवी या भंडारण हेतु |
क्या वाणिज्यिक अभिकर्ता के पास माल पर मालिकाना हक होता है? |
नहीं |
मोहन ने एक एजेंट को माल बेचने के लिए दिया, लेकिन एजेंट ने गिरवी रख दिया। क्या यह कार्य वैध है? |
हाँ, यदि एजेंट “व्यापारिक एजेंट” है और अच्छे विश्वास में कार्य किया |
एक एजेंट ने मालिक की जानकारी के बिना माल बेच दिया और ग्राहक ने उसे अच्छे विश्वास में खरीदा। क्या ग्राहक का स्वामित्व वैध है? |
हाँ, यदि एजेंट वाणिज्यिक अभिकर्ता है और प्राधिकृत है |
यदि एक व्यक्ति नियमित रूप से दूसरों के लिए वस्तु खरीदता-बेचता है, तो उसे क्या माना जाएगा? |
वाणिज्यिक अभिकर्ता |
एक वाणिज्यिक अभिकर्ता ने सीमा से बाहर जाकर अनुबंध किया, पर ग्राहक को विश्वास था कि वह अधिकृत है — परिणाम? |
ग्राहक का अधिकार सुरक्षित रहेगा |
यदि एक मर्केंटाइल एजेंट ग्राहक से पैसे लेकर गायब हो जाए तो जिम्मेदारी किसकी है? |
एजेंट की |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि वाणिज्यिक अभिकर्ता के उचित कार्य से खरीदार को वैध स्वामित्व मिलता है? |
फोल्क्स बनाम किंग (1923) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, वाणिज्यिक अभिकर्ता द्वारा किए गए गिरवीकरण वैध हो सकते हैं? |
स्टैफ़ोर्ड बनाम एंडरसन (1830) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि एजेंट के पास अधिकार न हो तो भी उसकी कार्रवाई मालिक को बाध्य कर सकती है? |
हेंडरसन एंड कंपनी बनाम विलियम्स (1895) |
“कीमत(price) को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(10) |
धारा 2(10) के अनुसार “कीमत” का अर्थ है: |
क्रेता द्वारा माल के बदले दी गई धनराशि |
“कीमत” किस रूप में दी जानी चाहिए? |
नकद या धन के रूप में |
क्या "कीमत" में वस्तु के बदले वस्तु देना शामिल है? |
नहीं |
क्या "कीमत" और "विचार" (consideration) समान हैं? |
नहीं, कीमत केवल नगद या धन होती है |
यदि विक्रय अनुबंध में कीमत तय नहीं की गई है, तो अनुबंध? |
फिर भी वैध हो सकता है |
राम ने श्याम से एक घड़ी खरीदी, पर कीमत तय नहीं की गई — अब दोनों में विवाद है। इसका निपटारा कैसे होगा? |
न्यायालय उचित मूल्य तय करेगा |
अगर एक विक्रय अनुबंध में लिखा हो “मूल्य बाद में तय किया जाएगा” और फिर सहमति न बने, तो: |
अनुबंध शून्य हो जाएगा |
मूल्य यदि स्पष्ट नहीं है, तो किस आधार पर तय किया जाएगा? |
उचित बाजार मूल्य |
क्या “कीमत” के रूप में किश्तों में भुगतान संभव है? |
हाँ |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, तीसरे पक्ष की ओर से विचार (सोच-विचार) वैध होता है? |
चिन्नया बनाम रामाया (1882) |
किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना: न्यायालय उपयुक्त कीमत तय कर सकता है यदि अनुबंध मौन हो? |
भारत संघ बनाम ए.एल. रलिया राम (1963) |
किस मामले में कोर्ट ने कहा: अनुबंध तभी वैध है जब कीमत तय हो? |
एंड बुचर बनाम आर (1934) |
"सम्पत्ति" (Property)” को किस धारा में परिभाषित किया गया है? |
धारा 2(11) |
"सम्पत्ति" (Property)” का अर्थ भारतीय वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 2(11) के अनुसार क्या है? |
माल की साधारण सम्पत्ति, न कि केवल कोई विशेष सम्पत्ति अभिप्रेत है।
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“सम्पत्ति” शब्द किस प्रकार की वस्तुओं पर लागू होता है? |
चल वस्तुओं पर |
किस स्थिति में "सम्पत्ति" का स्वामित्व विक्रेता से क्रेता में अंतरण होता है? |
जब पार्टियों की मंशा से तय हो |
“सम्पत्ति का अंतरण” किस बात को दर्शाता है? |
अधिकार का ट्रांसफर |
एक अनुबंध में माल की डिलीवरी हो गई लेकिन भुगतान बाकी है — क्या “सम्पत्ति” ट्रांसफर हुई मानी जाएगी? |
केवल यदि माल निर्दिष्ट और डिलीवर हो चुका है |
अगर अनुबंध में स्पष्ट न हो कि सम्पत्ति कब ट्रांसफर होगी, तो इसे कैसे निर्धारित किया जाएगा? |
पार्टियों की मंशा से |
रमेश ने दुकान से फर्नीचर चुना लेकिन भुगतान अगले दिन करने को कहा। उसी रात दुकान में आग लग गई — नुकसान किसका? |
विक्रेता का, क्योंकि सम्पत्ति ट्रांसफर नहीं हुई |
एक मालवाहक ने बिना मालिक की जानकारी के माल किसी को दे दिया — क्या “सम्पत्ति” ट्रांसफर हुई? |
नहीं |
यदि “सम्पत्ति” का स्वामित्व ट्रांसफर नहीं हुआ लेकिन क्रेता ने माल को उपयोग में लेना शुरू कर दिया, तो? |
स्वामित्व ट्रांसफर हुआ माना जाएगा |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि यदि विक्रेता के पास संपत्ति का अधिकार नहीं है, तो विक्रय अमान्य? |
रोलैंड बनाम डिवैल (1923) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि, यदि विक्रेता वैध स्वामी नहीं है, तो खरीदार को हर्जाना मिल सकता है? |
निब्लेट लिमिटेड बनाम कन्फेक्शनर्स मटेरियल्स कंपनी लिमिटेड (1921) |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि पार्टियों की मंशा से संपत्ति ट्रांसफर की समयसीमा तय होती है? |
बटरवर्थ बनाम किंग्सवे मोटर्स लिमिटेड (1954) |
विक्रेता द्वारा दोषपूर्ण शीर्षक की बिक्री से कौन-सा केस संबंधित है? |
रोलैंड बनाम डिवाल |
“माल की क्वालिटी(quality of goods)” की परिभाषा किस धारा में दी गई है? |
धारा 2(12) |
“माल की क्वालिटी” का अर्थ है – |
माल की स्थिति या मानक जो खरीदार अपेक्षित करता है |
कौन-सा 'माल की क्वालिटी' के अंतर्गत नहीं आता है? |
खरीदार की जाति |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि खरीदार की अपेक्षा के अनुसार गुणवत्ता होनी चाहिए? |
ग्रांट बनाम ऑस्ट्रेलियन निटिंग मिल्स लिमिटेड |
यदि कोई वस्तु "चलतू गुणवत्ता" की नहीं है, तो किसके पास दावा करने का अधिकार है? |
खरीदार |
कौन सा केस “गुणवत्ता के संबंध में निहित शर्त”पर आधारित है? |
बाल्ड्री बनाम मार्शल |
यदि कोई ग्राहक बताता है कि उसे 'हिमालय की सैर' के लिए जूते चाहिए और दुकानदार उसे सामान्य जूते देता है जो बर्फ में फिसलते हैं, तो कौन-सी कानूनी धारणा लागू होगी? |
शर्त (condition) |
माल की क्वालिटी के आधार पर अनुबंध को रद्द करने का अधिकार कब होता है? |
जब माल अपेक्षित गुणवत्ता का न हो |
‘गुणवत्ता के संबंध में निहित शर्त” लागू नहीं होती है जब: |
खरीदार ने स्वयं निरीक्षण किया हो |
“विक्रेता(seller) की परिभाषा किस धारा में दी गई है? |
धारा 2(13) |
“विक्रेता” का अर्थ है – |
वह व्यक्ति जो माल बेचता है या बेचने का अनुबंध करता है |
क्या कंपनी "विक्रेता" हो सकती है? |
हाँ, कोई भी विधिक व्यक्ति विक्रेता हो सकता है |
कौन-सा केस विक्रेता और खरीदार के अधिकारों पर केंद्रित है? |
रोलैंड बनाम डिवैल |
अगर विक्रेता माल का स्वामित्व नहीं रखता और उसे बेच देता है, तो कौन-सी शर्त भंग होती है? |
माल पर उचित शीर्षक (Title) |
क्या कोई व्यक्ति जो विक्रेता का एजेंट है, उसे "विक्रेता" माना जा सकता है? |
हाँ ,यदि वह विक्रय करता है |
यदि विक्रेता जानबूझकर दोषपूर्ण माल बेचता है, तो यह कौन-सा अनुबंध उल्लंघन है? |
धोखा (Fraud) |
किस स्थिति में विक्रेता को माल वापस लेने का अधिकार होता है? |
जब खरीदार भुगतान करने में विफल हो और माल अभी विक्रेता के पास हो |
किस मामले में विक्रेता के पास शीर्षक न होने पर खरीदार को नुकसान हुआ और कोर्ट ने खरीदार के पक्ष में निर्णय दिया? |
रोलैंड बनाम डिवाल |
"विनिर्दिष्ट माल" (Specific Goods) की परिभाषा किस धारा में दी गई है? |
धारा 2(14) |
"विनिर्दिष्ट माल" का अर्थ है – |
वह माल अभिप्रेत है, जो उस समय, जब विक्रय की संविदा की जाती है, परिलक्षित और करारित किया जाता है; |
कौन-सा 'विनिर्दिष्ट माल' का उदाहरण है? |
शोरूम में रखी एक विशेष कार जिसकी नंबर प्लेट दी गई हो |
“विनिर्दिष्ट माल” की विशेषता क्या होती है? |
वे स्पष्ट रूप से पहचान योग्य होते हैं |
यदि अनुबंध के समय वस्तु की पहचान स्पष्ट नहीं है, तो वह कौन-सी श्रेणी में आती है? |
अज्ञात माल |
किसी विशेष वस्तु की बिक्री में जब वह वस्तु नष्ट हो जाती है, तो किस नियम का पालन होता है? |
बिक्री से पहले विशिष्ट वस्तुओं का विनाश (धारा 7) |
किस मामले मेंयह कहा गया कि यदि विनिर्दिष्ट माल का अस्तित्व समाप्त हो जाए तो अनुबंध शून्य हो जाता है? |
कॉउट्यूरियर बनाम हेस्टी |
कौन-सा केस ‘विनिर्दिष्ट माल’ के हस्तांतरण के समय को स्पष्ट करता है? |
वर्ली बनाम व्हिप |
यदि विक्रेता विनिर्दिष्ट माल को समय पर डिलीवर नहीं करता और माल विशेष उद्देश्य के लिए था, तो क्या खरीदार को हर्जाने का हक है? |
हाँ, विशिष्ट हानि के लिए हर्जाना मिल सकता है |
यदि खरीदार और विक्रेता दोनों एक विशेष वस्तु की बिक्री के लिए सहमत होते हैं, लेकिन वह वस्तु अनुबंध से पहले ही जल जाती है, तो क्या होगा? |
अनुबंध शून्य हो जाएगा |
धारा 2(15) के अनुसार, ऐसे शब्द जो अधिनियम में प्रयुक्त हैं पर परिभाषित नहीं हैं, उनका अर्थ कहाँ से लिया जाएगा? |
भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 से |
1872 के अधिनियम 9 के उपबंधों का लागू होना (Application of provisions of Act 9 of 1872) से सम्बंधित धारा कौन सी है? |
धारा 3 |
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अध्याय 2 |
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संविदा की विरचना (Formation Of The Contract) |
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विक्रय की संविदा (Contract of Sale) |
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विक्रय और विक्रय करने का करार(Sale and agreement to sell) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 4 |
एक संविदा को विक्रय की संविदा कहा जाता है- |
जहाँ माल की सम्पत्ति विक्रेता से खरीददार को हस्तांतरित की जाती है। |
जब माल का स्वामित्व तुरंत विक्रेता से खरीदार को स्थानांतरित हो जाता है, तो इसे क्या कहा जाता है? |
बिक्री |
जब माल का स्वामित्व भविष्य में स्थानांतरित होना हो, तो वह क्या कहलाता है? |
बेचने का करार |
बिक्री और बिक्री के लिए समझौता में मुख्य अंतर क्या है? |
स्वामित्व का स्थानांतरण |
एक ‘बेचने का करार’ कब ‘बिक्री’ में परिवर्तित हो जाती है? |
जब शर्तें पूरी हो जाएँ और माल खरीदार को सौंप दिया जाए |
राम ने एक घड़ी खरीदी, और उसे तुरंत दे दी गई। यह क्या माना जाएगा? |
बिक्री |
श्याम ने 2 महीने बाद डिलीवरी हेतु एक विशेष मोटरसाइकिल बुक की। यह किस श्रेणी में आएगा? |
बेचने का समझौता |
विक्रय और विक्रय करने के करार में किसका प्रभाव अलग-अलग होता है यदि पक्ष अनुबंध का उल्लंघन करे? |
स्वामित्व का |
किस मामले में यह स्पष्ट किया गया कि माल के स्वामित्व के स्थानांतरण की मंशा से अनुबंध बिक्री होता है? |
टार्लिंग बनाम बैक्सटर |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि यदि माल भविष्य में डिलीवर होना है, तो यह बेचने का समझौता है? |
एल्ड्रिज बनाम जॉनसन |
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संविदा की प्ररूपिताएं (Subject-matter of contract) |
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माल विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 5 किस विषय से संबंधित है? |
विक्रय की संविदा कैसे की जाती है (Contract of sale how made) |
धारा 5 के अनुसार विक्रय की संविदा किस रूप में की जा सकती है? |
लिखित, मौखिक या आचरण द्वारा |
धारा 5 के अनुसार विक्रय की संविदा में क्या आवश्यक तत्व होता है? |
मूल्य (Price) |
विक्रय की संविदा किस अधिनियम के सिद्धांतों के अनुरूप बनती है? |
भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 |
राम ने श्याम को मौखिक रूप से एक घोड़ा बेचने की बात कही और श्याम ने मान लिया। यह क्या होगा? |
मौखिक विक्रय की संविदा |
विक्रय की संविदा किस प्रकार की जा सकती है? |
मौखिक, लिखित या आचरण द्वारा |
यदि कोई विक्रेता बिना खरीदार से बोले माल भेज देता है और खरीदार उसे स्वीकार कर लेता है, तो क्या यह संविदा है? |
हाँ, आचरण द्वारा बनी संविदा |
क्या मूल्य तय किए बिना विक्रय की संविदा मान्य है? |
हाँ, अगर नियत प्रथा के अनुसार हो |
क्या "आगामी माल" (Future Goods) पर भी धारा 5 लागू होती है? |
हाँ, सभी प्रकार के माल पर |
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संविदा की विषय वस्तु (Subject-matter of contract) |
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धारा 6 किस विषय से संबंधित है? |
वर्तमान या भावी माल (Existing or future goods) |
"वर्तमान माल" का क्या अर्थ है? |
जो अभी विक्रेता के पास मौजूद है |
"भावी माल" का क्या तात्पर्य है? |
ऐसा माल जो अभी बना नहीं है लेकिन भविष्य में उत्पन्न होगा |
क्या भावी माल की बिक्री को "बिक्री करना"कहा जा सकता है? |
नहीं, यह केवल बेचने का समझौता है |
कौन-सा माल "वर्तमान माल" की श्रेणी में आता है? |
स्टॉक में रखी हुई किताबें |
एक व्यापारी ने ग्राहक को कहा कि गेहूं की फसल 2 महीने बाद तैयार होगी और वह उसे बेचना चाहता है। यह किस प्रकार का माल है? |
भावी माल |
एक ग्राहक ने विक्रेता की दुकान में मौजूद रेडीमेड शर्ट खरीदी। यह किस प्रकार का माल है? |
वर्तमान माल |
किस मामले में यह माना गया कि " बिक्री " तभी होती है जब माल अस्तित्व में हो? |
टार्लिंग बनाम बैक्सटर |
यदि माल का अस्तित्व ही नहीं है और उसकी बिक्री की जाती है, तो क्या वह वैध "बिक्री" है? |
नहीं |
क्या वर्तमान माल में शामिल माल पर खरीदार का स्वामित्व तुरंत आ जाता है? |
हाँ, यदि संविदा में ऐसा प्रावधान हो |
क्या भावी माल की विक्रय की संविदा लिखित होनी अनिवार्य है? |
यह मौखिक, लिखित या आचरण द्वारा हो सकती है |
क्या भावी माल पर खरीदार का स्वामित्व तुरंत लागू होता है? |
नहीं, जब तक वह माल अस्तित्व में न आ जाए |
धारा 7 किस स्थिति से संबंधित है? |
संविदा की जाने के पूर्व माल का नष्ट होना (Goods perishing before making of contract) |
यदि किसी वस्तु की विक्रय की संविदा उस स्थिति में की जाती है जब माल पहले ही नष्ट हो चुका हो और दोनों पक्षों को जानकारी न हो, तो क्या संविदा वैध है? |
नहीं |
धारा 7 में किन मालों की बात की गई है? |
निर्दिष्ट माल (Specific Goods) |
धारा 7 के तहत अगर माल की विनाश की जानकारी किसी पक्ष को नहीं हो और संविदा हो जाए, तो वह संविदा है— |
शून्य (Void) |
संविदा से पूर्व माल के नष्ट हो जाने की स्थिति में यह किस सिद्धांत पर आधारित होता है? |
असंभवता (Doctrine of Impossibility) |
राम ने श्याम को एक बैल बेचने का करार किया, परंतु करार से एक दिन पहले ही बैल मर गया था और दोनों को इसकी जानकारी नहीं थी। यह संविदा है— |
शून्य |
एक गाड़ी जो सौदे में शामिल थी, आग लगने से नष्ट हो गई थी और फिर भी अनुबंध हुआ। दोनों पक्ष अनभिज्ञ थे। संविदा की स्थिति क्या होगी? |
शून्य |
अगर माल संविदा से पहले आंशिक रूप से नष्ट हुआ है और दोनों पक्षों को पता नहीं है, तो क्या होगा? |
संविदा आंशिक रूप से बाध्यकारी होगी |
किस प्रसिद्ध केस में यह स्थापित हुआ कि यदि माल अनुबंध से पूर्व नष्ट हो जाए, तो अनुबंध शून्य होगा? |
कॉट्यूरियर बनाम हेस्टी (1856) |
कौन-सा केस "विशिष्ट सामान" के पूर्व नष्ट होने पर अनुबंध के शून्य होने को दर्शाता है? |
हॉवेल बनाम कप्लैंड (1876) |
धारा 7 के तहत अनुबंध शून्य क्यों होता है जब माल पहले ही नष्ट हो गया हो? |
क्योंकि संविदा के लिए आवश्यक वस्तु का अस्तित्व ही नहीं है |
अगर विक्रेता को माल के नष्ट होने की जानकारी थी लेकिन खरीदार को नहीं, और फिर भी संविदा की, तो क्या यह संविदा वैध है? |
नहीं, यह धोखाधड़ी है |
क्या धारा 7 केवल "विशिष्ट सामान" पर लागू होता है? |
हाँ, केवल निर्दिष्ट माल (specific goods) पर |
यदि माल पहले से नष्ट हो और विक्रेता को जानकारी हो, तो वह क्या कर्तव्य निभाने में असफल माना जाएगा? |
उचित खुलासा (Disclosure) |
धारा 8 किस परिस्थिति से संबंधित है? |
विक्रय के पूर्व किन्तु विक्रय करने के करार के पश्चात् माल का नष्ट हो जाना (Goods perishing before sale but after agreement to sell) |
यदि माल बेचने का समझौता के बाद लेकिन बिक्री से पहले बिना किसी पक्ष की गलती के नष्ट हो जाए, तो करार की स्थिति क्या होगी? |
शून्य (Void) |
धारा 8 किस प्रकार के माल पर लागू होती है? |
विशिष्ट माल |
माल नष्ट होने की स्थिति में अनुबंध कब शून्य माना जाएगा? |
जब बिना किसी पक्ष की गलती से माल नष्ट हो जाए |
अगर विक्रेता की लापरवाही से माल नष्ट हुआ हो, तो संविदा— |
खरीदार के पक्ष में होगी |
किस मामले में यह निर्णय हुआ कि माल के नष्ट हो जाने की स्थिति में करार शून्य (Void) माना जाएगा यदि यह बिना किसी की गलती से हुआ हो? |
हॉवेल बनाम कूपलैंड (1876) |
क्या धारा 8 केवल निर्दिष्ट माल (Specific Goods) पर लागू होती है? |
हाँ |
क्या किसी भी स्थिति में खरीदार नष्ट हुए माल का भुगतान करने के लिए बाध्य होता है? |
हाँ, यदि स्वामित्व ट्रांसफर हो गया हो |
यदि माल करार के पश्चात नष्ट हो जाए, और खरीदार ने बीमा लिया हो, तो दावा किसके द्वारा किया जाएगा? |
खरीदार |
यदि माल का विनाश एक तृतीय पक्ष की गलती से हुआ हो, तो क्या संविदा शून्य होगी? |
तृतीय पक्ष पर दावा किया जा सकता है |
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कीमत (The price) |
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धारा 9 किस विषय से संबंधित है? |
कीमत अभिनिश्चित करना (Ascertainment of price) |
धारा 9 के अनुसार कीमत कैसे निर्धारित की जा सकती है? |
संविदा द्वारा, पूर्ववर्ती व्यवहार से, न्यायालय द्वारा |
यदि संविदा में कीमत निर्दिष्ट नहीं है, तो इसे कैसे तय किया जाएगा? |
युक्तिसंगत मूल्य (reasonable price) के आधार पर |
"उचित मूल्य" का तात्पर्य है— |
सामान्य परिस्थितियों में प्रचलित मूल्य |
यदि कीमत तय करने की जिम्मेदारी किसी तीसरे पक्ष को दी गई हो, और वह ऐसा करने में असमर्थ हो, तो— |
अनुबंध रद्द होगा |
यदि विक्रेता और खरीदार ने कीमत तय नहीं की, और कोई बाजार दर नहीं है, तो कोर्ट किस आधार पर निर्णय लेगा? |
युक्तिसंगत मूल्य |
एक व्यापारी और ग्राहक के बीच माल के विक्रय का अनुबंध हुआ, लेकिन कीमत बाद में तय करनी थी। तीसरे पक्ष ने कीमत तय नहीं की। अनुबंध की स्थिति क्या होगी? |
शून्य |
जहाँ इस निबन्धन पर माल का विक्रय करने का करार है कि कीमत किसी तीसरे व्यक्ति के मूल्यांकन द्वारा नियत की जायेगी और यदि ऐसा व्यक्ति मूल्यांकन करने में विफल रहता है तो- |
क्रेता तथा विक्रेता मूल्यांकन नहीं कर सकते और संविदा शून्य हो जाती है |
यदि कीमत को बाद में तय करना तय हो लेकिन कोई पक्ष इस प्रक्रिया में असहयोग करे, तो संविदा— |
शून्य हो जाएगी |
यदि कीमत को तय करने का कार्य किसी तीसरे व्यक्ति को सौंपा गया था और उसने कीमत तय कर दी, तो— |
संविदा बाध्यकारी हो जाएगी |
किस मामले में यह स्पष्ट किया गया कि यदि कीमत अनुबंध में निर्दिष्ट नहीं है, तो युक्तिसंगत मूल्य लागू होगा? |
एंड बुचर बनाम आर |
कौन-सा सिद्धांत कीमत के निर्धारण में लागू होता है जब अनुबंध मौन है? |
उचित मूल्य |
धारा 10 का संबंध किससे है? |
मूल्यांकन पर विक्रय करने का करार (Agreement to sell at valuation) |
धारा 10 के तहत यदि तीसरा पक्ष मूल्य निर्धारण करने में विफल हो जाए, और यह किसी पक्ष की गलती से हो, तो क्या होगा? |
निर्दोष पक्ष हर्जाने की मांग कर सकता है |
मूल्यांकन पर आधारित विक्रय तब वैध माना जाएगा जब— |
मूल्य को तीसरे पक्ष के द्वारा तय किया जाना हो |
मूल्यांकन तय होने से पहले खरीदार ने आंशिक रूप से भुगतान कर दिया था, और करार रद्द हो गया। क्या उसे धन वापस मिलेगा? |
हाँ |
कौन-से केस में यह स्थापित किया गया कि मूल्य को बाद में तय करने की स्थिति में जब वह तय न हो पाए, तो करार शून्य हो जाएगा? |
बुचर बनाम आर |
यदि मूल्य निर्धारित करने की जिम्मेदारी किसी पक्ष की गलती से विफल हो जाए, तो क्या परिणाम होगा? |
दोषी पक्ष पर हर्जाना लगाया जाएगा |
धारा 10 के अनुसार, मूल्य का निर्धारण यदि किसी तीसरे पक्ष को सौंपा जाए और वह मूल्य निर्धारित कर दे, तो क्या करार पूर्ण होगा? |
हाँ |
क्या मूल्य का निर्धारण केवल लिखित रूप में ही किया जाना चाहिए? |
नहीं, मौखिक या आचरण द्वारा भी हो सकता है |
“मूल्यांकन” से क्या अभिप्राय है? |
मूल्य का निर्धारण |
क्या तीसरे पक्ष का मूल्य निर्धारण अंतिम होता है? |
हाँ, जब तक वह अनुचित न हो |
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शर्ते और वारंटियाँ (Conditions and warranties) |
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धारा 11 का संबंध किससे है? |
समय के बारे में अनुबन्ध (Stipulations as to time) |
धारा 11 के अनुसार "समय का महत्व" क्या दर्शाता है? |
समय की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए अनुबंध तय किया जाता है |
"समय का महत्व" (Time is of the essence) की स्थिति तब होती है जब— |
दोनों पक्षों के लिए समय की सटीकता महत्वपूर्ण होती है |
"समय का महत्व" की शर्त किस स्थिति में लागू होती है? |
जब अनुबंध में स्पष्ट रूप से समय सीमा तय की गई हो |
यदि समय के बारे में स्पष्ट रूप से कोई शर्त नहीं है, तो यह समझा जाएगा कि— |
समय अनुबंध का महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं है |
यदि समय को अनुबंध में "महत्वपूर्ण नहीं" बताया गया हो और विक्रेता डिलीवरी में देरी करता है, तो खरीदार को क्या अधिकार होगा? |
विक्रेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं |
यदि एक अनुबंध में समय सीमा को "महत्वपूर्ण" नहीं माना जाता, और विक्रेता ने समय सीमा के बाद माल डिलीवर किया, तो खरीदार के पास क्या विकल्प होंगे? |
डिलीवरी को स्वीकार करके, अनुबंध को जारी रख सकता है |
किस मामले में यह निर्णय लिया गया था कि "समय का महत्व" (Time is of the essence) की शर्त लागू होने पर अनुबंध के उल्लंघन की स्थिति में वह शून्य हो सकता है? |
पॉसार्ड बनाम स्पियर्स एंड पॉन्ड |
यदि अनुबंध में "समय का महत्व" पर कोई शर्त नहीं है, तो किसे लागू किया जाएगा? |
समय पर डिलीवरी जरूरी नहीं है
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यदि एक अनुबंध में समय को "महत्वपूर्ण नहीं" माना जाता है, तो देरी से डिलीवरी की स्थिति में खरीदार के पास कौन सा अधिकार होता है? |
डिलीवरी को स्वीकार करना |
यदि विक्रेता ने समय सीमा के बाद माल डिलीवर किया और अनुबंध में समय को "महत्वपूर्ण" माना गया था, तो खरीदार क्या कर सकता है? |
अनुबंध को समाप्त कर सकता है |
"समय का महत्व" (Time is of the essence) के सिद्धांत के अनुसार, क्या किसी अनुबंध में समय सीमा के उल्लंघन के बाद पक्षकारों को नुकसान उठाना होगा? |
हाँ, यदि समय सीमा को अनदेखा किया गया हो |
समय सीमा के उल्लंघन पर किसी पार्टी के पक्ष में कानूनी कार्रवाई तभी हो सकती है जब— |
समय सीमा को स्पष्ट रूप से अनुबंध में उल्लिखित किया गया हो |
धारा 12 का संबंध किससे है? |
शर्त और वारन्टी (Condition and warranty) |
धारा 12 के अनुसार, शर्त और वारन्टी के बीच क्या अंतर है? |
शर्त महत्वपूर्ण होती है, जबकि वारन्टी कम महत्वपूर्ण होती है |
शर्त के उल्लंघन की स्थिति में क्या होता है? |
खरीदार को अनुबंध समाप्त करने का अधिकार होता है |
जब एक विक्रेता माल की गुणवत्ता का आश्वासन देता है, तो यह— |
वारन्टी होती है |
श्यामा ने 100 किलो आलू खरीदे और विक्रेता ने कहा कि आलू ताजे और अच्छे होंगे। आलू खराब निकले। विक्रेता को क्या करना होगा? |
विक्रेता को हर्जाना देना होगा |
यदि एक विक्रेता और खरीदार ने अनुबंध में शर्तों के तहत माल की गुणवत्ता पर समझौता किया है और विक्रेता इसे नहीं पूरा करता, तो खरीदार का क्या अधिकार होगा? |
अनुबंध को समाप्त कर सकता है |
अगर विक्रेता ने वारन्टी के रूप में दी गई जानकारी के विपरीत माल की डिलीवरी की है, तो खरीदार क्या कर सकता है? |
माल को वापस कर सकता है और हर्जाना मांग सकता है |
कौन-से केस में यह सिद्ध किया गया कि शर्त और वारन्टी के बीच अंतर को समझना महत्वपूर्ण है? |
हार्लिंगडन एंड लेइनस्टर एंटरप्राइजेज लिमिटेड बनाम क्रिस्टोफर हल फाइन आर्ट लिमिटेड |
जब कोई वारन्टी उल्लंघन होता है और विक्रेता इसे ठीक करने का अवसर नहीं देता, तो खरीदार के पास क्या अधिकार होते हैं? |
अनुबंध को समाप्त करने का अधिकार |
यदि अनुबंध में शर्त को उल्लंघन किया जाता है तो क्या होगा? |
अनुबंध को रद्द किया जा सकता है |
यदि कोई वारन्टी उल्लंघन किया गया है और विक्रेता इसकी मरम्मत नहीं करता, तो खरीदार को क्या अधिकार मिलता है? |
माल को वापस कर सकते हैं, अनुबंध को रद्द कर सकते हैं, हर्जाना की मांग कर सकते हैं |
धारा 13 का संबंध किससे है? |
शर्त कब वारण्टी मानी जा सकेगी (When condition to be treated as warranty) |
धारा 13 के अनुसार शर्त कब वारन्टी मानी जा सकती है? |
जब विक्रेता और खरीदार दोनों की सहमति हो, जब शर्त का उल्लंघन छोटा हो, जब शर्त का उल्लंघन वारन्टी जैसा हो |
"यदि शर्त का उल्लंघन मामूली हो और इसके बावजूद खरीदार ने माल को स्वीकार कर लिया हो, तो शर्त को वारन्टी के रूप में माना जा सकता है" यह किस धारा के तहत आता है? |
धारा 13 |
शर्त को वारन्टी में बदलने का निर्णय कौन करता है? |
न्यायालय |
जब शर्त का उल्लंघन मामूली हो और यह विक्रेता या खरीदार के द्वारा सहमति से स्वीकार किया जाए तो उसे क्या माना जाएगा? |
वारन्टी |
यदि विक्रेता ने समय पर डिलीवरी नहीं की और खरीदार ने इसका कोई विरोध नहीं किया, तो वह शर्त को वारन्टी के रूप में मान सकता है। यह स्थिति किस धारा के तहत आती है? |
धारा 13 |
यदि माल में कोई दोष पाया गया हो लेकिन खरीदार ने उसे स्वीकार कर लिया हो, तो क्या यह शर्त को वारन्टी में बदलने का कारण हो सकता है? |
हाँ, यदि विक्रेता के साथ समझौता हुआ हो |
यदि विक्रेता ने माल की गुणवत्ता का आश्वासन दिया था और कुछ हद तक वह आश्वासन सही था, लेकिन पूरी तरह से नहीं, तो क्या इसे शर्त के उल्लंघन के रूप में माना जाएगा? |
हाँ, यह शर्त का उल्लंघन है और उसे वारन्टी में बदला जा सकता है |
यदि विक्रेता ने एक बड़ी शर्त दी और बाद में खरीदार ने इसे स्वीकार कर लिया, तो क्या यह शर्त वारन्टी में बदल सकती है? |
हाँ, यदि विक्रेता के साथ समझौता किया गया हो |
शर्त का उल्लंघन यदि मामूली हो और खरीदार ने उसे स्वीकार कर लिया हो, तो यह शर्त को वारन्टी में कैसे बदलेगा? |
शर्त को वारन्टी में बदला जा सकता है केवल तभी जब खरीदार ने किसी निर्णय को स्वीकार किया हो |
शर्त को वारन्टी में बदलने की स्थिति में विक्रेता पर क्या जिम्मेदारी आती है? |
विक्रेता को हर्जाना देना होगा |
धारा 14 किससे सम्बन्धित हैं? |
हक आदि के बारे में विवक्षित परिवचन (Implied undertaking as to title, etc) |
यदि विक्रेता को माल का स्वामित्व नहीं है, तो वह किस स्थिति में खरीदार को माल का स्वामित्व नहीं दे सकता? |
जब विक्रेता का माल पर कोई अधिकार न हो |
धारा 14 के तहत "विक्रेता का हक" से क्या अभिप्राय है? |
विक्रेता को माल का स्वामित्व बेचने का अधिकार है |
अगर विक्रेता ने माल बेचने के दौरान इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि उसे माल का स्वामित्व नहीं है, तो यह किस प्रकार की धोखाधड़ी मानी जाएगी? |
अनुबंध का उल्लंघन |
"अज्ञात प्रिंसिपल" केस में क्या निर्णय लिया गया था? |
विक्रेता द्वारा माल का स्वामित्व नहीं होने पर अनुबंध को समाप्त किया जा सकता है |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता के पास स्वामित्व न होने के कारण अनुबंध को रद्द किया जा सकता है? |
रोलैंड बनाम डिवैल |
किस मामले में विक्रेता का क्या कर्तव्य था, विक्रेता को माल का स्वामित्व और वैध अधिकार होना चाहिए था? |
बौल्टन बनाम जोन्स |
यदि विक्रेता ने माल की बिक्री के समय इसे बेचने का अधिकार नहीं बताया और माल का स्वामित्व दूसरे व्यक्ति के पास था, तो यह किस स्थिति में आएगा? |
खरीदार को विक्रेता से माल वापस मांगने का अधिकार होगा |
अगर विक्रेता माल बेचने का अधिकार नहीं रखता, तो अनुबंध के किस तत्व पर असर पड़ेगा? |
अनुबंध पूरी तरह से रद्द हो सकता है |
धारा 14 के तहत, अगर विक्रेता ने यह साबित किया कि वह माल को बेचने का अधिकार नहीं रखता था, तो वह कौन-सी जिम्मेदारी निभाएगा? |
विक्रेता को माल के बदले पैसा वापस करना होगा, विक्रेता को हर्जाना देना होगा, विक्रेता को अनुबंध समाप्त करना होगा |
धारा 15 किससे सम्बन्धित हैं |
वर्णनानुसार विक्रय (Sale by description) |
धारा 15 के तहत विक्रय को वर्णनानुसार विक्रय माना जाता है, यदि विक्रेता माल को किस आधार पर बेचता है? |
केवल माल के बारे में विवरण या विशेषताएँ बताने के आधार पर |
धारा 15 के अनुसार "वर्णनानुसार विक्रय" का अर्थ क्या है? |
विक्रेता ने माल के बारे में विवरण या गुण बताए हों |
अगर विक्रेता द्वारा माल का विवरण पूरी तरह से सही नहीं था, तो यह किस धारा के तहत आएगा? |
धारा 15 |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल का विवरण गलत देने पर हर्जाना देना होगा? |
बील बनाम टेलर |
किस मामले में सिद्ध हुआ था, विक्रेता का विवरण गलत था, और विक्रेता को अनुबंध को रद्द करने का अधिकार मिला? |
आर्कोस लिमिटेड बनाम ई.ए. रोनासेन एंड सन |
किस मामले में सिद्ध हुआ था, विक्रेता का माल का विवरण गलत था, जिससे अनुबंध रद्द हो गया? |
फिशर बनाम बेल |
विक्रेता ने माल के बारे में कुछ गलत जानकारी दी, लेकिन खरीदार ने इसे स्वीकार किया और माल खरीदा। इस स्थिति में क्या होगा? |
खरीदार विक्रेता से हर्जाना मांग सकता है |
धारा 15 के तहत यदि विक्रेता ने माल के बारे में विवरण दिया और वह विवरण गलत था, तो विक्रेता पर क्या जिम्मेदारी आएगी? |
विक्रेता को माल की कीमत वापस करनी होगी, विक्रेता को हर्जाना देना होगा, विक्रेता को अनुबंध समाप्त करना होगा |
जहाँ कि संविदा वर्णनानुसार माल के दिक्रय के लिए हो वहाँ यह विवक्षित शर्त रहती है कि माल वर्णन के अनुरूप होगा, ऐसा उपबन्धित है - |
धारा 15 |
यदि विक्रेता ने माल के बारे में गलत विवरण दिया और खरीदार ने इसे स्वीकार कर लिया, तो क्या वह विक्रेता पर दावा कर सकता है? |
नहीं, क्योंकि खरीदार ने स्वीकार कर लिया, हाँ, यदि विक्रेता ने विवरण में धोखाधड़ी की हो, हाँ, यदि विक्रेता ने विवरण में कोई त्रुटि की हो |
धारा 16 किससे सम्बन्धित हैं? |
क्वालिटी या योग्यता के बारे में विवक्षित शर्तें (Implied conditions as to quality or fitness) |
धारा 16 के तहत, यदि विक्रेता माल को किसी विशेष उद्देश्य के लिए बेचता है, तो क्या शर्त होती है? |
विक्रेता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माल उस विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त है |
धारा 16 के अनुसार, यदि खरीदार ने माल का विशेष उद्देश्य विक्रेता को बताया है, तो विक्रेता पर क्या जिम्मेदारी आती है? |
विक्रेता को यह सुनिश्चित करना होता है कि माल उस विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त है |
धारा 16 के तहत, विक्रेता को माल की गुणवत्ता और योग्यता के बारे में क्या जिम्मेदारी होती है? |
विक्रेता को माल की गुणवत्ता और योग्यता के बारे में सुनिश्चित करना होता है, अगर माल का उपयोग विशेष उद्देश्य के लिए किया जा रहा है |
धारा 16 के अनुसार, विक्रेता को माल की गुणवत्ता की गारंटी देने का कर्तव्य कब होता है? |
जब विक्रेता को माल का विशेष उद्देश्य बताया गया हो |
धारा 16 के तहत, यदि विक्रेता ने माल को किसी विशेष उद्देश्य के लिए बेचा है और वह उपयुक्त नहीं है, तो खरीदार के पास क्या अधिकार होते हैं? |
खरीदार को माल वापस करने का अधिकार होता है, विक्रेता को मुआवजा देने का कर्तव्य होता है, विक्रेता को अनुबंध समाप्त करने का अधिकार होता है |
यदि किसी व्यक्ति ने एक दुकान से एक विशेष प्रकार का दवाइयाँ खरीदीं, और विक्रेता को बताने के बाद कि इसे एक विशेष बीमारी के इलाज के लिए उपयोग करना है, फिर दवाइयाँ प्रभावी नहीं होतीं, तो इस स्थिति में क्या होगा? |
विक्रेता को माल बदलने या मुआवजा देने का कर्तव्य होगा |
किस मामले में सिद्ध हुआ था, विक्रेता को माल की उपयुक्तता की गारंटी देनी चाहिए थी, जब खरीदार ने उसे विशेष उद्देश्य के बारे में बताया? |
कुमागाई बनाम पार्लेट |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल की उपयुक्तता की गारंटी देने का कर्तव्य था? |
ग्रिफ़िथ बनाम पीटर कॉनवे लिमिटेड |
किस मामले में विक्रेता की जिम्मेदारी के बारे में क्या सिद्ध हुआ था, विक्रेता को माल के विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्तता की गारंटी देनी थी? |
म्यूरहेड बनाम इंडस्ट्रियल टैंक स्पेशलिटीज लिमिटेड |
विक्रेता ने माल को एक विशेष उद्देश्य के लिए बेचा, लेकिन वह माल उस उद्देश्य के लिए उपयुक्त नहीं था। इस स्थिति में विक्रेता के खिलाफ क्या कदम उठाए जा सकते हैं? |
विक्रेता को माल का मुआवजा देना होगा |
यदि खरीदार ने विक्रेता से माल खरीदा और विक्रेता को यह बताया कि वह उस माल का उपयोग एक विशेष उद्देश्य के लिए करना चाहता है, लेकिन विक्रेता द्वारा माल उपयुक्त नहीं था, तो क्या होगा? |
विक्रेता को मुआवजा देना होगा |
धारा 16 के तहत, विक्रेता को माल की उपयुक्तता के बारे में क्या कर्तव्य होता है, यदि खरीदार ने इसे किसी विशेष उद्देश्य के लिए खरीदा है? |
विक्रेता को माल की उपयुक्तता की गारंटी देनी चाहिए |
किस धारा में कैवियट इम्पटर (क्रेता सावधान) के सिद्धान्त को अपनाया गया है? |
धारा 16 |
धारा 17 के अनुसार, जब विक्रेता माल को एक नमूने के अनुसार बेचता है, तो विक्रेता का क्या कर्तव्य होता है? |
विक्रेता को माल के नमूने के अनुरूप माल की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होती है |
किस धारा में नमूने के अनुसार विक्रय(Sale by sample) का उपबन्ध है? |
धारा 17 |
यदि विक्रेता ने किसी विशेष नमूने के आधार पर माल बेचा है, तो माल उस नमूने से मेल नहीं खाता, तो क्या होगा? |
विक्रेता को मुआवजा देने का कर्तव्य होता है |
धारा 17 के अनुसार, विक्रेता को माल के नमूने के अनुरूप गुणवत्ता और फिटनेस को सुनिश्चित करना होता है, क्या यह शर्त है? |
हाँ, यह विक्रेता के लिए एक शर्त है |
यदि विक्रेता ने माल के नमूने को एक विशेष उद्देश्य के लिए दिखाया है, तो विक्रेता को उस माल को उपयुक्त बनाना चाहिए, क्या यह सही है? |
हाँ, विक्रेता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माल उस उद्देश्य के लिए उपयुक्त है |
जब विक्रेता माल का विक्रय एक नमूने के आधार पर करता है, तो क्या विक्रेता को माल का परीक्षण करने का अधिकार होता है? |
हाँ, विक्रेता को माल का परीक्षण करने का अधिकार होता है |
राम ने विक्रेता से एक विशेष प्रकार के कपड़े खरीदे, और विक्रेता ने उसे एक नमूना दिखाया। लेकिन कपड़े नमूने से मेल नहीं खाते। इस स्थिति में विक्रेता को क्या करना चाहिए? |
विक्रेता को मुआवजा देने का कर्तव्य होता है |
अगर विक्रेता ने माल का विक्रय एक नमूने के आधार पर किया और माल उस नमूने से मेल नहीं खाता, तो खरीदार के पास क्या विकल्प होते हैं? |
खरीदार विक्रेता के खिलाफ दावा कर सकता है और मुआवजा मांग सकता है |
यदि विक्रेता ने एक विशेष प्रकार की लकड़ी का नमूना दिखाया है और माल उस नमूने से मेल नहीं खाता, तो क्या विक्रेता के पास कोई जिम्मेदारी होगी? |
विक्रेता को मुआवजा देना होगा या लकड़ी को बदलना होगा |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल के नमूने के अनुरूप गुणवत्ता की गारंटी देनी होती है? |
ब्लाइथ बनाम हर्स्ट |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल के नमूने के अनुरूप गारंटी देने का कर्तव्य था? |
बील बनाम टेलर |
किस मामले में विक्रेता के कर्तव्य के बारे में क्या सिद्ध हुआ था, विक्रेता को माल के नमूने के अनुरूप गुणवत्ता की गारंटी देनी होती है? |
ऑस्कर शतरंज लिमिटेड बनाम विलियम्स |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल की उपयुक्तता की गारंटी देनी चाहिए थी? |
फ़ॉले बनाम क्लासिक कोच लिमिटेड |
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अध्याय 3 |
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संविदा के प्रभाव (Effects Of the Contract) |
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विक्रेता और क्रेता के बीच संपत्ति का अन्तरण (Transfer of property as between seller and buye)r |
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धारा 18 किससे सम्बन्धित हैं? |
माल को अभिनिश्चित करना होगा (Goods must be ascertained) |
धारा 18 के अनुसार, विक्रेता को माल को किस प्रकार से अभिनिश्चित करना होगा? |
माल को उचित प्रकार से पहचाना और निर्दिष्ट किया जाना चाहिए |
विक्रेता को माल का अभिनिश्चित करने के लिए किस प्रकार के विवरण की आवश्यकता होती है? |
माल का रूप, माप और मात्रा |
यदि माल विक्रय के समय अभिनिश्चित नहीं किया जाता, तो क्या विक्रेता के लिए कोई दायित्व होगा? |
हाँ, विक्रेता को मुआवजा देना होगा |
विक्रेता को माल को अभिनिश्चित करना क्यों आवश्यक होता है? |
ताकि खरीदार के पास माल की सही पहचान हो सके |
अगर विक्रेता ने माल का विक्रय एक निर्दिष्ट विवरण के बिना किया है, तो खरीदार के पास कौन सा विकल्प होगा? |
खरीदार विक्रेता से माल बदलने का दावा कर सकता है |
किस मामले में विक्रेता के माल को अभिनिश्चित करने के बारे में क्या निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल का माप और वजन सुनिश्चित करना होता है? |
कुंडी बनाम लिंडसे |
किस मामले में क्या निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल का माप और वजन सुनिश्चित करना था? |
रे मूर एंड कंपनी बनाम लैंडॉउर एंड कंपनी |
यदि विक्रेता ने माल को बेचने के बाद उसे वापस ले लिया, तो सम्पत्ति का संक्रांति किसे माना जाएगा? |
खरीदार को |
किस मामले में सम्पत्ति के संक्रांत होने से संबंधित क्या निर्णय लिया गया था, संक्रांति तब होती है जब माल खरीदार के पास पहुंच जाता है? |
एम/एस. जोन्स बनाम ए.डी. मिलर |
विक्रेता और खरीदार के बीच एक करार हुआ, जिसमें माल की संक्रांति का समय नहीं तय किया गया। ऐसी स्थिति में, सम्पत्ति का संक्रांति कब होगा? |
खरीदार के द्वारा माल को प्राप्त करने पर |
यदि विक्रेता ने माल की डिलीवरी के बाद भी उस पर अपनी सम्पत्ति का अधिकार बनाए रखा, तो ऐसा करार धारा 19 के तहत कैसे माना जाएगा? |
अवैध |
धारा 19 किससे सम्बन्धित हैं? |
सम्पत्ति तब संक्रान्त होती है जब उसका संक्रान्त होना आशयित हो (Property passes when intended to pass) |
विक्रेता एव क्रेता के मध्य सम्पत्ति अन्तरण के लिये यह आवश्यक है कि- |
माल अभिनिश्चित कर दिया गया हो |
'माल की बिक्री अधिनियम' की धारा 19 के अंतर्गत सम्पत्ति के संक्रांति की विशेषता क्या है? |
सम्पत्ति की संक्रांति विक्रेता द्वारा माल के वितरण पर होती है |
विक्रेता ने माल की डिलीवरी से पहले माल का नुकसान हो जाने पर, सम्पत्ति का संक्रांति कौन करेगा? |
विक्रेता |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, जो सम्पत्ति के संक्रांति से संबंधित था, सम्पत्ति का संक्रांति खरीदार के द्वारा माल की प्राप्ति पर होता है? |
फोले बनाम क्लासिक कोच लिमिटेड. |
यदि विक्रेता और खरीदार के बीच कोई लिखित करार नहीं है, तो सम्पत्ति का संक्रांति किस स्थिति में माना जाएगा? |
जब माल खरीदार के पास पहुंच जाता है |
सम्पत्ति तब अन्तरित होती है जब अन्तरण करने का आशय हो, पक्षकारों के आशय को अभिनिश्चित करने के प्रयोजन के लिये ध्यान में रखा जायेगा- |
संविदा के निबन्धन पक्षकारों के आचरण मामले की परिस्थितियां |
धारा 20 किससे सम्बन्धित हैं? |
परिदेय स्थिति में विनिर्दिष्ट माल (Specific goods in a deliverable state) |
धारा 20 के अनुसार, "परिदेय स्थिति में विनिर्दिष्ट माल" का क्या मतलब है? |
माल का विक्रय उस समय होता है जब विक्रेता उसे विशेष रूप से निर्दिष्ट करता है |
धारा 20 के अनुसार, परिदेय स्थिति में विनिर्दिष्ट माल का क्या मतलब है जब वह माल विक्रेता के पास उपलब्ध नहीं हो? |
विक्रेता का दायित्व समाप्त हो जाएगा |
जिनमें माल परिदेय स्थिति में होगा" पर किस तरह का निर्णय लिया गया है? |
विक्रेता केवल जब माल परिदेय स्थिति में हो, तभी उसे भेज सकता है |
केस में परिदेय स्थिति में विनिर्दिष्ट माल के बारे में क्या निर्णय लिया गया था, माल परिदेय स्थिति में विक्रय के लिए उपलब्ध नहीं था, इसलिए विक्रेता को कोई जिम्मेदारी नहीं होती? |
काउच बनाम स्टील |
धारा 20 के तहत परिदेय स्थिति में विनिर्दिष्ट माल के विक्रय के दौरान खरीदार को किस बात का ध्यान रखना चाहिए? |
माल की गुणवत्ता की जांच करें |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, जो परिदेय स्थिति में माल के विक्रय से संबंधित था, विक्रेता को माल की डिलीवरी के समय एक समय सीमा तय करनी होती है? |
हटन बनाम वॉरेन |
धारा 21 किससे सम्बन्धित हैं? |
विनिर्दिष्ट माल का परिदेय स्थिति में लाया जाना (Specific goods to be put into a deliverable state) |
धारा 21 के अनुसार, विनिर्दिष्ट माल को परिदेय स्थिति में लाने का क्या अर्थ है? |
माल का विक्रय तब होता है जब वह विक्रेता के पास उपलब्ध हो |
यदि विक्रेता ने माल को परिदेय स्थिति में लाने से पहले उसे नष्ट कर दिया, तो इसका परिणाम क्या होगा? |
विक्रेता को खरीदार को माल का मूल्य वापस करना होगा |
धारा 21 के तहत, माल का परिदेय स्थिति में लाया जाना किसे जिम्मेदार ठहराता है? |
विक्रेता |
धारा 21 के अंतर्गत, अगर विक्रेता ने माल को परिदेय स्थिति में नहीं लाया और माल नष्ट हो गया, तो किसे नुकसान होगा? |
खरीदार |
धारा 21 के तहत, विनिर्दिष्ट माल को परिदेय स्थिति में लाने का निर्णय किस पर निर्भर करता है? |
केवल विक्रेता पर |
धारा 21 के अंतर्गत, यदि विक्रेता माल को परिदेय स्थिति में लाने में असमर्थ है, तो विक्रेता क्या करेगा? |
विक्रेता को माल का मूल्य वापस करना होगा |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, जो माल के परिदेय स्थिति में लाए जाने से संबंधित था, विक्रेता को माल को परिदेय स्थिति में लाने का दायित्व होता है? |
रेनॉल्ड्स बनाम ब्रिज |
जब विक्रेता परिदेय स्थिति में माल लाने के लिए समय सीमा तय करता है, तो उस स्थिति में विक्रेता को क्या करना होता है? |
माल को समय सीमा के भीतर परिदेय स्थिति में लाना |
धारा 21 के अंतर्गत, यदि माल विक्रेता के पास उपलब्ध नहीं है और उसे परिदेय स्थिति में लाया नहीं जा सकता, तो क्या होगा? |
विक्रेता को माल का मूल्य वापस करना होगा |
किस मामले में विक्रेता को परिदेय स्थिति में माल लाने का दायित्व होता है निर्णय लिया गया था, जो विनिर्दिष्ट माल के परिदेय स्थिति में लाए जाने से संबंधित था? |
'हैरिस बनाम निकर्सन' |
धारा 22 किससे सम्बन्धित हैं? |
परिदेय स्थिति में विनिर्दिष्ट माल, जबकि उसकी कीमत अभिनिश्चित करने के लिए उसके प्रति विक्रेता को कुछ करना है (Specific goods in a deliverable state, when the seller has to do anything thereto in order to ascertain price) |
धारा 22 के अनुसार, परिदेव स्थिति में विनिर्दिष्ट माल की कीमत को निर्धारित करने के लिए विक्रेता को क्या करना होगा? |
विक्रेता को माल की कीमत निर्धारित करने के लिए आवश्यक शर्तों को पूरा करना होगा |
धारा 22 के अंतर्गत, यदि विक्रेता माल का मूल्य निर्धारित करने में असमर्थ है, तो क्या होगा |
विक्रेता का दायित्व समाप्त हो जाएगा |
धारा 22 के अनुसार, यदि विक्रेता माल का मूल्य तय करने में असमर्थ रहता है, तो क्या इसका प्रभाव विक्रय समझौते पर पड़ेगा? |
विक्रय समझौता स्वचालित रूप से रद्द हो जाएगा |
धारा 22 के अनुसार, विक्रेता को माल की कीमत निर्धारित करने के लिए कौन सा तरीका अपनाना होगा? |
दोनों पक्षों के सहमति से |
यदि विक्रेता ने माल की कीमत तय करने के लिए शर्तें पूरी नहीं कीं, तो धारा 22 के अनुसार क्या प्रभाव पड़ेगा? |
विक्रय समझौता नहीं मान्य होगा |
धारा 22 के अंतर्गत, यदि विक्रेता माल की कीमत तय करने में नाकाम रहता है, तो क्या खरीदार विक्रय को रद्द कर सकता है? |
हां, खरीदार विक्रय को रद्द कर सकता है |
धारा 22 में विक्रेता को माल की कीमत तय करने का क्या अधिकार होता है? |
विक्रेता को माल की कीमत तय करने के लिए दोनों पक्षों की सहमति चाहिए |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, जो धारा 22 के अनुसार माल की कीमत तय करने से संबंधित था, यदि विक्रेता माल की कीमत तय नहीं करता है, तो विक्रय रद्द हो सकता है? |
हैरिस बनाम निकर्सन |
धारा 23 किससे सम्बन्धित हैं? |
अनभिनिश्चित माल का विक्रय और विनियोग (Sale of unascertained goods and appropriation. Delivery to carrier) |
धारा 23 के अनुसार, जब विक्रेता के पास माल की कोई विशेष पहचान न हो, तो उसे अनभिनिश्चित माल कहा जाता है। इस स्थिति में विक्रय किस प्रकार होगा? |
विक्रय केवल माल के विनियोग के बाद होगा |
धारा 23 के अनुसार, अनभिनिश्चित माल का विक्रय तब तक पूरी तरह से मान्य नहीं होता, जब तक कि माल का क्या नहीं किया गया हो? |
माल का विनियोग किया जाए |
'फिर से रुको' केस के अनुसार, यदि विक्रेता के पास अनभिनिश्चित माल है, तो वह विक्रय को किस शर्त पर पूर्ण कर सकता है? |
माल को पूरी तरह से विनियमित करके |
धारा 23 किससे सम्बन्धित हैं? |
अन्नभिनिश्चित माल का विक्रय और विनियोग |
'अनिश्चित माल' के बारे में कौन सा सही है? |
ये माल भविष्य में निर्धारित किए जाते हैं और विक्रय का हिस्सा बनते हैं |
यदि माल अनभिनिश्चित है और विक्रेता ने माल का विनियोग करने में विफलता जताई है, तो उस स्थिति में विक्रय के बारे में क्या निर्णय लिया जाएगा? |
विक्रय स्वचालित रूप से रद्द कर दिया जाएगा |
धारा 23 के अनुसार, विक्रेता को क्या अधिकार होता है जब माल अनभिनिश्चित है? |
विक्रेता को माल का विनियोग करने का अधिकार होता है |
धारा 23 के अंतर्गत, अनभिनिश्चित माल का विक्रय कभी पूरी तरह से नहीं होगा, जब तक कि विक्रेता ने माल को क्या नहीं किया हो? |
माल का विनियोग किया हो |
यदि विक्रेता ने माल का विनियोग किया है, लेकिन खरीदार ने उसे स्वीकार नहीं किया, तो क्या होगा? |
विक्रय रद्द कर दिया जाएगा |
धारा 23 के अंतर्गत, जब माल का विनियोग किया जाता है तो विक्रय क्या कहलाता है? |
विक्रय की स्वीकृति |
किस मामले में अनभिनिश्चित माल के विक्रय से संबंधित क्या निर्णय लिया गया था, अनभिनिश्चित माल का विक्रय तभी होता है जब उसे विक्रेता द्वारा विनियमित किया जाता है? |
सेकुरम बनाम रिविंगटन |
अगर विक्रेता ने माल का विनियोग किया है, तो उसे किस प्रकार विक्रय के लिए सही माना जाएगा? |
विक्रय को तब मान्य किया जाएगा जब वह खरीदार द्वारा स्वीकार कर लिया जाए |
धारा 23 के तहत, जब माल का विनियोग किया जाता है, तो यह किसे परिभाषित करता है? |
विक्रय की स्वीकृति |
धारा 24 किससे सम्बंधित है |
अनुमोदनार्थ अथवा "विक्रय या वापसी के लिए भेजा गया माल (Goods sent on approval or “on sale or return) |
धारा 24 के अनुसार, अनुमोदनार्थ भेजा गया माल किसके लिए होता है? |
खरीदार की स्वीकृति के लिए |
धारा 24 के अनुसार, अनुमोदनार्थ भेजे गए माल का उद्देश्य क्या है? |
माल की गुणवत्ता की जांच करना |
यदि खरीदार ने अनुमोदनार्थ भेजे गए माल को स्वीकार किया है, तो उसे क्या करना होगा? |
विक्रेता को माल का भुगतान करना होगा |
किस मामले में माल की स्वीकृति के बाद विक्रय मान्य है निर्णय लिया गया था, जो धारा 24 से संबंधित था? |
कार्बोलिक स्मोक बॉल कंपनी बनाम कार्बोलिक स्मोक बॉल कंपनी’ |
धारा 24 के तहत, यदि विक्रेता ने माल को "विक्रय या वापसी के लिए" भेजा है और खरीदार उसे वापस करता है, तो क्या होगा? |
विक्रय रद्द हो जाएगा |
धारा 24 के अंतर्गत, माल को “विक्रय या वापसी के लिए” भेजने की स्थिति में विक्रेता का क्या दायित्व होता है? |
विक्रेता को माल की स्वीकृति प्राप्त करनी होती है और फिर विक्रय को पूरा करना होता है |
धारा 25 किससे सम्बंधित है? |
व्ययन के अधिकार का आरक्षण (Reservation of right of disposal) |
धारा 25 के अनुसार, विक्रेता को व्ययन के अधिकार का आरक्षण करने का अधिकार कब होता है? |
विक्रय से पहले |
धारा 25 के तहत, व्ययन के अधिकार का आरक्षण किस स्थिति में विक्रेता के लिए फायदेमंद हो सकता है? |
जब विक्रेता को माल की डिलीवरी से पहले भुगतान मिल जाए |
यदि विक्रेता व्ययन के अधिकार का आरक्षण करता है, तो वह क्या कर सकता है? |
माल की डिलीवरी तभी करेगा जब उसे पूरा भुगतान प्राप्त हो |
धारा 25 के अंतर्गत, यदि विक्रेता अपने व्ययन के अधिकार का आरक्षण करता है, तो उसे क्या करना होता है? |
विक्रेता को माल की डिलीवरी केवल भुगतान मिलने पर करनी होती है |
किस मामले में व्ययन के अधिकार के आरक्षण के बारे में निर्णय लिया गया था, कि विक्रेता को माल का भुगतान पहले प्राप्त करना होगा? |
एशमोर बनाम टिलिंग लिमिटेड |
धारा 25 के अंतर्गत, यदि विक्रेता व्ययन का अधिकार आरक्षित करता है, तो वह क्या कर सकता है यदि खरीदार ने पूरा भुगतान नहीं किया हो? |
विक्रेता माल की डिलीवरी रद्द कर सकता है |
विक्रेता का व्ययन के अधिकार का आरक्षण, सामान्यत: किस उद्देश्य से किया जाता है? |
विक्रेता को खरीदार से पहले भुगतान प्राप्त करने के लिए |
धारा 25 के तहत, यदि विक्रेता व्ययन के अधिकार का आरक्षण करता है, तो इस स्थिति में किसे माल की डिलीवरी मिल सकती है? |
खरीदार को तभी मिल सकती है जब पूरी कीमत का भुगतान किया जाए |
धारा 25 के अंतर्गत, यदि विक्रेता व्ययन का अधिकार आरक्षित करता है, तो इसका क्या परिणाम हो सकता है यदि खरीदार समय पर भुगतान नहीं करता? |
विक्रय स्वचालित रूप से रद्द हो जाएगा |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, जो धारा 25 से संबंधित था, विक्रेता को माल की डिलीवरी से पहले भुगतान करने का अधिकार होता है? |
चैपल एंड कंपनी बनाम नेस्ले कंपनी |
धारा 25 के अनुसार, विक्रेता का व्ययन के अधिकार का आरक्षण किस रूप में किया जा सकता है? |
लिखित रूप में |
धारा 26 किससे सम्बन्धित है? |
जोखिम प्रथमदृष्ट्या सम्पत्ति के साथ संक्रान्त हो जाती है (Risk prima facie passes with property) |
धारा 26 के अनुसार, जोखिम कब सम्पत्ति के साथ संक्रान्त हो जाता है? |
जब माल खरीदार को सौंपा जाता है |
धारा 26 के अंतर्गत, जब माल की सम्पत्ति खरीदार के पास संक्रान्त हो जाती है, तो इसका क्या प्रभाव होता है? |
विक्रेता का जोखिम समाप्त हो जाता है |
यदि माल को विक्रेता ने खरीदार को सौंपा और बाद में माल नष्ट हो जाता है, तो जोखिम किसके पास होता है? |
खरीदार |
धारा 26 के अनुसार, यदि माल को विक्रेता के पास रखा जाता है और माल नष्ट हो जाता है, तो इसका जोखिम कौन उठाएगा? |
विक्रेता |
यदि विक्रेता ने माल को खरीदार को भेजा लेकिन खरीदार ने उसे स्वीकार नहीं किया, तो जोखिम का क्या होगा? |
जोखिम विक्रेता के पास रहेगा |
धारा 26 के तहत, जब माल विक्रेता से खरीदार को सौंपा जाता है, तो यह मान लिया जाता है कि… |
खरीदार पर सभी जोखिम होते हैं |
यदि विक्रेता ने माल को खरीदार को शिप किया, लेकिन माल समुद्र में डूब गया, तो जोखिम किसके पास होगा? |
खरीदार |
धारा 26 के अंतर्गत, अगर माल की सम्पत्ति खरीदार को मिल गई है, लेकिन उस माल की स्थिति खराब हो जाती है, तो जोखिम किसके पास होगा? |
खरीदार |
धारा 26 में जोखिम का हस्तांतरण कब होता है? |
जब माल को खरीदार को सौंपा जाता है |
यदि माल विक्रेता के पास है और माल क्षति पहुँचता है, तो उसका जोखिम कौन उठाएगा? |
विक्रेता |
धारा 26 के तहत, यदि माल विक्रेता के पास है और वह नष्ट हो जाता है, तो विक्रेता के लिए क्या परिणाम होगा? |
विक्रेता को मुआवजा देना होगा |
धारा 26 के अंतर्गत, अगर माल की डिलीवरी के बाद उसे नुकसान होता है, तो खरीदार को क्या करना चाहिए? |
विक्रेता से मुआवजा मांग सकता है |
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हक का अन्तरण (Transfer of title) |
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धारा 27 किससे सम्बन्धित है? |
उस व्यक्ति द्वारा विक्रय, जो स्वामी नहीं है (Sale by person not the owner) |
धारा 27 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिना स्वामी होने के माल को बेचता है, तो विक्रय वैध होगा या अवैध? |
अवैध |
धारा 27 के तहत, यदि कोई व्यक्ति ऐसा माल बेचता है, जो उसका स्वामित्व नहीं है, तो उसका क्या परिणाम होगा? |
विक्रय अवैध रहेगा और खरीदार को माल का अधिकार नहीं होगा |
अगर कोई व्यक्ति विक्रय के समय माल का स्वामी नहीं है, तो वह खरीदार के खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकता है? |
स्वामित्व का दावा कर सकता है |
किस मामले में धारा 27 से संबंधित क्या निर्णय लिया गया था, विक्रेता के पास स्वामित्व का प्रमाण होना चाहिए? |
शोगुन बनाम महामहिम के कस्टम्स' |
यदि विक्रेता ने स्वामित्व के बिना माल बेचा और बाद में वह माल नष्ट हो जाता है, तो कौन जिम्मेदार होगा? |
विक्रेता |
यदि विक्रेता के पास स्वामित्व नहीं है और वह माल बेचता है, तो खरीदार के अधिकार क्या होंगे? |
खरीदार के पास केवल क्षतिपूर्ति का अधिकार होगा |
किस मामले में धारा 27 के बारे में क्या निर्णय लिया गया था? |
हॉब्स बनाम लंदन और साउथ वेस्टर्न रेलवे |
संयुक्त स्वामी द्वारा विक्रय में कोई विवाद उत्पन्न होने पर, धारा 28 के अनुसार समाधान क्या हो सकता है? |
विक्रय को वैध माना जाएगा अगर सभी स्वामियों ने सहमति दी हो |
अगर एक संयुक्त स्वामी माल बेचता है और अन्य स्वामी को सूचित नहीं करता, तो क्या होगा? |
विक्रय अवैध होगा |
धारा 28 किससे सम्बन्धित है? |
संयुक्त स्वामियों में से एक द्वारा विक्रय (Sale by one of joint owners) |
किस मामले में धारा 28 के संदर्भ में, यदि एक संयुक्त स्वामी विक्रय करता है, तो विक्रय अवैध होगा यदि अन्य स्वामी सहमत नहीं है, निर्णय लिया गया था? |
महारानी बनाम हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड' |
धारा 28 के अनुसार, एक संयुक्त स्वामी के विक्रय के समय दूसरे स्वामी का क्या अधिकार है? |
दूसरे स्वामी को विक्रय पर आपत्ति करने का अधिकार होता है |
धारा 28 के तहत, यदि एक संयुक्त स्वामी माल बेचता है, तो विक्रय की वैधता क्या शर्तों पर निर्भर करती है? |
सभी स्वामियों की सहमति |
यदि एक संयुक्त स्वामी माल को बिना सहमति के बेचता है और उसे बाद में स्वामित्व संबंधी विवाद होता है, तो क्या निर्णय होगा? |
विक्रय अवैध होगा और खरीदार के पास कोई अधिकार नहीं होगा |
संयुक्त स्वामियों में से एक द्वारा विक्रय के मामले में, क्या अन्य स्वामी को विक्रय को चुनौती देने का अधिकार होता है? |
हां, वे विक्रय की वैधता को चुनौती दे सकते हैं |
यदि एक संयुक्त स्वामी ने विक्रय किया और दूसरे स्वामी ने सहमति नहीं दी, तो खरीदार को क्या करना चाहिए? |
विक्रय को अवैध मानते हुए उसे लौटाना चाहिए |
धारा 29 किससे सम्बन्धित है? |
शून्यकरणीय संविदा के अधीन कब्जा रखने वाले व्यक्ति द्वारा विक्रय (Sale by person in possession under voidable contract) |
धारा 29 के तहत, यदि एक व्यक्ति शून्यकरणीय संविदा के अधीन माल का कब्जा रखता है, तो विक्रय किस स्थिति में वैध होगा? |
विक्रय को मालिक की स्वीकृति से किया गया हो |
अगर कोई व्यक्ति शून्यकरणीय संविदा के तहत माल का कब्जा रखता है और उसे बिना मालिक की अनुमति के बेचता है, तो विक्रय किस प्रकार माना जाएगा? |
अवैध |
किस मामले में धारा 29 के बारे में क्या निर्णय लिया गया था, विक्रय शून्यकरणीय संविदा के तहत किया गया था, जो अवैध था? |
सोलोमन बनाम स्टोडार्ट |
धारा 29 के अनुसार, शून्यकरणीय संविदा के तहत कब्जा रखने वाले व्यक्ति को विक्रय के लिए क्या करना चाहिए? |
मालिक की अनुमति प्राप्त करनी चाहिए |
यदि कोई व्यक्ति शून्यकरणीय संविदा के तहत माल का कब्जा रखता है और माल को बिना अनुमति के बेचता है, तो विक्रय के बाद क्या स्थिति उत्पन्न हो सकती है? |
विक्रय अवैध हो सकता है और मालिक का दावा किया जा सकता है |
धारा 29 के तहत, शून्यकरणीय संविदा के अधीन कब्जा रखने वाले व्यक्ति द्वारा विक्रय के बाद खरीदार के क्या अधिकार होंगे? |
खरीदार के पास स्वामित्व का अधिकार नहीं होगा |
धारा 29 के तहत, शून्यकरणीय संविदा के अधीन कब्जा रखने वाले व्यक्ति द्वारा विक्रय का उद्देश्य क्या होता है? |
स्वामित्व स्थानांतरण |
धारा 29 के तहत, शून्यकरणीय संविदा के अंतर्गत कब्जा रखने वाले व्यक्ति का क्या दायित्व होता है? |
विक्रय से पहले मालिक से अनुमति प्राप्त करना |
किस मामले में धारा 29 के संदर्भ में निर्णय लिया गया था, विक्रय अवैध माना गया था क्योंकि शून्यकरणीय संविदा के तहत स्वामित्व नहीं था? |
हैरिस बनाम रीस |
धारा 29 के अंतर्गत, यदि विक्रय अवैध होता है और खरीदार को स्वामित्व का अधिकार नहीं मिलता, तो खरीदार को क्या करना चाहिए? |
विक्रय को चुनौती दे सकता है और मुआवजा मांग सकता है |
धारा 30 किससे सम्बन्धित है? |
विक्रय के पश्चात् विक्रेता या क्रेता का कब्जा करना (Seller or buyer in possession after sale) |
धारा 30 के अनुसार, विक्रय के बाद विक्रेता या क्रेता के कब्जे का क्या प्रभाव होता है? |
विक्रय के बाद माल का कब्जा विक्रेता या क्रेता के पास रह सकता है, लेकिन स्वामित्व का अधिकार स्थानांतरित हो जाता है। |
विक्रय के बाद विक्रेता या क्रेता का कब्जा तब तक वैध माना जाता है, जब तक क्या शर्त पूरी न हो? |
माल को खरीदार के पास स्थानांतरित किया जाए। |
यदि विक्रेता या क्रेता के पास विक्रय के बाद माल का कब्जा रहता है, तो इसका क्या असर पड़ता है? |
विक्रय वैध होगा, लेकिन स्वामित्व में बदलाव नहीं होगा। |
धारा 30 के तहत, यदि विक्रेता या क्रेता के पास विक्रय के बाद माल का कब्जा रहता है, तो क्या विक्रेता या खरीदार के पास कोई अधिकार होता है? |
हां, वे केवल माल की देखभाल करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। |
यदि विक्रेता या क्रेता ने माल के कब्जे को बनाए रखा है, तो इसका अर्थ क्या है? |
स्वामित्व स्थानांतरित हो गया है लेकिन कब्जा विक्रेता या खरीदार के पास रहा है। |
धारा 30 के तहत विक्रय के बाद माल का कब्जा विक्रेता या क्रेता के पास रह सकता है। क्या इसका मतलब यह है कि स्वामित्व का अधिकार स्थानांतरित नहीं होता है? |
नहीं, स्वामित्व का अधिकार भी स्थानांतरित हो जाता है। |
विक्रय के बाद विक्रेता या क्रेता का कब्जा किसे प्रभावित करता है? |
स्वामित्व और कब्जे के स्थानांतरण को |
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अध्याय 4 |
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संविदा का पालन (Performance Of The Contract) |
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धारा 31 किससे सम्बन्धित है? |
विक्रेता और केता के कर्तव्य (Duties of seller and buyer) |
विक्रेता का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य क्या है? |
माल को समय पर खरीदार को उपलब्ध कराना |
विक्रेता को किस समय पर माल विक्रय करने का कर्तव्य है? |
पूर्व निर्धारित समय के अनुसार |
क्रेता के कर्तव्य के अंतर्गत क्या आता है? |
प्रतिग्रहण और उसके लिए संदाय विक्रय को संविदा के निबंधनों के अनुसार करे |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता को माल की गुणवत्ता का ध्यान रखना होगा? |
कृष्णा बनाम हरीश |
धारा 32 किससे सम्बन्धित है? |
संदाय और परिदान समवर्ती शर्तें हैं (Payment and delivery are concurrent conditions) |
धारा 32 के अनुसार संदाय और परिदान की शर्तें किस प्रकार की होती हैं? |
एक साथ पूरी होने वाली शर्तें |
धारा 32 के तहत संदाय और परिदान के बीच क्या संबंध होता है? |
दोनों शर्तें पूरी होने पर ही विक्रय पूर्ण होता है |
"संदाय और परिदान समवर्ती शर्तें" का क्या मतलब है? |
दोनों शर्तें एक दूसरे के बिना पूरी नहीं हो सकती |
धारा 32 के अनुसार संदाय और परिदान की शर्तें कब पूरी होती हैं? |
जब दोनों पक्षों द्वारा शर्तें पूरी की जाती हैं |
यदि संदाय और परिदान समवर्ती शर्तें हैं और विक्रेता माल वितरित नहीं करता है, तो क्या स्थिति होगी? |
विक्रेता को नुकसान उठाना होगा |
धारा 32 के अंतर्गत संदाय और परिदान समवर्ती शर्तों को समझाने के लिए कौन सा केस महत्वपूर्ण है? |
किर्न्स बनाम स्टुअर्ट |
"संदाय और परिदान समवर्ती शर्तें" का उदाहरण किसमें मिलता है? |
क्रेता पहले भुगतान करता है, फिर विक्रेता माल भेजता है |
जब विक्रेता ने माल भेज दिया लेकिन खरीदार ने भुगतान नहीं किया, तो विक्रय के संदाय और परिदान के समवर्ती शर्तों के अनुसार क्या होगा? |
विक्रय रद्द हो जाएगा |
धारा 32 के अनुसार, अगर विक्रय की शर्तें समवर्ती हैं, तो इसका क्या अर्थ है? |
दोनों शर्तें पूरी होने पर ही विक्रय का अनुबंध लागू होगा |
धारा 33 किससे सम्बन्धित है? |
परिदान (Delivery) |
धारा 33 के अनुसार परिदान का क्या मतलब है? |
माल का विक्रय और खरीदार को माल सौंपना |
परिदान का अधिकार किसके पास होता है? |
विक्रेता और खरीदार दोनों के पास |
किस मामले में परिदान के बारे में क्या निर्णय लिया गया था, परिदान के बाद स्वामित्व स्वचालित रूप से स्थानांतरित हो जाता है? |
स्मिथ बनाम ह्यूजेस |
किस मामले में परिदान के संबंध में निर्णय लिया गया था, परिदान के बाद स्वामित्व के स्थानांतरण के बाद ही विक्रय होता है? |
पार्कर बनाम साउथ ईस्टर्न रेलवे कंपनी |
धारा 33 के तहत परिदान में देरी होने पर किस प्रकार का उपाय लिया जा सकता है? |
विक्रेता को मुआवजा देना होगा |
विक्रय के बाद यदि परिदान नहीं हुआ तो क्या स्थिति होगी? |
खरीदार का स्वामित्व नहीं बदलेगा |
परिदान से पहले यदि विक्रेता माल की शर्तों में बदलाव करता है, तो इसके बारे में खरीदार के पास क्या अधिकार होता है? |
खरीदार को विक्रय रद्द करने का अधिकार होता है |
यदि माल परिदान से पहले विक्रेताद्वारा नष्ट हो जाता है तो क्या स्थिति होगी? |
विक्रय को निरस्त किया जाएगा |
परिदान का क्या अर्थ होता है जब विक्रय के अनुबंध में स्पष्ट रूप से परिदान की शर्त नहीं होती? |
परिदान की शर्त विक्रेता और खरीदार की सहमति पर निर्भर करती है |
विक्रय के समय परिदान के बाद क्या प्रक्रिया होती है? |
माल का स्वामित्व स्वचालित रूप से खरीदार को स्थानांतरित हो जाता है |
विक्रय के अनुबंध में परिदान की तारीख को निर्धारित करने के लिए क्या प्रक्रिया होती है? |
अनुबंध में स्पष्ट रूप से परिदान की तारीख का उल्लेख होता है |
धारा 34 किससे सम्बन्धित है? |
भागिक परिदान का प्रभाव (Effect of part delivery) |
धारा 34 के अनुसार भागिक परिदान का क्या अर्थ है |
केवल माल का कुछ हिस्सा खरीदार को सौंपना |
भागिक परिदान के समय विक्रेता की क्या जिम्मेदारी होती है? |
केवल कुछ हिस्से का परिदान करना और बाकी के हिस्से का भुगतान करना |
यदि भागिक परिदान किया जाता है, तो क्या खरीदार के पास पूरी रकम का भुगतान करने की जिम्मेदारी रहती है? |
हां, खरीदार को पूरे मूल्य का भुगतान करना होता है |
यदि विक्रेता द्वारा भागिक परिदान के दौरान खरीदार का एक हिस्सा लौटा देता है, तो क्या होगा? |
विक्रेता को वापसी का अधिकार मिलेगा |
किस मामले में भागिक परिदान के संबंध में निर्णय लिया गया था, भागिक परिदान को वैध माना गया? |
रे मूर एंड कंपनी बनाम लैंडॉउर एंड कंपनी |
यदि भागिक परिदान किया गया है, तो यदि खरीदार बाकी माल के लिए भुगतान करने में विफल रहता है, तो विक्रेता के पास क्या अधिकार होता है? |
विक्रेता पूरी राशि का दावा कर सकता है |
भागिक परिदान की स्थिति में यदि विक्रेता का माल खराब होता है, तो खरीदार के पास क्या अधिकार होते हैं? |
खरीदार के पास विक्रय रद्द करने का अधिकार होता है |
भागिक परिदान की स्थिति में खरीदार द्वारा की गई आपत्ति का क्या असर होगा? |
विक्रेता को पूरी तरह से माल की आपूर्ति करनी होगी |
किस मामले में भागिक परिदान से संबंधित निर्णय लिया गया था? |
क्वेई टेक चाओ बनाम ब्रिटिश ट्रेडर्स एंड शिपर्स लिमिटेड |
किस मामले में भागिक परिदान के बारे में निर्णय लिया गया था, भागिक परिदान के बाद विक्रेता को दोषी माना गया? |
होचस्टर बनाम डे ला टूर |
धारा 35 किससे सम्बन्धित है? |
परिदान के लिए क्रेता आवेदन करे (Buyer to apply for delivery) |
धारा 35 के अनुसार, जब विक्रेता माल परिदान करने के लिए तैयार होता है, तो क्रेता को क्या करना होता है? |
क्रेता को माल का परिदान करने के लिए आवेदन करना होता है |
धारा 35 के अनुसार यदि क्रेता परिदान के लिए आवेदन नहीं करता है, तो विक्रेता का क्या अधिकार होता है? |
विक्रेता क्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है |
धारा 35 में परिदान के लिए क्रेता द्वारा आवेदन न करने पर विक्रेता को कौन सा विकल्प मिलता है? |
विक्रेता को विक्रय रद्द करने का अधिकार होता है |
यदि क्रेता विक्रेता द्वारा माल परिदान करने के लिए किए गए आवेदन पर प्रतिक्रिया नहीं करता है, तो क्या विक्रेता के पास वैधानिक कार्रवाई का अधिकार है? |
हां, विक्रेता को कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होता है |
किस मामले में धारा 35 के तहत निर्णय लिया गया, क्रेता के आवेदन के बिना विक्रेता के पास विक्रय रद्द करने का अधिकार था? |
थोर्नेट बनाम ईस्टवुड |
धारा 35 के अनुसार विक्रेता को क्या करना होता है यदि क्रेता ने माल प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं किया? |
विक्रेता को विक्रय रद्द करने का अधिकार होता है |
यदि क्रेता ने परिदान के लिए आवेदन करने में विलंब किया है, तो क्या विक्रेता क्रेता के खिलाफ दावा कर सकता है? |
हां, विक्रेता को मुआवजा देने का अधिकार है |
किस मामले में धारा 35 के संदर्भ में निर्णय लिया गया, क्रेता को विक्रेता के द्वारा माल परिदान करने के लिए आवेदन करने का अधिकार था? |
पार्कर बनाम दक्षिण पूर्वी रेलवे |
धारा 36 किससे सम्बन्धित है? |
परिदान विषयक नियम (Rules as to delivery) |
धारा 36 के अनुसार, विक्रेता का परिदान कब तक पूरा माना जाता है? |
जब विक्रेता माल के साथ दस्तावेज़ हस्तांतरित कर देता है |
धारा 36 के अनुसार, परिदान के दौरान विक्रेता के कर्तव्यों में शामिल नहीं है: |
माल की कीमत बढ़ाना |
धारा 36 के अनुसार, विक्रेता परिदान को किस शर्त पर पूरा कर सकता है? |
विक्रेता को माल के संबंधित दस्तावेज़ क्रेता को सौंपने होंगे |
धारा 36 के अनुसार परिदान करने से पहले विक्रेता को कौन से दस्तावेज़ क्रेता को सौंपने होते हैं? |
माल के संबंधित दस्तावेज़, जैसे बिल ऑफ लाडिंग |
धारा 36 के अनुसार, विक्रेता द्वारा परिदान पूरा करने के बाद माल का जोखिम किसे स्थानांतरित होता है? |
क्रेता |
यदि विक्रेता माल का परिदान करने के बाद क्रेता को बिल ऑफ लाडिंग प्रदान नहीं करता है, तो क्या क्रेता को कोई दावा करने का अधिकार है? |
हां, क्रेता विक्रेता के खिलाफ दावा कर सकता है |
परिदान की प्रक्रिया में विक्रेता के कर्तव्यों के संदर्भ में कौन सा कथन सत्य है? |
विक्रेता को माल की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होती है |
किस मामले में निर्णय लिया गया था, विक्रेता को परिदान के समय माल के दस्तावेज़ देने का अधिकार था? |
ग्लिन बनाम मार्गेटसन एंड कंपनी |
धारा 36 के अनुसार, विक्रेता द्वारा परिदान पूरा करने के बाद क्रेता को क्या अधिकार प्राप्त होता है? |
क्रेता को माल का नियंत्रण और जोखिम प्राप्त होता है |
धारा 36 के तहत परिदान का क्या प्रभाव होता है? |
परिदान के बाद क्रेता को माल का जोखिम और नियंत्रण मिल जाता है |
धारा 37 किससे सम्बन्धित है? |
गलत परिमाण का परिदान (Delivery of wrong quantity) |
धारा 37 के अनुसार, अगर विक्रेता द्वारा माल का परिदान गलत परिमाण में किया गया हो, तो क्रेता क्या कर सकता है? |
क्रेता गलत परिमाण के माल को वापस कर सकता है |
धारा 37 के तहत, अगर विक्रेता ने कम माल परिदान किया है तो क्रेता क्या कर सकता है? |
क्रेता माल को स्वीकार कर सकता है और विक्रेता से अतिरिक्त माल मांग सकता है |
धारा 37 के तहत विक्रेता द्वारा परिदान किए गए गलत परिमाण के संदर्भ में कौन सा कथन सत्य है? |
विक्रेता को क्रेता से अतिरिक्त माल वापस प्राप्त करने का अधिकार होता है |
धारा 38 किससे सम्बन्धित है? |
किस्तों में परिदान (Instalment deliveries) |
धारा 38 के अनुसार, किस्तों में परिदान का क्या मतलब है? |
माल को कुछ हिस्सों में भुगतान कर परिदान करना |
अगर विक्रेता ने माल का परिदान किस्तों में किया है, तो क्या स्थिति होगी? |
विक्रेता को किस्तों में माल परिदान करने की अनुमति होती है |
किस्तों में परिदान की स्थिति में, अगर विक्रेता द्वारा माल का परिदान सही तरीके से नहीं किया गया, तो क्रेता का क्या अधिकार है? |
क्रेता विक्रेता से मुआवजा मांग सकता है |
अगर विक्रेता द्वारा माल किस्तों में परिदान किया गया है और एक किस्त का भुगतान क्रेता ने नहीं किया, तो विक्रेता का क्या अधिकार है? |
विक्रेता माल को वापस ले सकता है |
धारा 38 के तहत, माल किस्तों में परिदान किया गया हो तो विक्रेता की जिम्मेदारी क्या होती है? |
विक्रेता को हर किस्त के बाद माल परिदान करना होता है |
धारा 38 के अंतर्गत, जब माल किस्तों में परिदान किया जाता है तो विक्रेता को किस प्रकार के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है? |
विक्रेता को कुछ हिस्सों का भुगतान समय पर नहीं मिलने का जोखिम हो सकता है |
किस मामले में निर्णय लिया गया था जो धारा 38 से संबंधित था, विक्रेता को किस्तों में परिदान करने का अधिकार था? |
शॉअर बनाम लिंग्स |
धारा 38 के अंतर्गत, अगर विक्रेता ने किस्तों में माल परिदान किया है और एक किस्त का भुगतान नहीं हुआ है, तो क्या होगा? |
विक्रेता क्रेता से पूरी राशि की मांग कर सकता है |
यदि विक्रेता ने माल किस्तों में परिदान किया है और क्रेता किसी किस्त को चुकता नहीं करता है, तो विक्रेता को क्या करना चाहिए? |
विक्रेता को क्रेता से उस किस्त का भुगतान मांगने का अधिकार होता है |
धारा 39 किससे सम्बन्धित है? |
वाहक या घाटवाल को परिदान (Delivery to carrier or wharfinger) |
धारा 39 के अंतर्गत, बाइक या घाटवाल के द्वारा परिवान करने पर, माल का जोखिम किसे होगा? |
क्रेता को |
अगर बाइक या घाटवाल के द्वारा माल का परिवान करते समय किसी दुर्घटना में माल का नुकसान होता है, तो किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? |
विक्रेता को |
धारा 39 के अनुसार, बाइक या घाटवाल को परिवान का क्या उद्देश्य होता है? |
माल को सुरक्षित रूप से क्रेता तक पहुँचाना |
विक्रेता की जिम्मेदारी क्या होगी, यदि बाइक या घाटवाल द्वारा परिवान के दौरान माल नष्ट हो जाता है? |
विक्रेता को क्रेता से मुआवजा देना होगा |
बाइक या घाटवाल द्वारा माल परिवान के बाद, क्रेता का क्या कर्तव्य है? |
माल का सही तरीके से निरीक्षण करना होगा |
बाइक या घाटवाल के माध्यम से माल का परिवान करने के बाद, क्रेता का क्या दायित्व होगा? |
क्रेता को माल का सही तरीके से निरीक्षण करना होगा |
किस मामले में बाइक या घाटवाल के द्वारा माल परिवान से संबंधित निर्णय लिया गया था, बाइक या घाटवाल के कारण नुकसान का जिम्मेदार विक्रेता था? |
कोहली बनाम हैरो |
अगर माल का परिवान बाइक या घाटवाल द्वारा किया जाता है और माल का नुकसान होता है, तो किसे इसका जिम्मेदार ठहराया जाता है? |
विक्रेता को |
धारा 40 किससे सम्बन्धित है? |
जोखिम, जहाँ कि माल का परिदान दूर के स्थान पर किया जाता है (Risk where goods are delivered at distant place) |
धारा 40 के अनुसार, यदि माल को दूर के स्थान पर भेजा जाता है, तो जोखिम कब विक्रेता से क्रेता को स्थानांतरित होता है? |
जब माल का परिवान दूर के स्थान पर किया जाता है |
धारा 40 में "जोखिम " शब्द का क्या मतलब है? |
माल का नुकसान या क्षति |
धारा 40 के अंतर्गत, यदि माल दूर के स्थान पर भेजा जाता है, तो विक्रेता का जोखिम कब समाप्त होता है? |
जब माल परिवाहक को सौंपा जाता है |
यदि विक्रेता माल को दूर के स्थान पर भेजता है और रास्ते में माल का नुकसान हो जाता है, तो विक्रेता की जिम्मेदारी क्या होगी? |
विक्रेता का कोई दायित्व नहीं होगा |
धारा 40 के तहत यदि विक्रेता ने माल का परिवान किया और रास्ते में माल नष्ट हो गया, तो क्रेता के पास कौन सा अधिकार होगा? |
क्रेता विक्रेता से मुआवजा मांग सकता है |
धारा 40 के अंतर्गत, विक्रेता को दूर के स्थान पर माल भेजते समय किस बात का ध्यान रखना होता है? |
विक्रेता को माल के नुकसान से बचने के लिए उचित सावधानी बरतनी होती है |
यदि विक्रेता द्वारा माल का परिवान दूर के स्थान पर किया गया है और रास्ते में माल खराब हो जाता है, तो विक्रेता का क्या कर्तव्य होता है? |
विक्रेता को कोई कर्तव्य नहीं होता |
यदि क्रेता ने माल के परिवान के समय तक भुगतान नहीं किया है और रास्ते में माल नष्ट हो जाता है, तो कौन जिम्मेदार होगा? |
क्रेता |
किस मामले में धारा 40 से संबंधित निर्णय लिया गया था, विक्रेता के जोखिम को क्रेता के ऊपर स्थानांतरित किया गया? |
गुथरी बनाम एल.एम.एस. रेलवे |
अगर विक्रेता ने दूर के स्थान पर माल का परिवान किया और माल का नुकसान होता है, तो क्रेता का क्या कर्तव्य है? |
क्रेता को विक्रेता से मुआवजा मिल सकता है |
धारा 41 किससे सम्बन्धित है? |
माल की परीक्षा करने का क्रेता का अधिकार (Buyer’s right of examining the goods) |
धारा 41 के अनुसार, क्रेता को माल की परीक्षा करने का अधिकार कब होता है? |
माल की डिलीवरी के बाद |
यदि क्रेता को माल की गुणवत्ता को लेकर संदेह है, तो उसे क्या करना चाहिए? |
माल की परीक्षा करने का अधिकार है |
किस मामले में क्रेता को माल की परीक्षा करने का अधिकार दिया गया था? |
केवेल बनाम एच. ई. एबॉट एंड कंपनी |
माल की गुणवत्ता के बारे में संदेह होने पर क्रेता को किस अधिकार का लाभ मिलता है? |
क्रेता को माल की गुणवत्ता की जांच करने का अधिकार है |
धारा 41 के तहत, क्रेता को माल की परीक्षा करने के बाद, अगर माल में कोई दोष पाया जाता है, तो क्रेता क्या कर सकता है? |
माल को स्वीकार कर सकता है, विक्रेता से माल को वापस कर सकता है, विक्रेता से माल का मुआवजा मांग सकता है |
यदि विक्रेता ने माल की डिलीवरी के बाद क्रेता को निरीक्षण करने का अवसर नहीं दिया, तो इसका क्या परिणाम होगा? |
विक्रेता को क्रेता से मुआवजा देना होगा |
यदि क्रेता माल की गुणवत्ता को लेकर संदेह करता है, तो वह क्या कर सकता है? |
वह माल की गुणवत्ता की जांच करने का अधिकार रखता है |
क्रेता को माल की परीक्षा करने का अधिकार विक्रेता से माल प्राप्त करने के बाद मिलता है, लेकिन अगर विक्रेता क्रेता को परीक्षा का समय नहीं देता, तो क्या होगा? |
विक्रेता को क्रेता से मुआवजा देना होगा |
धारा 42 किससे सम्बन्धित है? |
प्रतिग्रहण (Acceptance) |
धारा 42 के अनुसार, प्रतिग्रहण का अधिकार किसे होता है? |
विक्रेता |
धारा 42 के तहत, जब विक्रेता द्वारा माल का प्रतिग्रहण किया जाता है, तो इसका उद्देश्य क्या होता है? |
माल को विक्रेता के पास वापस लाना |
प्रतिग्रहण के अधिकार का उपयोग तब किया जा सकता है जब विक्रेता को किस स्थिति का सामना करना पड़ता है? |
क्रेता माल का भुगतान नहीं करता है |
यदि क्रेता ने विक्रेता से माल खरीदा और बाद में भुगतान नहीं किया, तो विक्रेता किस अधिकार का उपयोग कर सकता है? |
माल का प्रतिग्रहण करने का अधिकार |
धारा 42 के अनुसार, विक्रेता को माल का प्रतिग्रहण करने का अधिकार कब तक रहता है? |
जब तक क्रेता ने पूरा भुगतान नहीं किया |
किस मामले में प्रतिग्रहण के अधिकार को किस संदर्भ में लागू किया गया था, विक्रेता के पास माल का प्रतिग्रहण करने का अधिकार था? |
सिम्पसन बनाम नॉरफ़ॉक |
विक्रेता द्वारा प्रतिग्रहण की प्रक्रिया के तहत, क्रेता को क्या अधिकार मिलता है? |
क्रेता को माल वापस करने का अधिकार मिलता है |
जब विक्रेता माल का प्रतिग्रहण करता है, तो माल का स्वामित्व किसके पास रहता है? |
विक्रेता |
यदि विक्रेता द्वारा माल का प्रतिग्रहण किया जाता है और माल फिर से क्रेता को नहीं लौटाया जाता, तो क्रेता किसे उत्तरदायी ठहरा सकता है? |
विक्रेता को |
यदि विक्रेता द्वारा माल का प्रतिग्रहण किया गया है, तो विक्रेता को कौन से कर्तव्य निभाने होते हैं? |
माल का सही तरीके से रख-रखाव करना, माल को नुकसान से बचाना, माल को क्रेता के पास वापस करना |
धारा 42 के तहत, यदि विक्रेता द्वारा माल का प्रतिग्रहण किया जाता है और माल का नुकसान हो जाता है, तो किसे नुकसान का सामना करना पड़ेगा? |
विक्रेता |
विक्रेता द्वारा माल का प्रतिग्रहण करने के दौरान क्या स्थिति उत्पन्न हो सकती है, अगर क्रेता माल का भुगतान नहीं करता? |
क्रेता को माल का भुगतान करना होता है |
धारा 43 किससे सम्बन्धित है? |
क्रेता प्रतिक्षेपित माल को वापस करने के लिए आबद्ध नहीं है (Buyer not bound to return rejected goods) |
धारा 43 के तहत, क्रेता को किस स्थिति में प्रतिवेपित माल वापस करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता? |
जब माल क्रेता द्वारा सही तरीके से स्वीकार कर लिया जाता है |
क्रेता के पास माल को वापस करने का अधिकार तब तक नहीं होता, जब तक किस शर्त को पूरा न किया गया हो? |
विक्रेता का माल वापस करने का अनुरोध |
यदि माल विक्रेता द्वारा बिक्री के बाद क्रेता के पास भेजा जाता है और उसे वापस भेजने का कोई कारण नहीं है, तो क्रेता क्या कर सकता है? |
क्रेता प्रतिवेपित माल को वापस करने के लिए बाध्य नहीं है |
यदि क्रेता ने माल का निरीक्षण किया और माल में कोई दोष पाया, तो वह माल को वापस कर सकता है। धारा 43 के तहत, क्या वह वापस करने के लिए बाध्य है? |
नहीं, क्रेता वापस करने के लिए बाध्य नहीं है |
धारा 43 के तहत, क्रेता को क्या अधिकार है यदि विक्रेता द्वारा माल को वापस लेने की कोई शर्त नहीं दी गई हो? |
क्रेता को माल को वापस करने का अधिकार नहीं होता |
विक्रेता ने क्रेता से माल वापस करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया, तो क्रेता किस स्थिति में विक्रेता से माल वापस कर सकता है? |
जब माल की गुणवत्ता सही न हो |
यदि विक्रेता माल की वापसी की शर्तों का उल्लंघन करता है तो क्रेता क्या कर सकता है? |
विक्रेता से मुआवजा प्राप्त कर सकता है |
धारा 43 के तहत, क्रेता के पास माल को वापस करने का अधिकार कब तक है? |
विक्रेता से माल प्राप्त करने के बाद 30 दिनों तक |
धारा 44 किससे सम्बन्धित है? |
माल का परिदान लेने में उपेक्षा या लेने से इन्कार करने के लिए क्रेता का दायित्व (Liability of buyer for neglecting or refusing delivery of goods) |
धारा 44 के अनुसार, यदि क्रेता माल लेने में उपेक्षा करता है तो विक्रेता को कौन सा कदम उठाने का अधिकार प्राप्त है? |
विक्रेता क्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है |
यदि क्रेता माल लेने से इन्कार करता है, तो विक्रेता को किसे सूचित करना चाहिए? |
क्रेता को विक्रेता को कानूनी नोटिस भेजना चाहिए |
धारा 44 के अनुसार, क्रेता द्वारा माल लेने से इन्कार करने के बाद विक्रेता के लिए क्या होता है? |
विक्रेता माल को बेच सकता है और मुआवजा प्राप्त कर सकता है |
यदि क्रेता माल लेने से इन्कार करता है और विक्रेता को मुआवजा मिलता है, तो विक्रेता को क्या करना चाहिए? |
विक्रेता को क्रेता से नुकसान की भरपाई के लिए दावा करना होगा |
धारा 44 के तहत, यदि विक्रेता माल को फिर से बेचना चाहता है, तो उसे क्या करना होगा? |
विक्रेता को फिर से माल को बेचना होगा |
अगर विक्रेता माल के मूल्य में वृद्धि करता है, तो क्या विक्रेता को क्रेता से अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार है? |
हां, विक्रेता को मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार है |
अगर क्रेता माल लेने से इन्कार करता है, तो विक्रेता को कितना समय दिया जाता है माल को फिर से बेचने के लिए? |
30 दिन |
अगर क्रेता माल लेने में उपेक्षा करता है, तो विक्रेता को नुकसान की भरपाई के लिए क्या करना होगा? |
विक्रेता को क्रेता से मुआवजा प्राप्त करना होगा |
किस मामले में क्रेता ने माल को क्यों स्वीकार नहीं किया था, माल की गुणवत्ता ठीक नहीं थी? |
पार्कर बनाम सैपियो |
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अध्याय 5 |
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माल पर असंवत विक्रेता के अधिकार (Rights Of Unpaid Seller Against The Goods) |
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धारा 45 किससे सम्बन्धित है? |
असंदत्त विक्रेता की परिभाषा (Unpaid seller” defined) |
"असंदत्त विक्रेता " के बारे में न्यायालय का क्या दृष्टिकोण है? |
किसी भी व्यक्ति को विक्रेता माना जा सकता है यदि उसे विक्रय का अधिकार हो |
"असंदत्त विक्रेता " से संबंधित किसी विवाद में क्या सिद्धांत लागू होगा? |
असंदत्त विक्रेता को किसी अन्य ओर से पर विक्रय करना होता है |
"असंदत्त विक्रेता " की परिभाषा के तहत, यदि विक्रेता ने माल बेचने का अधिकार प्राप्त किया है लेकिन वह मालिक नहीं है, तो क्या वह विक्रय का अधिकार रखता है? |
हाँ, लेकिन सीमित अधिकार के साथ |
"असंदत्त विक्रेता " और "स्वामी विक्रेता" में क्या अंतर है? |
स्वामी विक्रेता केवल उस माल को बेच सकता है जिसका वह मालिक है, जबकि असंदत्त विक्रेता किसी अन्य के behalf पर विक्रय करता है |
"असंदत्त विक्रेता" के अधिकार के संदर्भ में कौन सा मामला संदर्भित किया जा सकता है? |
'मैकफैडेन बनाम क्लार्क का मामला |
"असंदत्त विक्रेता" की स्थिति में विक्रेता को किसे सूचित करना होगा? |
माल का मालिक |
"असंदत्त विक्रेता " की परिभाषा में कौन सा तात्पर्य है? |
विक्रेता को माल बेचने का अधिकार दिया गया होता है, लेकिन वह उसका स्वामी नहीं होता |
"असंदत्त विक्रेता " के बारे में विक्रय के अधिकार का उल्लंघन करने पर कौन सा कदम उठाया जा सकता है? |
विक्रेता पर कोई कानूनी कार्रवाई की जा सकती है |
धारा 46 किससे सम्बन्धित है? |
असंदत्त विक्रेता के अधिकार (Unpaid seller’s rights) |
धारा 46 के तहत, असंदत्तविक्रेता का क्या अधिकार होता है? |
विक्रेता को माल बेचने का अधिकार होता है |
असंदत्त विक्रेता की स्थिति में, यदि विक्रेता ने माल का विक्रय किया है तो क्या वह अपने अधिकारों को बाद में चुनौती दे सकता है? |
हाँ, यदि विक्रेता ने गलत तरीके से विक्रय किया हो |
असंदत्त विक्रेता के अधिकारों में से कौन सा अधिकार गलत है? |
विक्रेता को माल की कीमत बढ़ाने का अधिकार होता है |
असंदत्तविक्रेता के अधिकारों को किस परिस्थितियों में न्यायालय चुनौती दे सकता है? |
यदि विक्रेता ने विक्रय के अधिकारों का उल्लंघन किया हो |
असंदत्त विक्रेता का अधिकार कब तक वैध रहता है? |
जब तक खरीदार ने माल का भुगतान नहीं किया |
असंदत्त विक्रेता की स्थिति में, यदि विक्रेता द्वारा माल का विक्रय गलत तरीके से किया गया हो तो खरीदार के पास क्या अधिकार है? |
खरीदार विक्रय को चुनौती दे सकता है और माल को वापस कर सकता है |
असंदत्त विक्रेता के अधिकार के संदर्भ में न्यायालय का क्या दृष्टिकोण है? |
विक्रेता को माल वापस लेने का अधिकार होता है, लेकिन खरीदार के सहमति से |
असंदत् विक्रेता के अधिकारों के उल्लंघन पर कौन से उपाय किए जा सकते हैं? |
कानूनी कार्रवाई और आर्थिक दंड |
असंदत्तविक्रेता द्वारा माल वापस न लेने के कारण क्या प्रभाव हो सकता है? |
विक्रेता को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है |
असंदत्त विक्रेता द्वारा अपने अधिकारों का उल्लंघन करने पर, क्या खरीदार को क्षतिपूर्ति का अधिकार है? |
हाँ, खरीदार विक्रेता से क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सकता है |
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असंदत्त विक्रेता का धारणाधिकार (Unpaid seller’s lien) |
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धारा 47 किससे सम्बन्धित है? |
विक्रेता का धारणाधिकार (Seller’s lien) |
धारा 47 के अनुसार विक्रेता का धारणाविकार किसे कहा जाता है? |
विक्रेता का यह अधिकार कि वह माल की विक्री में किसी तीसरे पक्ष के अधिकार को चुनौती दे सके |
विक्रेता का धारणाविकार लागू होने के बाद खरीदार के पास क्या अधिकार होते हैं? |
खरीदार को माल वापस करने का अधिकार होता है |
विक्रेता का धारणाविकार किसकी स्थितियों में लागू नहीं होता? |
जब विक्रेता ने माल के बारे में गलत जानकारी दी हो |
विक्रेता का धारणाविकार क्या तब लागू होता है जब विक्रेता को माल की कीमत प्राप्त नहीं हुई हो? |
नहीं, यह केवल तीसरे पक्ष के अधिकारों से संबंधित होता है |
विक्रेता का धारणाविकार लागू होने पर विक्रेता को कौन से उपाय मिल सकते हैं? |
विक्रेता को तृतीय पक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होता है |
विक्रेता का धारणाविकार लागू होने के बाद विक्रेता क्या कर सकता है? |
तीसरे पक्ष के अधिकार को चुनौती दे सकता है |
विक्रेता का धारणाविकार किसे रोकता है? |
तीसरे पक्ष को माल पर दावा करने से |
विक्रेता के धारणाविकार के मामले में यदि विक्रेता की कोई त्रुटि है, तो क्या खरीदार के पास अधिकार होते हैं? |
हाँ, खरीदार विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है |
धारा 47 के तहत विक्रेता के धारणाविकार के प्रभाव को निर्धारित करने के लिए किस प्रकार का विश्लेषण किया जाता है? |
विक्रेता और तीसरे पक्ष के अधिकारों के बीच संतुलन |
धारा 48 किससे सम्बन्धित है? |
भागिक परिदान (Part delivery) |
धारा 48 के तहत "भागिक परिवान" का क्या अर्थ है? |
माल का एक हिस्सा खरीदार को भेजने का अधिकार |
धारा 48 में भागिक परिदान की स्थिति में विक्रेता को किसका ध्यान रखना होता है? |
विक्रेता को माल का कुछ हिस्सा भेजने की अनुमति होती है, बशर्ते की शेष हिस्से का परिवान भविष्य में किया जाए |
अगर विक्रेता माल का कुछ हिस्सा भेजता है, तो किसके द्वारा शेष माल का परिदान किया जाएगा? |
केवल विक्रेता द्वारा |
क्या धारा 48 के तहत भागिक परिदान तब लागू हो सकता है जब विक्रेता द्वारा माल का कोई हिस्सा गलत भेजा गया हो? |
नहीं, यह केवल सही माल भेजने की स्थिति में लागू होता है |
"भागिक परिदान" का प्रावधान किस स्थिति में लागू होता है? |
जब विक्रेता द्वारा माल का कोई हिस्सा सही तरीके से भेजा गया हो |
यदि विक्रेता ने माल का कुछ हिस्सा भेज दिया है, तो विक्रेता का क्या दायित्व है? |
विक्रेता को बाकी माल भेजना होता है |
धारा 48 के तहत, भागिक परिदान की स्थिति में यदि विक्रेता शेष माल भेजने में असफल रहता है, तो क्या स्थिति उत्पन्न होती है? |
खरीदार को विक्रेता से शेष माल का दावा करने का अधिकार होता है |
धारा 48 के तहत, यदि विक्रेता द्वारा भागिक परिदान किया गया है और शेष माल का परिवान नहीं किया जाता है, तो विक्रेता का क्या दायित्व होता है? |
विक्रेता को शेष माल का परिवान करना होता है |
"भागिक परिवान" के तहत विक्रेता का क्या अधिकार होता है जब वह माल का केवल कुछ हिस्सा भेजता है? |
विक्रेता को शेष माल भेजने का अधिकार होता है |
यदि विक्रेता ने माल का भागिक परिदान किया और शेष माल का परिदान बाद में नहीं किया, तो खरीदार के पास क्या अधिकार हैं? |
खरीदार को शेष माल का परिवान मांगने का अधिकार होता है |
धारा 48 के तहत विक्रेता को "भागिक परिवान" का अधिकार कब होता है |
जब विक्रेता को माल का कुछ हिस्सा भेजने का अधिकार प्राप्त होता है |
धारा 49 किससे सम्बन्धित है? |
धारणाधिकार का पर्यवसान (Termination of lien) |
धारा 49 के अनुसार, धारणाधिकार का पर्यवसान कब होता है? |
जब माल खरीदार के कब्जे में आ जाता है |
अगर माल विक्रेता के कब्जे में हो और विक्रेता उसे खरीददार को नहीं देता है, तो धारा 49 के तहत क्या होता है? |
विक्रेता का स्वामित्व और कब्जा बना रहता है |
धारा 49 के तहत धारणाधिकार का पर्यवसान किसे संदर्भित करता है? |
माल का खरीदार के पास स्थायी कब्जा |
धारा 49 के अनुसार, अगर विक्रेता ने माल को खरीदार के पास छोड़ा है, तो इसका क्या प्रभाव होता है? |
खरीदार को माल पर पूर्ण अधिकार और कब्जा मिल जाता है |
"धारणाधिकार का पर्यवसान" से क्या तात्पर्य है? |
माल का विक्रेता से खरीदार के पास स्थानांतरित होना |
धारा 49 के अंतर्गत, क्या विक्रेता और खरीदार के बीच का अनुबंध संपन्न होने के बाद विक्रेता का अधिकार समाप्त हो जाता है? |
हाँ, विक्रेता का अधिकार तब समाप्त हो जाता है जब माल का कब्जा खरीदार को दिया जाता है |
धारा 49 के अंतर्गत यदि विक्रेता ने माल का कब्जा खरीदार को दे दिया, तो विक्रेता को क्या करना चाहिए? |
विक्रेता का अधिकार और कब्जा समाप्त हो जाता है |
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अभिवहन में रोकना (Stoppage in transit) |
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धारा 50 किससे सम्बन्धित है? |
अभिवहन में रोकने का अधिकार (Right of stoppage in transit) |
धारा 50 के अनुसार, विक्रेता के पास अभिवहन में माल को रोकने का अधिकार कब तक होता है? |
जब खरीदार भुगतान करने के लिए सक्षम नहीं होता |
धारा 50 के अनुसार, विक्रेता का अभिवहन में माल को रोकने का अधिकार किस स्थिति में होता है? |
जब खरीदार माल का पूरा मूल्य नहीं चुका पाता है |
धारा 50 के तहत, विक्रेता के पास माल को अभिवहन में रोकने का अधिकार किस परिस्थिति में समाप्त हो सकता है? |
जब खरीदार ने माल का मूल्य चुकता कर दिया हो |
धारा 50 में "अभिवहन" का क्या अर्थ है? |
माल का विक्रेता से खरीदार तक स्थानांतरण |
यदि विक्रेता ने माल को खरीदार के पास भेजा है, लेकिन खरीदार ने भुगतान नहीं किया, तो विक्रेता के पास क्या अधिकार है? |
विक्रेता को माल को रोकने का अधिकार होता है |
धारा 51 किससे सम्बन्धित है? |
अभिवहन की कालावधि (Duration of transit) |
धारा 51 के अनुसार, अभिवहन की कालावधि को किसे ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है? |
विक्रेता और खरीदार के बीच हुए समझौते |
धारा 51 के अंतर्गत, अभिवहन की कालावधि क्या होगी यदि विक्रेता और खरीदार ने इस बारे में कोई समय सीमा तय नहीं की हो? |
अभिवहन की कालावधि को न्यायालय निर्धारित करेगा |
धारा 51 के तहत, यदि अभिवहन की कालावधि समाप्त हो जाती है, तो विक्रेता को क्या करना होगा? |
माल वापस ले लेना होगा |
धारा 51 के अनुसार, यदि विक्रेता द्वारा तय की गई अभिवहन की कालावधि समाप्त हो जाती है, तो विक्रेता के पास क्या अधिकार है? |
विक्रेता के पास माल को वापस लेने का अधिकार होता है |
यदि विक्रेता ने माल भेजने की समय सीमा का उल्लंघन किया है, तो धारा 51 के तहत खरीदार का क्या अधिकार है? |
खरीदार को विक्रेता से क्षतिपूर्ति की मांग करने का अधिकार होता है |
धारा 51 के अनुसार, यदि माल की अभिवहन कालावधि समाप्त हो जाती है, तो विक्रेता क्या कर सकता है? |
विक्रेता को माल वापस लेने का अधिकार होता है |
धारा 51 के अनुसार, यदि विक्रेता माल भेजने में असफल रहता है, तो कौन सा कानूनी उपाय खरीदार के पास उपलब्ध है? |
खरीदार विक्रेता से क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है |
धारा 51 किससे सम्बन्धित है? |
अभिवहन में रोका कैसे जाता है (How stoppage in transit is effected) |
धारा 52 के अनुसार, अभिवहन में रोकने का अधिकार किसे प्राप्त है? |
केवल विक्रेता |
धारा 52 के तहत, विक्रेता अभिवहन में रोकने का अधिकार कब तक प्रयोग कर सकता है? |
जब खरीदार माल की कीमत नहीं चुका रहा हो |
धारा 52 के अंतर्गत अभिवहन में रोकने का अधिकार प्राप्त करने के लिए विक्रेता को किसे सूचित करना होता है? |
खरीदार को |
धारा 52 के अनुसार, अभिवहन में रोकने का अधिकार उस स्थिति में होता है जब विक्रेता को क्या अधिकार है? |
विक्रेता को माल वापस लेने का अधिकार होता है |
यदि विक्रेता अभिवहन में रोकने का निर्णय लेता है, तो यह कार्रवाई क्या होगी? |
विक्रेता को माल वापस लेने का अधिकार मिलेगा |
धारा 52 के अनुसार, यदि खरीदार द्वारा भुगतान में विफलता होती है, तो विक्रेता अभिवहन में क्या कर सकता है? |
विक्रेता अभिवहन को रोक सकता है |
क्रेता और विक्रेता द्वारा अन्तरण (Transfer by buyer and seller) |
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धारा 53 किससे सम्बन्धित है? |
क्रेता द्वारा अनुविक्रय या गिरवी का प्रभाव (Effect of sub-sale or pledge by buyer) |
धारा 53 के अनुसार, यदि क्रेता ने माल का अनुविक्रय किया है तो क्या स्थिति होगी? |
विक्रेता का अधिकार कायम रहेगा और वह माल को वापस ले सकता है |
धारा 53 के तहत, यदि क्रेता ने माल को गिरवी रखा है तो विक्रेता के अधिकार पर क्या प्रभाव पड़ेगा? |
विक्रेता को गिरवी माल का दावा करने का अधिकार मिलेगा |
धारा 53 के अनुसार, यदि क्रेता द्वारा माल का अनुविक्रय किया गया है तो विक्रेता के पास माल के स्वामित्व का क्या अधिकार रहेगा? |
विक्रेता का स्वामित्व बना रहेगा, और वह माल को वापस ले सकता है |
धारा 54 किससे सम्बन्धित है? |
धारणाधिकार से या अभिवहन में रोकने से विक्रय का विखण्डन साधारणतः नहीं होता (Sale not generally rescinded by lien or stoppage in transit) |
धारा 54 के अनुसार, विक्रय का विखंडन तब नहीं होता जब विक्रेता माल को रोकता है या धारणाधिकार रखता है, तो क्या होगा? |
विक्रय का विखंडन सामान्यतः नहीं होता |
धारा 54 के अनुसार, जब विक्रेता माल के अभिवहन में रोक लगाता है तो विक्रय का क्या प्रभाव पड़ता है? |
विक्रय का विखंडन नहीं होता |
धारा 54 के अनुसार, विक्रेता द्वारा माल को रोकने या अभिवहन में रोक लगाने से विक्रय का विखंडन क्यों नहीं होता है? |
विक्रेता का धारणाधिकार विक्रय को प्रभावित नहीं करता |
धारा 54 के अनुसार, यदि विक्रेता माल का अभिवहन रोकता है, तो इस परिस्थिति में विक्रय का क्या होता है? |
विक्रय का विखंडन सामान्यतः नहीं होता |
विक्रेता द्वारा माल के अभिवहन में रोक लगाने या धारणाधिकार रखने के बाद विक्रय का क्या प्रभाव होता है? |
विक्रय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता |
यदि विक्रेता माल को रोकता है या अभिवहन में रोक लगाता है, तो विक्रय का विखंडन किस स्थिति में हो सकता है? |
यदि विक्रेता माल का हस्तांतरण नहीं करता |
धारा 54 किससे सम्बन्धित है? |
धारणाधिकार से या अभिवहन में रोकने से विक्रय का विखण्डन साधारणतः नहीं होता |
धारा 54 के तहत, विक्रय का विखंडन न होने की स्थिति क्या है? |
विक्रेता ने अभिवहन में रोक लगाई हो |
धारा 54 के अनुसार, विक्रय का विखंडन किस परिस्थिति में हो सकता है? |
जब विक्रेता माल का मूल्य नहीं लेता |
धारा 54 के अनुसार, यदि विक्रेता माल को रोकता है तो इसका प्रभाव क्या होगा? |
विक्रय का विखंडन नहीं होगा |
विक्रेता ने माल को अभिवहन में रोक लिया है, तो क्या यह विक्रय पर असर डालेगा? |
विक्रय पर कोई असर नहीं पड़ेगा |
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अध्याय 6 |
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संविदा-भंग के लिए बाद (Suits For Breach Of The Contract) |
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धारा 55 किससे सम्बन्धित है? |
कीमत के लिए बाद (Suit for price) |
धारा 55 के तहत, यदि विक्रय की कीमत निर्धारित करने के लिए कोई वाद होता है, तो इसका अर्थ क्या है? |
कीमत निर्धारित करने के लिए एक विवाद उत्पन्न हो सकता है |
धारा 55 के अनुसार, यदि कीमत के लिए वाद उत्पन्न होता है, तो विक्रेता का क्या कर्तव्य है? |
विक्रेता को न्यायालय के आदेश के बिना वाद का समाधान नहीं करना होगा |
धारा 56 किससे सम्बन्धित है? |
अप्रतिग्रहण के लिए नुकसानी (Damages for non-acceptance) |
धारा 56 के तहत, विक्रेता का क्या दायित्व होता है जब माल अप्रतिग्रहण की स्थिति में होता है? |
विक्रेता को क्रेता को नुकसान की भरपाई करनी होती है |
धारा 56 के अनुसार, यदि माल अप्रतिग्रहण के कारण क्रेता को नुकसान होता है, तो वह किसे दावा कर सकता है? |
विक्रेता से |
धारा 56 के तहत, क्रेता को क्या अधिकार होता है अगर विक्रय के समय माल अप्रतिग्रहण होता है? |
क्रेता विक्रेता से नुकसान की भरपाई की मांग कर सकता है |
धारा 57 किससे सम्बन्धित है? |
अपरिदान के लिए नुकसानी (Damages for non-delivery) |
धारा 57 के अनुसार, जब माल का परिवहन या परिदान समय पर नहीं किया जाता है तो किसे नुकसान का भुगतान करना पड़ता है? |
विक्रेता |
धारा 57 के अनुसार, यदि विक्रेता ने परिदान के समय को पालन नहीं किया और माल का परिदान नहीं किया, तो क्रेता को किसका हक होता है? |
क्रेता विक्रेता से नुकसान की भरपाई की मांग कर सकता है |
धारा 57 में, परिवान में देरी के कारण क्रेता को कौन सा अधिकार प्राप्त होता है? |
क्रेता विक्रेता से नुकसान की भरपाई कर सकता है |
अगर विक्रेता ने धारा 57 के तहत परिदान में देरी की और क्रेता को नुकसान हुआ, तो क्या होगा? |
विक्रेता को नुकसान की भरपाई करनी होती है |
धारा 58 किससे सम्बन्धित है? |
विनिर्दिष्ट पालन (Specific performance) |
धारा 58 के अनुसार, विक्रेता द्वारा माल का विनिर्दिष्ट पालन का क्या अर्थ है? |
विक्रेता को माल को सही तरीके से परिदान करना होता है |
धारा 58 के तहत, जब विक्रेता माल का विनिर्दिष्ट पालन नहीं करता, तो क्या होगा? |
विक्रेता को क्रेता से क्षतिपूर्ति करनी होगी |
धारा 58 के अनुसार, माल का विनिर्दिष्ट पालन होने पर क्या परिणाम होता है? |
विक्रेता को माल का सही तरीके से परिदान करना होता है |
धारा 58 के तहत, अगर विक्रेता द्वारा विनिर्दिष्ट पालन में कोई ग़लती होती है तो विक्रेता का क्या दायित्व बनता है? |
विक्रेता को क्रेता से क्षतिपूर्ति करनी होती है |
धारा 59 किससे सम्बन्धित है? |
वारण्टी के भंग का उपचार (Remedy for breach of warranty) |
धारा 59 के अनुसार, वारंटी के उल्लंघन पर क्रेता को क्या उपचार मिल सकता है? |
माल वापस करने का अधिकार |
धारा 59 के तहत, वारंटी के उल्लंघन पर क्रेता के पास कौन सा विकल्प होता है? |
वह माल वापस कर सकता है और मुआवजा प्राप्त कर सकता है |
धारा 59 में, यदि विक्रेता ने माल पर दी गई वारंटी का उल्लंघन किया है, तो क्रेता को क्या करना चाहिए? |
क्रेता को विक्रेता से मुआवजा प्राप्त करना चाहिए और माल वापस करना चाहिए |
धारा 59 के तहत, विक्रेता को वारंटी के उल्लंघन पर किस तरह से कार्रवाई करनी चाहिए? |
विक्रेता को मुआवजा देना चाहिए और माल वापस करना चाहिए |
धारा 60 किससे सम्बन्धित है? |
सम्यक् तारीख से पूर्व संविदा का निराकरण (Repudiation of contract before due date) |
धारा 60 के अनुसार, संविदा को सम्यक् तारीख से पहले किस स्थिति में निरस्त किया जा सकता है? |
यदि क्रेता या विक्रेता संविदा को समय से पहले समाप्त करने की सहमति देते हैं |
धारा 60 के तहत, विक्रेता और क्रेता की सहमति के बिना संविदा को किस स्थिति में निरस्त किया जा सकता है? |
अगर किसी कारण से माल नष्ट हो जाए |
धारा 61 किससे सम्बन्धित है? |
नुकसानी के तौर पर ब्याज और विशेष नुकसानी (Interest by way of damages and special damages) |
धारा 61 के अनुसार, यदि विक्रेता द्वारा माल की आपूर्ति नहीं की जाती है, तो क्रेता किस प्रकार की नुकसानी के लिए ब्याज की मांग कर सकता है? |
केवल माल की कीमत पर ब्याज |
धारा 61 के तहत, क्रेता विशेष नुकसानी के लिए विक्रेता से क्या दावा कर सकता है? |
माल के नुकसान के कारण हुए अतिरिक्त खर्चे |
धारा 61 के अनुसार, यदि विक्रेता ने क्रेता को माल की आपूर्ति नहीं की, तो क्रेता किस समय से ब्याज की मांग कर सकता है? |
माल की आपूर्ति की तारीख से |
धारा 61 में "विशेष नुकसानी" का क्या अर्थ है? |
माल के नुकसान के कारण हुए अतिरिक्त नुकसान |
धारा 61 के अनुसार, विशेष नुकसानी के लिए ब्याज का भुगतान कब किया जाता है? |
केवल तब जब विक्रेता ने शर्तों का उल्लंघन किया हो, तब जब क्रेता को माल की आपूर्ति नहीं मिलती हो, विक्रेता की गलती से यदि क्रेता को अतिरिक्त नुकसानी हुई हो |
धारा 61 के तहत, विक्रेता को किन परिस्थितियों में ब्याज का भुगतान करना होता है? |
जब माल समय पर नहीं पहुंचाया जाता है |
धारा 61 के तहत, यदि विक्रेता माल की आपूर्ति करने में असमर्थ है, तो क्या क्रेता ब्याज की मांग कर सकता है? |
हां, यदि माल की आपूर्ति में विलंब हुआ हो |
धारा 61 के तहत, विक्रेता के द्वारा समय पर माल नहीं देने पर, क्रेता किस प्रकार की विशेष नुकसानी की मांग कर सकता है? |
माल के नष्ट होने के कारण हुए अतिरिक्त खर्चे |
धारा 61 के तहत, यदि क्रेता विक्रेता से विशेष नुकसानी का दावा करता है, तो वह क्या करेगा? |
माल का मूल्य लौटा सकता है, ब्याज की मांग कर सकता है, अतिरिक्त खर्चे का दावा कर सकता है |
धारा 61 के तहत, विक्रेता की गलती से विशेष नुकसानी होने पर क्रेता किसे दावा कर सकता है? |
विक्रेता से ब्याज, विक्रेता से मुआवजा |
यदि विक्रेता के द्वारा माल की आपूर्ति में विलंब होता है, तो क्रेता किसे दावा कर सकता है? |
विशेष नुकसानी और ब्याज |
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अध्याय 7 |
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प्रकीर्ण (Miscellaneous) |
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धारा 62 किससे सम्बन्धित है? |
विवक्षित निबंधनों और शतों का अपवर्जन (Exclusion of implied terms and conditions) |
धारा 62 के अनुसार, यदि विक्रय के अनुबंध में कोई विवक्षित शर्तें या निबन्धन लागू किए गए हैं, तो वे किस परिस्थिति में हटाए जा सकते हैं? |
जब क्रेता और विक्रेता सहमत हों, यदि शर्तें अनुबंध में शामिल न हों, यदि दोनों पक्षों ने अपवर्जन की सहमति दी हो |
धारा 62 के अंतर्गत, शर्तों और निबन्धनों का अपवर्जन कब किया जा सकता है? |
यदि पार्टियों के बीच परस्पर सहमति हो |
धारा 62 के अनुसार, विक्रेता और क्रेता के बीच क्या होता है जब विवक्षित शर्तों और निबन्धनों का अपवर्जन किया जाता है? |
अनुबंध केवल शर्तों के बिना चलता है |
धारा 62 में शर्तों का अपवर्जन करने का क्या प्रभाव होता है? |
अनुबंध में कोई भी शर्त लागू नहीं रहती |
यदि विक्रय के अनुबंध में कोई विवक्षित शर्तें हैं, तो धारा 62 के अनुसार उनका अपवर्जन कैसे हो सकता है? |
दोनों पक्षों की सहमति से |
धारा 62 के तहत, यदि शर्तों का अपवर्जन किया जाता है तो इसका प्रभाव किस पर पड़ता है? |
विक्रेता और क्रेता दोनों पर |
धारा 62 में "विवक्षित निबन्धन" का क्या मतलब है? |
विशेष और अनिवार्य शर्तें जो अनुबंध में शामिल होती हैं |
धारा 62 के तहत, विक्रेता और क्रेता के बीच क्या हो सकता है यदि वे शर्तों का अपवर्जन करना चाहते हैं? |
उन्हें एक नया अनुबंध बनाना होगा, वे मौजूदा अनुबंध को संशोधित कर सकते हैं, पुराने अनुबंध को रद्द कर सकते हैं |
धारा 62 के अंतर्गत, यदि शर्तों का अपवर्जन किया जाता है, तो क्या विक्रेता के अधिकार प्रभावित होते हैं? |
विक्रेता के अधिकार प्रभावित नहीं होते |
यदि विक्रेता और क्रेता शर्तों का अपवर्जन करते हैं, तो क्या इसके बाद अनुबंध पर लागू होने वाली अन्य शर्तों का कोई प्रभाव पड़ता है? |
अन्य शर्तें लागू होती रहेंगी |
धारा 62 के तहत, यदि एक पक्ष शर्तों का अपवर्जन करता है, तो दूसरा पक्ष किसे कर सकता है? |
वह अपवर्जन को चुनौती दे सकता है, वह अपवर्जन को स्वीकार कर सकता है, वह अनुबंध को रद्द कर सकता है |
यदि विक्रेता और क्रेता के बीच शर्तों का अपवर्जन किया जाता है, तो इसका क्या प्रभाव होता है? |
शर्तों की परवाह किए बिना अनुबंध लागू होता है |
धारा 62 के अनुसार, यदि शर्तों का अपवर्जन किया जाता है, तो क्या अनुबंध की अन्य शर्तें भी प्रभावित होती हैं? |
नहीं, वे अप्रभावित रहती हैं |
धारा 62 में विवक्षित निबन्धनों और शर्तों का अपवर्जन करने के बाद, क्या अनुबंध की वैधता प्रभावित होती है? |
नहीं, अनुबंध वैध रहता है |
धारा 63 किससे सम्बन्धित है? |
युक्तियुक्त समय तथ्य का प्रश्न है (Reasonable time a question of fact) |
धारा 63 के अनुसार, "युक्तियुक्त समय" का क्या मतलब है? |
वह समय जब किसी कार्रवाई के लिए उचित समय माना जाए |
धारा 63 के अनुसार, युक्तियुक्त समय की अवधारणा किस मामले में लागू होती है? |
अनुबंध के कार्यान्वयन में विलंब |
यदि विक्रेता माल के परिवहन में युक्तियुक्त समय से अधिक विलंब करता है, तो क्या होगा? |
अनुबंध स्वतः निरस्त हो जाएगा |
धारा 63 के तहत, युक्तियुक्त समय का कोई विशेष निर्धारण नहीं होने पर, किसे माना जाता है? |
व्यापारिक रिवाजों के अनुसार |
यदि युक्तियुक्त समय पर विक्रेता या क्रेता द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो क्या होगा? |
अनुबंध को रद्द किया जा सकता है |
यदि विक्रेता युक्तियुक्त समय से पूर्व माल की डिलीवरी नहीं करता है, तो क्रेता किसे विकल्प दे सकता है? |
विक्रेता से उत्पाद को वापस लेना, विक्रेता से कीमत वापस मांगना, अनुबंध को समाप्त करना |
युक्तियुक्त समय का निर्धारण करते समय, क्या किसी अन्य विधिक शर्तों का पालन किया जाता है? |
नहीं, यह केवल दोनों पक्षों के समझौते पर निर्भर करता है |
यदि युक्तियुक्त समय की कोई अवधि निर्दिष्ट नहीं की जाती, तो यह कैसे तय किया जाएगा? |
यह सामान्य व्यापारिक परिपाटी के आधार पर तय किया जाएगा |
धारा 64 किससे सम्बन्धित है? |
नीलाम विक्रय (Auction sale) |
धारा 64 के अनुसार, नीलाम विक्रय के दौरान विक्रेता के पास क्या अधिकार होते हैं? |
नीलाम को रद्द करने का अधिकार |
नीलाम विक्रय में यदि खरीदार ने अपनी बोली को स्वीकार नहीं किया, तो विक्रेता क्या कर सकता है? |
नीलाम को रद्द कर सकता है |
नीलाम विक्रय में यदि माल के लिए बोली नहीं लगती है, तो विक्रेता क्या कर सकता है? |
विक्रेता के पास माल का पुनः नीलाम करने का अधिकार होता है |
नीलाम विक्रय के संबंध में विक्रेता के दायित्व क्या हैं? |
विक्रेता को नीलाम के दौरान सही विवरण देना आवश्यक है |
यदि नीलाम विक्रय के दौरान कोई गलती होती है, तो उसे किसकी जिम्मेदारी माना जाएगा? |
नीलामीकर्ता |
नीलाम विक्रय में खरीदार का क्या कर्तव्य होता है? |
माल का उचित मूल्य चुकाना |
यदि नीलाम विक्रय के बाद खरीदार किसी कारण से माल का भुगतान नहीं करता, तो विक्रेता क्या कर सकता है? |
विक्रेता खरीदार पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है |
क्या नीलाम विक्रय में विक्रेता के पास नीलामी के परिणामों पर कोई पुनर्विचार का अधिकार होता है? |
नहीं, विक्रेता के पास पुनर्विचार का अधिकार नहीं है |
नीलाम विक्रय के दौरान, यदि बोली लगाने वाला खरीदार अपनी बोली वापस लेता है, तो क्या होता है? |
खरीदार को जुर्माना देना पड़ता है |
नीलाम विक्रय के संदर्भ में यदि विक्रेता ने बोली लगाने वालों के लिए कोई शर्त निर्धारित की है, तो वह क्या हो सकता है? |
वह शर्त नीलाम के प्रारंभ में ही लागू होती है |
यदि नीलाम विक्रय में विक्रेता ने माल का गलत विवरण दिया, तो क्या खरीदार को विक्रेता से शिकायत करने का अधिकार है? |
हां, खरीदार के पास विक्रेता से शिकायत करने का अधिकार है |
नीलाम विक्रय के दौरान, विक्रेता किस परिस्थिति में माल को वापस ले सकता है? |
उपरोक्त सभी परिस्थितियों में विक्रेता माल वापस ले सकता है |
नीलाम विक्रय में अगर खरीदार ने विक्रेता द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया, तो विक्रेता क्या कर सकता है? |
विक्रेता अनुबंध को रद्द कर सकता है |
यदि नीलाम विक्रय में विक्रेता ने माल के बारे में गलत जानकारी दी हो और खरीदार ने इसे स्वीकार किया हो, तो विक्रेता के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है? |
विक्रेता पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है |
नीलाम विक्रय में विक्रेता के लिए क्या कानूनी कर्तव्य होता है |
विक्रेता को माल का सही विवरण देना चाहिए |