हिन्दू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 |
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(THE HINDU MINORITY AND GUARDIANSHIP ACT, 1956) |
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(1956 का अधिनियम संख्यांक 32) |
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(ACT NO. 32 OF 1956) |
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इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम क्या है? |
हिन्दू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 |
इस अधिनियम का अधिनियम संख्यांक क्या है? |
1956 का अधिनियम संख्यांक 32 |
हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 का उद्देश्य क्या है? |
अप्राप्तवयता और संरक्षकता से सम्बन्धित हिन्दू विधि के कतिपय भागों को संशोधित और संहिताबद्ध करना |
संक्षिप्त नाम और विस्तार (Short title and extent) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 1 |
हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 भारत के किन क्षेत्रों में लागू होता है? |
पूरे भारत में |
हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, किस वर्ष लागू हुआ था? |
1956 |
किस प्रमुख मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि यह अधिनियम केवल हिंदू परिवारों पर लागू होता है? |
गीता हरिहरन बनाम आरबीआई |
इस अधिनियम के अनुसार अभिभावक की भूमिका क्या है? |
बच्चे की देखभाल और संरक्षण करना |
इस अधिनियम का क्षेत्राधिकार किस पर है? |
भारत के भीतर हिंदुओं पर और राज्यक्षेत्रों में, जिन पर इस अधिनियम का विस्तार है, अधिवसित उन हिन्दुओं को भी लागू है जो उक्त राज्यक्षेत्र के बाहर हों। |
किस केस ने इस अधिनियम की धारा 1 के तहत अभिभावकता के अधिकारों पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया? |
गीता हरिहरन बनाम भारतीय रिजर्व बैंक |
इस अधिनियम की धारा 1 में ‘अल्पसंख्यक’ का कौन सा वर्ग शामिल नहीं है? |
मुस्लिम क्रिश्चियन, पारसी या यहूदी |
यह अधिनियम 1890 के अधिनियम 8 का अनुपूरक होगा (Act to be supplemental to Act 8 of 1890) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 2 |
धारा 2 के अनुसार हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 किस अधिनियम का अनुपूरक है? |
संरक्षक और वार्ड अधिनियम, 1890 |
हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 का अनुपूरक अधिनियम होने का अर्थ क्या है? |
इस अधिनियम के उपबंध संरक्षक और प्रतिपाल्य अधिनियम, 1890 के अतिरिक्त न कि एतस्मिन्पश्चात् अभिव्यक्ततः उपबंधित के सिवाय, उसके अल्पीकारक होंगे |
हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 किस वर्ष लागू हुआ था? |
1956 |
अधिनियम का लागू होना (Application of Act) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 3 |
यह अधिनियम किस समुदाय के सदस्यों पर लागू होता है? |
हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख |
क्या हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956 उन व्यक्तियों पर लागू होता है जो अनुसूचित जनजातियों में आते हैं? |
नहीं, जब तक कि केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा अन्यथा निर्दिष्ट न कर दे |
किस केस में यह निर्णय दिया गया कि अधिनियम का प्रभाव उन लोगों पर नहीं पड़ता जो अपने परंपरागत रीति-रिवाजों से शासित होते हैं? |
मधु किश्वर बनाम बिहार राज्य |
इस अधिनियम की धारा 3 का उद्देश्य क्या है? |
अधिनियम के दायरे और प्रभाव को परिभाषित करना |
यदि कोई व्यक्ति हिंदू धर्म का अनुयायी नहीं है, तो क्या उस पर यह अधिनियम लागू होगा? |
नहीं |
किस निर्णय में यह कहा गया कि यह अधिनियम परंपरागत प्रथागत कानून को पूरी तरह समाप्त नहीं करता? |
मधु किश्वर बनाम बिहार राज्य |
क्या यह अधिनियम हिंदू विधि के तहत बच्चों की अभिरक्षा पर केंद्रित है? |
हाँ |
यदि किसी व्यक्ति ने हिंदू धर्म को त्यागकर इस्लाम धर्म अपना लिया है, तो क्या उस पर यह अधिनियम लागू होगा? |
नहीं |
अधिनियम के लागू होने की तिथि किस प्रकार निर्धारित की गई? |
राष्ट्रपति की अधिसूचना से |
क्या यह अधिनियम हिंदू विधि में पारंपरिक रीति-रिवाजों को पूरी तरह समाप्त करता है? |
नहीं |
अप्राप्तवय (Minor) किस धारा से सम्बन्धित हैं? |
धारा 4(क) |
धारा 4(क) के अनुसार “अप्राप्तवय” (Minor) किसे कहा गया है? |
18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को |
क्या एक 17 वर्षीय हिंदू बालक को 'अप्राप्तवय' माना जाएगा? |
हाँ |
धारा 4(क) की परिभाषा के अनुसार "अप्राप्तवय" की आयु सीमा किससे निर्धारित होती है? |
वयस्कता अधिनियम, 1875 से |
यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष की आयु से पहले विवाह कर लेता है, तो क्या वह हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम के अनुसार अभी भी 'अप्राप्तवय' माना जाएगा? |
हाँ |
किस केस में यह निर्धारित किया गया कि 'अप्राप्तवय' की परिभाषा वयस्कता अधिनियम, 1875 के अनुरूप ही समझी जाएगी? |
राजलक्ष्मी बनाम रामचन्द्रन |
किस न्यायिक निर्णय में 'नाबालिग' की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम है, तो वह संपत्ति का स्वतंत्र स्वामी नहीं बन सकता? |
हरिलाल बनाम लीलावती |
संरक्षक (Guardian) किस धारा से सम्बन्धित हैं? |
धारा 4(ख) |
हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम की धारा 4(ख) के अनुसार "संरक्षक" कौन होता है? |
वह व्यक्ति जो किसी अप्राप्तवय की शरीर या उसकी सम्पत्ति या उसकी शरीर और सम्पत्ति दोनों की देखरेख करता है |
धारा 4(ख) में कितने प्रकार के संरक्षकों को मान्यता दी गई है? |
4 |
धारा 4(ख) में कौन कौन से संरक्षक आते है? |
(i) नैसर्गिक संरक्षक, (ii) पिता या माता की विल द्वारा नियुक्त संरक्षक, (iii) न्यायालय द्वारा नियुक्त या घोषित संरक्षक, तथा (iv) किसी प्रतिपाल्य अधिकरण से सम्बन्ध रखने वाली किसी अधिनियमिति के द्वारा या अधीन संरक्षक की हैसियत में कार्य करने के लिए सशक्त व्यक्ति |
वसीयतनामा संरक्षक किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है? |
पिता या माता द्वारा वसीयत में |
कौन-सा केस प्राकृतिक और वसीयती संरक्षक की भूमिका को लेकर महत्त्वपूर्ण है? |
गीता हरिहरन बनाम आरबीआई |
नैसर्गिक संरक्षक (Natural Guardian) किस धारा से सम्बन्धित हैं? |
धारा 4(ग) |
धारा 4(ग) के अनुसार 'नैसर्गिक संरक्षक' से क्या तात्पर्य है? |
धारा 6 में वर्णित संरक्षकों में से कोई भी संरक्षक |
धारा 6 में वर्णित संरक्षक से क्या तात्पर्य है? |
वह व्यक्ति जो बालक के के शरीर और संपत्ति की देखरेख करने का स्वाभाविक अधिकार रखता हो |
धारा 6 में नैसर्गिक संरक्षक की विस्तृत सूची दी गई है, लेकिन उसकी परिभाषा कहाँ दी गई है? |
धारा 4(ग) |
नैसर्गिक संरक्षक की पात्रता से संबंधित केस कौन सा है? |
राजलक्ष्मी बनाम रामचन्द्रन |
अध्यारोही प्रभाव (Over-Riding Effect of Act) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 5 |
धारा 5 का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
इस अधिनियम की प्रधानता को अन्य हिंदू विधियों पर स्थापित करना |
अध्यारोही प्रभाव का क्या अर्थ है? |
इस अधिनियम के प्रावधान अन्य कानूनों पर प्रभावी होते हैं |
कोई भी ऐसी अन्य विधि जो इस अधिनियम के प्रारम्भ के अव्यवहित पूर्व प्रवृत्त रही हो यदि वह इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट उपबन्धों में से किसी से असंगत हो तो उस अधिनियम का क्या प्रभाव होगा? |
वह अधिनियम वहां तक प्रभावहीन हो जाएगा जहां तक वह इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट उपबन्धों में से किसी से असंगत हो |
हिन्दू अप्राप्तवय के नैसर्गिक संरक्षक (Natural Guardians Of A Hindu Minor) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 6 |
धारा 6 के अंतर्गत अप्राप्तवय पुत्र का नैसर्गिक संरक्षक कौन होता है? |
पिता |
यदि पिता की मृत्यु हो गई हो, तो अप्राप्तवय पुत्र का नैसर्गिक संरक्षक कौन होगा? |
माँ |
एक अविवाहित बालिका के लिए नैसर्गिक संरक्षक का क्रम क्या है? |
पिता → माँ |
विवाहित अप्राप्तवय स्त्री के लिए नैसर्गिक संरक्षक कौन होता है? |
उसका पति |
अधर्मज लड़के तथा अधर्मज अविवाहिता लड़की की दशा में नैसर्गिक संरक्षक कौन होता है? |
माता और उसके पश्चात् पिता |
कोई भी व्यक्ति इस धारा के उपबन्धों के अधीन अप्राप्तवय के नैसर्गिक संरक्षक के रूप में कार्य करने का हकदार कब नहीं होगा? |
यदि वह हिन्दू नहीं रह गया है; या वह वानप्रस्थ या यति या संन्यासी होकर संसार को पूर्णतः और अन्तिम रूप से त्याग चुका हैं |
धारा 6 के अनुसार क्या माता-पिता में से कोई एक भी संरक्षक हो सकता है? |
हाँ, परंतु पिता को प्राथमिकता है |
क्या पिता की अनुपस्थिति में माँ संरक्षक बन सकती है? |
हाँ |
कौन-सा प्रावधान धारा 6 में वर्णित नहीं है? |
गोद लिए गए बच्चे के लिए संरक्षक |
धारा 6 के अनुसार संरक्षक की भूमिका किस चीज़ तक सीमित होती है? |
व्यक्ति और संपत्ति दोनों |
क्या दादा को नैसर्गिक संरक्षक माना गया है? |
नहीं |
क्या इस धारा में "पिता" और "माता" पदों के अन्तर्गत सौतेला पिता और सौतेली माता आते है? |
नहीं |
यदि कोई बालक सौतेली माँ के अधीन रह रहा हो, तो क्या वह उसकी नैसर्गिक संरक्षक होगी? |
नहीं |
दत्तक पुत्र के नैसर्गिक संरक्षक (Natural Guardianship Of Adopted Son) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 7 |
दत्तक पुत्र का नैसर्गिक संरक्षक कौन होता है? |
दत्तक पिता को और उसके पश्चात् दत्तक माता को |
यदि गोद लेने वाला पिता जीवित नहीं है, तो संरक्षक कौन होगा? |
गोद लेने वाली माँ |
दत्तक पुत्र के संरक्षक का दायित्व किस पर लागू होता है? |
उसकी देखरेख और संपत्ति की रक्षा पर |
किस न्यायिक निर्णय में स्पष्ट किया गया कि दत्तक ग्रहण के बाद जैविक माता-पिता के अधिकार समाप्त हो जाते हैं? |
वेंकट सुब्बम्मा बनाम श्रीनिवास राव |
क्या एक अविवाहित महिला दत्तक पुत्र की नैसर्गिक संरक्षक हो सकती है? |
हाँ, यदि वह गोद ले |
क्या गोद लेने वाले माता-पिता दोनों जीवित होने पर माँ को संरक्षक माना जाएगा? |
नहीं, पिता को प्राथमिकता है |
यदि दत्तक पुत्र की देखरेख कोई अन्य कर रहा हो, परंतु गोद लेने वाले जीवित हों, तो संरक्षक कौन होगा? |
गोद लेने वाला |
क्या किसी और धर्म का व्यक्ति हिंदू दत्तक पुत्र का नैसर्गिक संरक्षक बन सकता है? |
नहीं |
दत्तक पुत्र का संरक्षण किस अधिनियम के अनुसार होता है? |
हिंदू अल्पवयस्कता और संरक्षकता अधिनियम |
क्या गोद लेने वाली माँ को पिता की मृत्यु के बाद स्वतः संरक्षक माना जाएगा? |
हाँ |
नैसर्गिक संरक्षक की शक्तियाँ (Powers of natural guardian) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 8 |
धारा 8 के अनुसार नैसर्गिक संरक्षक किस प्रकार की शक्ति रखता है? |
नैसर्गिक संरक्षक उन सब कार्यों को करने की शक्ति रखता है जो, अप्राप्तवय के फायदे के लिए या उस अप्राप्तवय की सम्पदा के आपन संरक्षण या फायदे के लिए आवश्यक या युक्तियुक्त और उचित हों |
धारा 8 के अंतर्गत नैसर्गिक संरक्षक को अल्पवय बालक की संपत्ति बेचने के लिए क्या करना होता है? |
सक्षम न्यायालय की पूर्व अनुमति लेनी होती है |
कौन-सी शक्ति नैसर्गिक संरक्षक को नहीं दी गई है? |
अप्राप्तवय को वैयक्तिक प्रसंविदा के द्वारा आबद्ध करना |
नैसर्गिक संरक्षक सम्पत्ति के किसी भी भाग को कितने वर्ष से अधिक की अवधि के लिए पट्टे पर नहीं दे सकेगा? |
पाँच वर्ष |
नैसर्गिक संरक्षक सम्पत्ति के किसी भी भाग को जिस तारीख को अप्राप्तवय प्राप्तवयता में प्रवेश करेगा, कितने वर्ष से अधिक की अवधि के लिए पट्टे पर नहीं दे सकेगा? |
उस तारीख से एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिए |
कोई भी न्यायालय नैसर्गिक संरक्षक को किसी भी कार्य को करने की अनुज्ञा कब देगा? |
केवल उस दशा में जब कि वह आवश्यक हो या अप्राप्तव्य की सुव्यक्त भलाई के लिए हो |
न्यायालय के ऐसे आदेश की अपील, जो नैसर्गिक संरक्षक को इस धारा में वर्णित कार्यों में से किसी भी कार्य को करने की अनुज्ञा देने से इन्कार करे, किस न्यायालय में होगी? |
जिसमें उस न्यायालय के विनिश्चयों की अपीलें मामूली तौर पर होती हैं |
इस धारा में "न्यायालय" से कौन सा अभिप्रेत है? |
नगर सिविल न्यायालय या ऐसा जिला न्यायालय या संरक्षक और प्रतिपाल्य अधिनियम, 1890 की धारा 4क के अधीन सशक्त ऐसा न्यायालय जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर वह स्थावर सम्पत्ति, स्थित हो |
संरक्षक की संपत्ति बेचने की शक्ति से संबंधित केस कौन-सा है? |
रानी आनंद कुमारी बनाम बिहार राज्य |
क्या नैसर्गिक संरक्षक अपने विवेक से संपत्ति को स्थायी रूप से बेच सकता है? |
अदालत की पूर्व अनुमति से ही |
क्या धारा 8 संरक्षक को व्यावसायिक अनुबंध करने की अनुमति देती है? |
अदालत की अनुमति के साथ
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अदालत द्वारा दी गई अनुमति की प्रकृति कैसी होती है? |
अनिवार्य |
न्यायालय किस अधिनियम के तहत अनुमति देता है? |
संरक्षक और वार्ड अधिनियम, 1890 |
नैसर्गिक संरक्षक को संपत्ति के संबंध में कौन-सी शक्ति नहीं प्राप्त होती? |
सभी बिना न्यायालय की अनुमति के |
यदि संरक्षक ने बिना अदालत की अनुमति के संपत्ति बेच दी, तो क्या परिणाम होगा? |
दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति की प्रेरणा पर शून्यकरणीय होगा। |
क्या अदालत संरक्षक की अनुमति को अस्वीकार कर सकती है? |
हाँ, यदि कार्य बच्चे के हित में न हो |
संरक्षक की न्यायिक जिम्मेदारी से संबंधित केस कौन-सा है? |
माणिक चन्द्र बनर्जी बनाम रामचन्द्र दत्त |
संरक्षक की कौन-सी कार्रवाई कानून के तहत अवैध मानी जाएगी? |
बालक की भूमि बेचना बिना अनुमति |
क्या नैसर्गिक संरक्षक को कोर्ट से एक बार की अनुमति जीवनभर के लिए मान्य होती है? |
नहीं, हर कार्य के लिए नई अनुमति लेनी होती है |
धारा 8 संरक्षक की शक्तियों को नियंत्रित करने का कार्य किस उद्देश्य से करती है? |
अल्पवय के हितों की रक्षा के लिए |
वसीयती संरक्षक और उनकी शक्तियाँ (Testamentary Guardians And Their Powers) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 9 |
धारा 9 किस प्रकार के संरक्षक से संबंधित है? |
वसीयती (Testamentary) संरक्षक |
वसीयती संरक्षक किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है? |
माता या पिता की वसीयत द्वारा |
यदि पिता जीवित रहते हुए वसीयत करता है, तो क्या माँ वसीयती संरक्षक बना सकती है? |
नहीं |
एक हिंदू पिता किसके लिए वसीयती संरक्षक नियुक्त कर सकता है? |
अपने अप्राप्तवय बालक के लिए |
धारा 9(1) के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद किसे वसीयती संरक्षक नियुक्त करने का अधिकार है? |
माता |
यदि पिता संरक्षक नियुक्त करके माता से पूर्व मर जाए तो उस परिस्थिति में क्या होगा? |
नियुक्ति प्रभावी नहीं होगी |
यदि पिता संरक्षक नियुक्त करके माता से पूर्व मर जाए किन्तु यदि माता विल द्वारा किसी व्यक्ति को संरक्षक नियुक्त किए बिना भर जाए तो उस परिस्थिति में क्या होगा? |
वह नियुक्ति पुनरुज्जीवित हो जाएगी। |
हिन्दू विधवा और ऐसी माता जिसमे पिता नियुक्ति करने में अब समर्थ ना हो तो क्या ऐसी माता अप्राप्तवय के शरीर या संपत्ति के बारे में बिल द्वारा संरक्षक नियुक्त कर सकेगी? |
हाँ |
हिन्दू माता, जो अपने अप्राप्तवय अधर्मज अपत्यों के नैसर्गिक संरक्षक के तौर पर कार्य करने की हकदार हो, अप्राप्तवय के शरीर या सम्पत्ति किसके बारे में विल द्वारा संरक्षक नियुक्त कर सकेगी? |
अप्राप्तवय के शरीर के या उस अप्राप्तवय की सम्पत्ति के या दोनों के बारे में |
विल द्वारा ऐसे नियुक्त किए गए संरक्षक को अधिकार क्या है? |
वह अप्राप्तवय के संरक्षक के तौर पर कार्य करे और इस अधिनियम के अधीन नैसर्गिक संरक्षक के सब अधिकारों का, उस विस्तार तक और उन निबन्धनों के अध्यधीन, यदि कोई हो, जो इस अधिनियम और उस विल में विनिर्दिष्ट हों, प्रयोग करे |
विल द्वारा ऐसे नियुक्त किए गए संरक्षक के अधिकार जहां कि अप्राप्तवय लड़की है, कब समाप्त होंगे? |
उसके विवाह हो जाने पर समाप्त हो जाएंगे। |
यदि वसीयती संरक्षक की वसीयत में नियुक्ति स्पष्ट नहीं है, तो क्या किया जाएगा? |
अदालत नियुक्त करेगी |
वसीयती संरक्षक को अधिकार कब प्राप्त होते हैं? |
वसीयत देने वाले की मृत्यु के बाद |
क्या वसीयती संरक्षक को संपत्ति बेचने का अधिकार है? |
केवल अदालत की अनुमति से |
वसीयती संरक्षक की शक्तियाँ से संबंधित केस कौन-सा है? |
ज्ञानम्बल अम्मल बनाम बलराम अय्यर |
क्या वसीयती संरक्षक को अल्पवय बालक को धर्मांतरण करने का आदेश देने का अधिकार है? |
नहीं |
वसीयती संरक्षक की शक्तियाँ किस अधिनियम से नियंत्रित होती हैं? |
संरक्षक और वार्ड अधिनियम, 1890 |
यदि वसीयती संरक्षक अपने कर्तव्यों का दुरुपयोग करे, तो उसका निरसन कौन कर सकता है? |
सक्षम न्यायालय |
क्या माता-पिता दोनों एक साथ एक ही वसीयत में संरक्षक नियुक्त कर सकते हैं? |
हाँ |
यदि वसीयती संरक्षक नहीं चाहता कि वह भूमिका निभाए, तो क्या विकल्प है? |
वह लिखित त्याग दे सकता है |
सम्पत्ति के संरक्षक के तौर पर कार्य करने के लिए अप्राप्तवय की असमर्थता (Incapacity of Minor To Act As Guardian Of Property) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 10 |
धारा 10 का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
यह स्पष्ट करना कि अप्राप्तवय बालक स्वयं संपत्ति का संरक्षक नहीं बन सकता |
धारा 10 के अंतर्गत "अप्राप्तवय" कौन कहलाता है? |
18 वर्ष से कम उम्र का |
क्या कोई अप्राप्तवय बालक अपनी संपत्ति का प्रबंधन कर सकता है? |
नहीं |
यदि कोई अप्राप्तवय बालक अपने नाम की संपत्ति को बेच देता है, तो वह बिक्री: |
शून्य (Void) होगी |
धारा 10 के अनुसार कौन व्यक्ति अप्राप्तवय की संपत्ति का संरक्षक बन सकता है? |
अदालत द्वारा नियुक्त संरक्षक |
यदि कोई बालक अपनी संपत्ति को किराये पर देता है, तो क्या वह कानूनी रूप से मान्य है? |
नहीं |
क्या धारा 10 संपत्ति के अधिकारों को समाप्त करती है? |
नहीं |
वस्तुतः संरक्षक अप्राप्तवय की सम्पत्ति के बारे में संव्यवहार नहीं करेगा (De Facto Guardian Not To Deal With Minor’s Property) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 11 |
धारा 11 किस प्रकार के संरक्षक पर लागू होती है? |
वस्तुतः (De Facto) संरक्षक |
वस्तुतः संरक्षक" से क्या अभिप्राय है? |
वस्तुतः संरक्षक स्वयं द्वारा नियुक्त संरक्षक होता है जब कोई व्यक्ति बिना किसी विधि की आवश्यकता के अवयस्क के शरीर या संपत्ति की देखभाल करता है |
क्या वस्तुतः संरक्षक को बालक की संपत्ति का संव्यवहार करने की अनुमति है? |
नहीं |
यदि कोई व्यक्ति स्वयं को संरक्षक घोषित कर ले और बालक की भूमि बेच दे, तो वह संव्यवहार: |
शून्य (Void) माना जाएगा |
कौन-सा केस धारा 11 की व्याख्या से संबंधित है? |
हनुमान प्रसाद बनाम एमएसटी। बाबूई मुनराज |
धारा 11 का उद्देश्य क्या है? |
बालक की संपत्ति को अवैध संव्यवहार से बचाना |
क्या धारा 11 के अंतर्गत वस्तुतः संरक्षक को किराये पर संपत्ति देने की अनुमति है? |
नहीं |
क्या "वस्तुतः संरक्षक" को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त संरक्षक माना जाता है? |
नहीं |
किस केस में पुष्टि हुई कि, संरक्षक को केवल बालक के हित में संव्यवहार करने का अधिकार? |
हनुमान प्रसाद बनाम एमएसटी। बाबूई मुनराज |
यदि कोई वस्तुतः संरक्षक बालक की संपत्ति बेच देता है, तो बालक को क्या उपाय उपलब्ध है? |
बिक्री को निरस्त करने के लिए न्यायालय में वाद करना |
क्या माता-पिता के अलावा कोई रिश्तेदार "वस्तुतः संरक्षक" बन सकता है? |
हाँ |
धारा 11 किस प्रकार के बालक की संपत्ति पर लागू होती है? |
हिंदू अप्राप्तवय बालक |
वस्तुतः संरक्षक द्वारा बालक की संपत्ति पर किया गया अनुबंध क्या होगा? |
शून्य (Void ab initio) |
धारा 11 किस प्रकार के विधिक सिद्धांत को बढ़ावा देती है? |
विधि में संरक्षण |
अविभक्त कुटुम्ब की सम्पत्ति में अप्राप्तवय के अविभक्त हित के लिए संरक्षक का नियुक्त न किया जाना (Guardian Not To Be Appointed For Minors Undivided Interest In Joint Family Property) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 12 |
धारा 12 के अनुसार, अविभक्त कुटुम्ब की सम्पत्ति में अप्राप्तवय के अविभक्त हित के लिए संरक्षक नियुक्त होगा या नहीं? |
नहीं, नियुक्त नहीं होगा |
धारा 12 कौन से न्यायलय को संरक्षक नियुक करने की अधिकारिता पर प्रभाव नहीं डालेगी? |
उच्च न्यायालय की अधिकारिता |
अविभक्त कुटुम्ब की सम्पत्ति में अप्राप्तवय के अविभक्त हित का अर्थ क्या है? |
संपत्ति का हिस्सा बिना विभाजन के |
धारा 12 का उद्देश्य क्या है? |
अविभक्त कुटुम्ब में अविभक्त हित के लिए संरक्षक नियुक्ति से बचना |
अविभक्त कुटुम्ब की संपत्ति के अविभक्त हित के लिए संरक्षक क्यों नियुक्त नहीं किया जाता? |
क्योंकि अविभक्त हित अपने आप संरक्षित होता है |
किस केस में अविभक्त कुटुम्ब की सम्पत्ति में अप्राप्तवय के हित के लिए संरक्षक नियुक्ति पर विचार किया गया? |
रतिलाल पानाचंद गांधी बनाम भारत संघ |
धारा 12 में “अविभक्त हित” किसके अधिकार को संदर्भित करता है? |
संयुक्त परिवार के सदस्यों का हिस्सा |
क्या अविभक्त कुटुम्ब की सम्पत्ति में अविभक्त हित के लिए संरक्षक नियुक्ति की जरूरत होती है? |
नहीं |
अप्राप्तवय का कल्याण सर्वोपरि होगा (Welfare of Minor to Be Paramount Consideration) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 13 |
धारा 13 के अनुसार संरक्षक के निर्णय में किसका सर्वोपरि महत्व होगा? |
अप्राप्तवय के कल्याण का |
अप्राप्तवय के कल्याण की प्राथमिकता का अर्थ क्या है? |
बालक के भौतिक, मानसिक और सामाजिक हितों की सुरक्षा |
धारा 13 के अनुसार, यदि संरक्षक के फैसले से अप्राप्तवय का कल्याण प्रभावित होता है तो: |
निर्णय को न्यायालय द्वारा बदला जा सकता है |
यदि संरक्षक बालक के कल्याण का ध्यान नहीं रखता है तो न्यायालय क्या कर सकता है? |
संरक्षक को हटाना |
किस केस में धारा 13 के तहत अप्राप्तवय के कल्याण के सिद्धांत की पुष्टि हुई? |
हनुमान प्रसाद बनाम एमएसटी बाबूई मुनराज |
कल्याण सर्वोपरि" का सिद्धांत किसके लिए लागू होता है? |
सभी अप्राप्तवय के लिए |
धारा 13 के अंतर्गत संरक्षक को अपने कार्यों में किन बातों का ध्यान रखना होगा? |
अप्राप्तवय के हित और कल्याण |
यदि संरक्षक का कोई निर्णय अप्राप्तवय के कल्याण के विरुद्ध हो तो वह निर्णय: |
न्यायालय द्वारा रद्द किया जा सकता है |
धारा 13 का उद्देश्य किसके हितों की सुरक्षा करना है? |
अप्राप्तवय बालक के |