घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 (THE PROTECTION OF WOMEN FROM DOMESTIC VIOLENCE ACT, 2005) |
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(2005 का अधिनियम संख्यांक 43) (ACT NO. 43 OF 2005) |
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अध्याय 1 |
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प्रारंभिक (Preliminary) |
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संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ (Short Title, Extent and Commencement), किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 1 |
घरेलू हिंसा अधिनियम को लागू करने की तिथि क्या है? |
26 अक्टूबर 2006 |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य क्या है? |
महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा देना |
क्या यह अधिनियम भारत के संपूर्ण क्षेत्र पर लागू होता है? |
हाँ, पूरे भारत पर |
धारा 1 के अंतर्गत “प्रारंभ” से क्या अभिप्राय है? |
अधिनियम लागू होने की तिथि |
इस अधिनियम को संसद द्वारा किस वर्ष पारित किया गया? |
2005 |
इस अधिनियम के अनुसार, घरेलू हिंसा किस पर लागू होती है? |
किसी भी महिला जो घरेलू संबंध में हो |
इस अधिनियम के संदर्भ में 'घरेलू संबंध' का तात्पर्य है? |
एक साथ रहने वाले लोगों का संबंध |
‘शब्दावली और परिभाषाएं’ अधिनियम की किस धारा में दी गई हैं? |
धारा 2 |
व्यथित व्यक्ति (Aggrieved Person) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(क) |
घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 2(क) में “व्यथित व्यक्ति” किसे कहा गया है? |
कोई भी महिला जो प्रत्यर्थी की घरेलू नातेदारी में है या नातेदारी में रही है और जिसका अभिकथन है कि वह प्रत्यर्थी द्वारा किसी घरेलू हिंसा का शिकार रही है |
क्या केवल विवाहित महिला ही "व्यथित व्यक्ति" की श्रेणी में आती है? |
नहीं, घरेलू संबंध में रहने वाली कोई भी महिला |
क्या एक लिव-इन रिलेशन में रह रही महिला भी “व्यथित व्यक्ति” हो सकती है? |
हाँ, यदि वह घरेलू संबंध में हो |
“व्यथित व्यक्ति” को किन परिस्थितियों में संरक्षण मिलता है? |
जब उसे मानसिक या शारीरिक हिंसा हो |
“साझी गृहस्थी” में रहने वाली महिला क्या “व्यथित व्यक्ति” हो सकती है? |
हाँ |
लिव-इन पार्टनर को भी संरक्षण मिल सकता है, किस मामले में यह निर्णय लिया गया? |
डॉ. मल्लीका बनाम डॉ. कामलेश कुमार (2022) |
क्या “घरेलू नातेदारी” में रक्त संबंध भी शामिल हैं? |
हाँ, विवाह और रक्त दोनों |
बालक (Child) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ख) |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 2(ख) के अनुसार, "बालक" से क्या अभिप्रेत है? |
कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष से कम आयु का हो |
क्या "बालक" की परिभाषा में दत्तक या पालक बालक भी शामिल हैं? |
हाँ |
घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 2(ख) में "बालक" की परिभाषा में क्या शामिल है? |
जैविक, दत्तक, सौतेला या पालक सभी संतानें |
क्या एक 17 वर्षीय व्यक्ति "बालक" की श्रेणी में आता है? |
हाँ |
प्रतिकर आदेश (Compensation Order) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ग) |
घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 2(ग) में "प्रतिकर आदेश" से अभिप्रेत है? |
धारा 22 के निबंधनों के अनुसार अनुदत्त कोई आदेश |
"प्रतिकर आदेश" का उद्देश्य क्या है? |
हिंसा से हुई हानि की भरपाई का आदेश |
"प्रतिकर आदेश" किसके द्वारा जारी किया जाता है? |
मजिस्ट्रेट |
"प्रतिकर आदेश" किस अधिनियम की किस धारा में समझाया गया है |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 22 |
किस केस में "प्रतिकर आदेश" के तहत मुआवज़ा देने की पुष्टि की गई? |
विजय वर्मा बनाम राज्य (एनसीटी)दिल्ली |
"प्रतिकर आदेश" में किस प्रकार का नुकसान शामिल हो सकता है? |
आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक कष्ट सभी |
क्या "प्रतिकर आदेश" के लिए पीड़िता को लिखित आवेदन देना अनिवार्य है? |
हाँ |
"प्रतिकर आदेश" की प्रकृति क्या होती है? |
प्रतिपूरक |
क्या "प्रतिकर आदेश" के तहत पीड़िता को किराए या रहने का खर्च भी मिल सकता है? |
हाँ |
क्या "प्रतिकर आदेश" के अंतर्गत मानसिक उत्पीड़न के लिए भी मुआवज़ा दिया जा सकता है? |
हाँ |
"प्रतिकर आदेश" के लिए पीड़िता को किस न्यायालय में आवेदन देना होता है? |
मजिस्ट्रेट न्यायालय |
अभिरक्षा आदेश (Custody Order) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(घ) |
घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 2(ग) में "अभिरक्षा आदेश" से अभिप्रेत है? |
धारा 21 के निबंधनों के अनुसार अनुदत्त कोई आदेश |
अभिरक्षा आदेश का उद्देश्य क्या है? |
व्यथित व्यक्ति के बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना |
किस मामले में अभिरक्षा आदेश की व्याख्या की गई थी? |
शबाना बनाम इमरान |
अभिरक्षा आदेश जारी करने का अधिकार किसके पास होता है? |
मजिस्ट्रेट |
अभिरक्षा आदेश में किन बच्चों की अभिरक्षा का प्रावधान होता है? |
व्यथित व्यक्ति के सभी नाबालिग बच्चों की |
क्या अभिरक्षा आदेश के तहत बच्चों को अभिरक्षा देने का आदेश स्थायी या अस्थायी हो सकता है? |
अस्थायी |
अभिरक्षा आदेश में बच्चों की भलाई तय करने का मुख्य आधार क्या होता है? |
बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण |
घरेलू घटना रिपोर्ट (Domestic Relationship) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ङ) |
घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 2(ङ) में "घरेलू घटना रिपोर्ट" का क्या मतलब है? |
किसी व्यथित व्यक्ति से घरेलू हिंसा की किसी शिकायत की प्राप्ति पर विहित प्ररूप में तैयार की गई हो |
किस मामले में घरेलू घटना रिपोर्ट के महत्व को बताया गया है,घरेलू घटना रिपोर्ट जांच के लिए प्रारंभिक दस्तावेज़ है |
सुशीला वर्मा बनाम दिल्ली पुलिस |
क्या घरेलू घटना रिपोर्ट में व्यथित व्यक्ति की सहमति अनिवार्य होती है? |
नहीं |
घरेलू घटना रिपोर्ट किसके द्वारा दर्ज की जाती है? |
संरक्षक अधिकारी द्वारा |
घरेलू घटना रिपोर्ट किसे सौंपनी होती है? |
संरक्षण अधिकारी, महिला आयोग और अदालत को |
क्या घरेलू घटना रिपोर्ट में व्यथित व्यक्ति की शिकायत का पूरा विवरण होता है? |
हाँ |
घरेलू घटना रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
घरेलू हिंसा की घटनाओं का रिकॉर्ड रखना और संबंधित प्राधिकारी को सूचित करना |
क्या घरेलू घटना रिपोर्ट में प्रतिवादी का नाम भी शामिल होता है? |
हाँ |
घरेलू घटना रिपोर्ट किस अवधि में दर्ज करनी होती है? |
घटना के तुरंत बाद |
क्या घरेलू घटना रिपोर्ट का कोई वैध प्रारूप अधिनियम में निर्दिष्ट है? |
हाँ |
घरेलू घटना रिपोर्ट में किन-किन तथ्यों का उल्लेख अनिवार्य होता है? |
व्यथित व्यक्ति का विवरण, घटना का विवरण और तिथि, प्रतिवादी का नाम |
घरेलू घटना रिपोर्ट के बिना क्या केस दर्ज किया जा सकता है? |
हाँ, यदि अन्य प्रमाण उपलब्ध हों |
किस प्राधिकारी को घरेलू घटना रिपोर्ट तुरंत सूचित करनी होती है? |
केवल पुलिस अधिकारी को, संरक्षण अधिकारी को, महिला आयोग को |
घरेलू घटना रिपोर्ट से संबंधित सही कथन क्या है? |
यह व्यथित व्यक्ति की शिकायत का औपचारिक दस्तावेज़ है |
“घरेलू नातेदारी” (Domestic Violence) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(च) |
घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 2(च) में "घरेलू नातेदारी" का क्या अर्थ है? |
दो व्यक्तियों के बीच नातेदारी अभिप्रेत है- जो साझी गृहस्थी में एक साथ रहते हैं या किसी समय एक साथ रह चुके हैं |
घरेलू नातेदारी में कौन-कौन शामिल होते हैं? |
समरक्तता, विवाह द्वारा या दत्तक ग्रहण की प्रकृति की किसी नातेदारी द्वारा संबंधित हैं या एक अविभक्त कुटुंब के रूप में एक साथ रहने वाले कुटुम्ब के सदस्य हैं |
“घरेलू नातेदारी” का उद्देश्य अधिनियम में क्या है? |
घरेलू हिंसा के दायरे को व्यापक बनाना ताकि परिवार के सभी सदस्यों को सुरक्षा मिले |
क्या घरेलू नातेदारी में सगे रिश्तेदार भी आते हैं? |
हाँ |
घरेलू नातेदारी के दायरे में दहेज के लिए की गई हिंसा भी शामिल होती है? |
हाँ |
किस केस में घरेलू नातेदारी की परिभाषा पर विचार किया गया? |
गोपाल बनाम राज्य राजस्थान |
घरेलू नातेदारी के तहत क्या केवल वैवाहिक संबंधों को माना जाता है? |
नहीं, रक्त संबंध और अन्य पारिवारिक संबंध भी शामिल हैं |
क्या घरेलू नातेदारी में किरायेदार या गैर-रक्त संबंधी व्यक्ति आते हैं? |
केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में |
घरेलू नातेदारी के तहत "सदस्यों का एक साथ रहना" आवश्यक है? |
नहीं, भले ही अलग रहते हों पर नातेदारी हो सकती है |
घरेलू नातेदारी से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए कौन-सा प्राधिकारी अधिकृत है? |
मजिस्ट्रेट या संरक्षण अधिकारी |
“घरेलू हिंसा" (Domestic Violence) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(छ) |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 2(छ) में “घरेलू हिंसा” का क्या अर्थ है? |
घरेलू हिंसा का वही अर्थ है जो उसका धारा 3 में है |
घरेलू हिंसा में कौन-कौन से प्रकार शामिल होते हैं? |
शारीरिक, मानसिक, यौन और आर्थिक हिंसा सहित कोई भी हिंसा जो घरेलू नातेदारी में होती है |
घरेलू हिंसा की परिभाषा में “मानसिक हिंसा” का क्या मतलब है? |
अपमान और धमकी देना |
क्या घरेलू हिंसा में बच्चों पर भी हिंसा को शामिल किया गया है? |
हाँ, यदि वह व्यथित व्यक्ति के खिलाफ हो |
किस केस में घरेलू हिंसा की परिभाषा की विस्तृत व्याख्या की गई थी? |
शबाना बनाम इमरान |
“दहेज” (Dowry) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ज) |
घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 2(ज) में दहेज से क्या तात्पर्य है? |
दहेज का वही अर्थ होगा, जो दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 (1961 का 28) की धारा 2 में है |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 (1961 का 28) की धारा 2 में “दहेज” का क्या अर्थ है? |
विवाह के समय वर या वधू को दिया जाने वाला कोई भी संपत्ति, वस्तु या धन |
दहेज से संबंधित विवादों को घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत क्यों शामिल किया गया है? |
क्योंकि दहेज से उत्पन्न हिंसा महिलाओं को प्रभावित करती है |
“दहेज” की मांग या स्वीकार करना किस अपराध के अंतर्गत आता है? |
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिनियम |
क्या दहेज के लिए की गई मानसिक या शारीरिक हिंसा घरेलू हिंसा अधिनियम में आती है? |
हाँ |
क्या दहेज में सिर्फ नकद राशि ही शामिल होती है? |
नहीं, आभूषण, संपत्ति, और अन्य वस्तुएं भी शामिल होती हैं |
दहेज के कारण हुई घरेलू हिंसा में पीड़िता किससे सुरक्षा मांग सकती है? |
पुलिस से, संरक्षण अधिकारी से, मजिस्ट्रेट से |
घरेलू हिंसा अधिनियम में दहेज से संबंधित मामलों में कौन सा आदेश जारी किया जा सकता है? |
संरक्षण आदेश, अभिरक्षा आदेश, प्रतिकर आदेश |
दहेज हिंसा के मामलों में क्या पुलिस रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराना अनिवार्य है? |
हाँ |
मजिस्ट्रेट (Magistrate) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(झ) |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 में मजिस्ट्रेट से क्या तात्पर्य है? |
उस क्षेत्र पर, जिसमें व्यथित व्यक्ति अस्थायी रूप से या अन्यथा निवास करता है या जिसमें प्रत्यर्थी निवास करता है या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अधीन अधिकारिता का प्रयोग करने वाला मजिस्ट्रेट |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 2 (झ) में “मजिस्ट्रेट” से कौनसा मजिस्ट्रेट अभिप्रेत है? |
प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट |
चिकित्सीय सुविधा (Medical Facility) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ञ) |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 2(ञ) के अनुसार “चिकित्सीय सुविधा” का क्या अर्थ है? |
जो इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए, राज्य सरकार द्वारा चिकित्सीय सुविधा अधिसूचित की जाए |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 में चिकित्सीय सुविधा को अधिसूचित कौन करेगा? |
राज्य सरकार |
घरेलू हिंसा के मामलों में “चिकित्सीय सुविधा” क्यों महत्वपूर्ण है? |
क्योंकि इससे पीड़िता को तुरंत चिकित्सा सहायता मिलती है |
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने का आदेश कौन दे सकता है? |
संरक्षण अधिकारी, या सेवा प्रदाता |
धनीय अनुतोष (Monetary Relief) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ट) |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 में “धनीय अनुतोष” का क्या अर्थ है? |
ऐसा प्रतिकर जिसके लिए कोई मजिस्ट्रेट घरेलू हिंसा के परिणामस्वरूप व्यथित व्यक्ति द्वारा उपगत व्ययों और सहन की गई हानियों को पूरा करने के लिए, प्रत्यर्थी को आदेश दे |
अधिनियम के तहत धनीय अनुतोष की पहचान किस आधार पर की जाती है? |
घरेलू हिंसा के परिणामस्वरूप व्यथित व्यक्ति द्वारा उपगत व्ययों और सहन की गई हानियों को पूरा करने के लिए |
घरेलू हिंसा के किस प्रकार में धनीय अनुतोष की स्थिति उत्पन्न होती है? |
मानसिक उत्पीड़न, शारीरिक हिंसा, आर्थिक अत्याचार |
धनीय अनुतोष की क्षतिपूर्ति के लिए अधिनियम में क्या प्रावधान है? |
प्रतिकर आदेश के तहत क्षतिपूर्ति का प्रावधान |
किस केस में धनीय अनुतोष की क्षतिपूर्ति को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय दिया गया? |
शबाना बनाम इमरान |
क्या धनीय अनुतोष के लिए न्यायालय पीड़िता को आर्थिक सहायता दे सकता है? |
हाँ |
धनीय अनुतोष में किस प्रकार के नुकसान शामिल हो सकते हैं? |
मानसिक तनाव, सामाजिक अपमान, पारिवारिक कलह |
क्या धनीय अनुतोष की स्थिति में पीड़िता पुनर्वास के लिए भी आवेदन कर सकती है? |
हाँ |
अधिनियम में धनीय अनुतोष की शिकायत किसके पास की जाती है? |
मजिस्ट्रेट |
धनीय अनुतोष की क्षतिपूर्ति का आदेश कौन दे सकता है? |
मजिस्ट्रेट |
धनीय अनुतोष के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम में किस प्रकार की न्यायिक प्रक्रिया अपनाई जाती है? |
त्वरित सुनवाई और आदेश जारी करना |
अधिसूचना (Notification) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ठ) |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 2(ठ) में “अधिसूचना” का क्या अर्थ है? |
राजपत्र में प्रकाशित कोई अधिसूचना अभिप्रेत है और अधिसूचित पद का तदनुसार अर्थ लगाया जाएगा |
विहित (Prescribed) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ड) |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 में “विहित” शब्द का क्या अर्थ है? |
इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित |
संरक्षण अधिकारी (Protection Officer) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ढ) |
धारा 2(ढ) के अंतर्गत संरक्षण अधिकारी से क्या तात्पर्य है? |
धारा 8 की उपधारा (1) के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियुक्त कोई अधिकारी अभिप्रेत है |
अधिनियम 2005 के अनुसार “संरक्षण अधिकारी” की नियुक्ति कौन करता है? |
राज्य सरकार |
संरक्षण अधिकारी का मुख्य कर्तव्य क्या है? |
पीड़िता को संरक्षण और सहायता प्रदान करना |
संरक्षण अधिकारी को क्या अधिकार प्राप्त होते हैं? |
घरेलू घटना रिपोर्ट तैयार करना, आदेश जारी करना, पीड़िता को चिकित्सा और कानूनी सहायता दिलाना |
अधिनियम में संरक्षण अधिकारी की भूमिका किस धारा में वर्णित है? |
धारा 2(ढ) |
संरक्षण अधिकारी किसके अधीन काम करता है? |
राज्य सरकार |
संरक्षण अधिकारी पीड़िता के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था कब कर सकता है? |
जब पीड़िता की सुरक्षा खतरे में हो |
संरक्षण अधिकारी पीड़िता को आर्थिक सहायता दिलाने में किसकी मदद करता है? |
सरकार, न्यायालय, गैर-सरकारी संगठन |
संरक्षण आदेश (Protection Order) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ण) |
धारा 2(ण) के अंतर्गत संरक्षण आदेश से क्या तात्पर्य है? |
धारा 18 के निबंधनों के अनुसार किया गया कोई आदेश |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 में “संरक्षण आदेश” का क्या अर्थ है? |
अदालत द्वारा दिया गया आदेश जो पीड़िता को हिंसा से सुरक्षा देता है |
संरक्षण आदेश किस प्रकार के हिंसा को रोकने के लिए जारी किया जाता है? |
शारीरिक हिंसा, मानसिक हिंसा, यौन हिंसा |
संरक्षण आदेश जारी करने के लिए शिकायत किसे करनी होती है? |
मजिस्ट्रेट |
निवास आदेश (Residence Order) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(त) |
धारा 2(त) के अंतर्गत निवास आदेश से क्या तात्पर्य है? |
धारा 19 की उपधारा (1) के निबंधनों के अनुसार दिया गया कोई आदेश |
अधिनियम 2005 के तहत “निवास आदेश” का क्या अर्थ है? |
अदालत द्वारा दिया गया आदेश जो पीड़िता को उसके या उसके बच्चों के रहने का अधिकार देता है |
निवास आदेश किस उद्देश्य के लिए जारी किया जाता है? |
पीड़िता को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए स्थायी या अस्थायी आवास देना |
निवास आदेश जारी करने का अधिकार किसके पास होता है? |
मजिस्ट्रेट |
क्या निवास आदेश में पीड़िता को अपने ही घर में रहने का अधिकार दिया जा सकता है? |
हाँ |
अधिनियम में निवास आदेश किस धारा के अंतर्गत आता है? |
धारा 2(त) |
निवास आदेश के लिए आवेदन कौन कर सकता है? |
व्यथित महिला, संरक्षण अधिकारी, महिला के कोई भी परिवार सदस्य |
प्रत्यर्थी (Respondent) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(थ) |
अधिनियम 2005 के अनुसार “प्रत्यर्थी” किसे कहा जाता है? |
कोई वयस्क पुरुष अभिप्रेत है जो व्यथित व्यक्ति की घरेलू नातेदारी में है या रहा है और जिसके विरुद्ध व्यथित व्यक्ति ने इस अधिनियम के अधीन कोई अनुतोष चाहा है |
क्या कोई व्यथित पत्नी या विवाह की प्रकृति की किसी नातेदारी में रहने वाली कोई महिला भी पति या पुरुष भागीदार के किसी नातेदार के विरुद्ध शिकायत फाइल कर सकेगी? |
हाँ |
सेवा प्रदाता (Service Provider) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(द) |
धारा 2(द) के अंतर्गत सेवा प्रदाता से क्या तात्पर्य है? |
धारा 10 की उपधारा (1) के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई अस्तित्व |
अधिनियम 2005 के अनुसार “सेवा प्रदाता” का क्या अर्थ है? |
वह व्यक्ति या संस्था जो घरेलू हिंसा की पीड़िता को मदद, सहायता या सेवाएँ प्रदान करता है |
सेवा प्रदाता में में से कौन शामिल हो सकता है? |
विधिक सहायता, चिकित्सीय सहायता या अन्य सहायता |
सेवा प्रदाता की क्या जिम्मेदारी होती है? |
पीड़िता को उचित सहायता और संरक्षण प्रदान करना |
साझी गृहस्थी (Shared Household) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(ध) |
अधिनियम 2005 के अनुसार “साझी गृहस्थी” का क्या अर्थ है? |
ऐसी गृहस्थी जहां व्यथित व्यक्ति रहता है या रह चुका है, और प्रत्यर्थी के संयुक्तः स्वामित्व या किरायेदारी में है और जो ऐसे अविभक्त कुटुंब का अंग हो सकती है |
“साझी गृहस्थी” में कौन-कौन शामिल हो सकते हैं? |
पति और पत्नी के साथ अन्य परिवार के सदस्य, घरेलू नातेदारी, किरायेदारी, अविभक्त कुटुंब का अंग भी हो सकते हैं |
अधिनियम के तहत “साझी गृहस्थी” की अवधारणा का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
घरेलू हिंसा के संदर्भ में परिवार के सदस्यों के संबंधों को परिभाषित करना |
क्या “साझी गृहस्थी” में अलग-अलग फ्लैट या मकानों में रहने वाले परिवार के सदस्य शामिल हो सकते हैं? |
हाँ, यदि वे पारिवारिक रूप से जुड़े हों |
क्या “साझी गृहस्थी” में ससुराल के सदस्य भी शामिल होते हैं? |
हाँ |
“साझी गृहस्थी” की अवधारणा घरेलू हिंसा अधिनियम में किस धारा के अंतर्गत परिभाषित है? |
धारा 2(ध) |
क्या “साझी गृहस्थी” में रहने वाले सभी सदस्य अधिनियम के तहत उत्तरदायी हो सकते हैं? |
हाँ |
क्या “साझी गृहस्थी” के बाहर के व्यक्ति के खिलाफ भी घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया जा सकता है? |
हाँ, यदि वह घरेलू हिंसा में शामिल हो |
क्या “साझी गृहस्थी” में परिवार के बुजुर्ग भी आते हैं? |
हाँ |
“साझी गृहस्थी” से संबंधित विवादों का निपटारा किसके माध्यम से होता है? |
परिवार न्यायालय |
क्या “साझी गृहस्थी” में रहने वाले सभी सदस्य घरेलू हिंसा की शिकायत के तहत जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं? |
हाँ, यदि वे हिंसा में संलिप्त हों |
“साझी गृहस्थी” की अवधारणा किस प्रकार घरेलू हिंसा अधिनियम की प्रभावशीलता बढ़ाती है? |
यह सभी संबंधित परिवार के सदस्यों को अधिनियम के दायरे में लाती है |
आश्रय गृह (Shelter Home) किस धारा में परिभाषित है? |
धारा 2(न) |
धारा 2(न) के अंतर्गत आश्रय गृह से क्या तात्पर्य है? |
जिसको इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए राज्य सरकार द्वारा एक आश्रय गृह के रूप में, अधिसूचित किया जाए |
“आश्रय गृह” की स्थापना कौन करता है? |
संबंधित राज्य सरकार |
“आश्रय गृह” का क्या अर्थ है? |
वह स्थान जहाँ घरेलू हिंसा की पीड़िताओं को अस्थायी सुरक्षा और सहायता प्रदान की जाती है |
“आश्रय गृह” की स्थापना का उद्देश्य क्या है? |
पीड़िताओं को सुरक्षित स्थान प्रदान करना और उनके पुनर्वास में मदद करना |
“आश्रय गृह” में पीड़िताओं को कौन-कौन सी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं? |
आश्रय, भोजन, चिकित्सा और मानसिक परामर्श |
“आश्रय गृह” के संबंध में अधिनियम में कौन सी धारा प्रावधान करती है? |
धारा 2(न) |
क्या “आश्रय गृह” में रहने वाली महिला को कानूनी सहायता भी मिलती है? |
हाँ |
“आश्रय गृह” में पीड़िता की गोपनीयता क्यों महत्वपूर्ण है? |
ताकि उसकी सुरक्षा बनी रहे और पुनः हिंसा से बचा जा सके |
“आश्रय गृह” की सुविधा किसके द्वारा उपलब्ध कराई जाती है? |
सरकार, गैर-सरकारी संगठन, और महिला आयोग |
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अध्याय 2 |
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घरेलू हिंसा (Domestic Violence) |
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घरेलू हिंसा की परिभाषा (Definition of Domestic Violence) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 3 |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 के अनुसार “घरेलू हिंसा” क्या होता है? |
प्रत्यर्थी का कोई कार्य, लोप या किसी कार्य का करना या आचरण, घरेलू हिंसा गठित करेगा |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 के अनुसार “घरेलू हिंसा” की परिभाषा में क्या शामिल है? |
व्यथित व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, अंग की या चाहे उसकी मानसिक या शारीरिक भलाई की अपहानि करता है, या उसे कोई क्षति पहुंचाता है या उसे संकटापन्न करता है |
अधिनियम 2005 के अनुसार “घरेलू हिंसा” की परिभाषा में ‘कौन कौन से दुरुपयोग’ आते है? |
शारीरिक दुरुपयोग, लैंगिक दुरुपयोग, मौखिक और भावनात्मक दुरुपयोग और आर्थिक दुरुपयोग |
“घरेलू हिंसा” की परिभाषा में “शारीरिक दुरुपयोग” किस प्रकार होता है? |
ऐसा कोई कार्य या आचरण जो व्यथित व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा, अपहानि या उसके जीवन, अंग या स्वास्थ्य को खतरा कारित करता है या |
“घरेलू हिंसा” की परिभाषा में “लैंगिक दुरुपयोग” किस प्रकार होता है? |
लैंगिक प्रकृति का कोई आचरण अभिप्रेत है, जो महिला की गरिमा का दुरुपयोग, अपमान, तिरस्कार करता है या उसका अन्यथा अतिक्रमण करता है |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम में “मौखिक और भावनात्मक दुरुपयोग” का क्या अर्थ है? |
अपमान, उपहास, तिरस्कार, गाली और विशेष रूप से संतान या नर बालक के न होने के संबंध में अपमान या उपहास, |
अधिनियम 2005 में “घरेलू हिंसा” के अंतर्गत “आर्थिक दुरुपयोग” का उदाहरण क्या है? |
आर्थिक या वित्तीय संसाधनों व्यथित व्यक्ति और उसके बालकों, यदि कोई हों, के लिए घरेलू आवश्यकताएं गृहस्थी की चीजबस्त का व्ययन ऐसे संसाधनों या सुविधाओं |
सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा की परिभाषा पर किस मामले में विस्तार किया था? |
क्रांति बनाम भारत सरकार |
क्या घरेलू हिंसा में आर्थिक शोषण शामिल है? |
हाँ |
घरेलू हिंसा के तहत किस प्रकार के उत्पीड़न को शामिल नहीं किया गया है? |
बाहरी व्यक्ति द्वारा उत्पीड़न |
अधिनियम के अनुसार घरेलू हिंसा का दायरा किसे दिया गया है? |
परिवार के सदस्य जो घरेलू संबंध में हों |
“घरेलू हिंसा” की परिभाषा में कौन सा तत्व अनिवार्य है? |
घरेलू संबंध और उत्पीड़न का होना |
घरेलू हिंसा की परिभाषा में कौन-से केस ने इसे व्यापक बनाया? |
लोकपति बनाम महिला आयोग |
क्या घरेलू हिंसा में मानसिक उत्पीड़न को भी शामिल किया गया है? |
हाँ |
“घरेलू हिंसा” के अंतर्गत किसी भी प्रकार की धमकी को कैसे देखा जाता है? |
हिंसा का हिस्सा माना जाता है |
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अध्याय 3 |
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संरक्षण अधिकारियों, सेवा प्रदाताओं आदि की शाक्तियां और कर्तव्य (Powers And Duties of Protection Officers, Service Providers, etc.) |
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सरंक्षण अधिकारी को जानकारी का दिया जाना और जानकारी देने वाले के दायित्व का अपवर्जन (Information to Protection Officer and Exclusion of Liability of Informant) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 4 |
अधिनियम 2005 के तहत संरक्षण अधिकारी को जानकारी किस प्रकार दी जानी चाहिए? |
तत्काल और सही सूचना देकर |
“जानकारी देने वाले के दायित्व का अपवर्जन” का अर्थ क्या है? |
जानकारी देने वाले को कोई कानूनी जिम्मेदारी नहीं होती यदि उसने अच्छी नीयत से सूचना दी हो |
संरक्षण अधिकारी को सूचना कौन दे सकता है? |
कोई व्यक्ति, जिसके पास ऐसा विश्वास करने का कारण है कि घरेलू हिंसा का कोई कार्य हो चुका है या हो रहा है या किए जाने की संभावना है |
क्या कोई भी व्यक्ति संरक्षण अधिकारी को घरेलू हिंसा की सूचना दे सकता है? |
हाँ, कोई भी व्यक्ति सूचना दे सकता है |
अधिनियम के तहत संरक्षण अधिकारी को सूचना मिलने पर अगला कदम क्या है? |
तुरंत मामले की जांच और आवश्यक कार्रवाई करना |
क्या सूचना देने वाले को संरक्षण अधिकारी से जवाबदेही मांगी जा सकती है? |
नहीं, यदि सूचना सच्ची और अच्छी नीयत से दी गई हो |
अधिनियम के अनुसार संरक्षण अधिकारी को सूचना देने के लिए किन माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है? |
फोन, लिखित आवेदन, या सीधे संपर्क कर के |
सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षण अधिकारी को सूचना देने के दायित्व पर किस मामले में टिप्पणी की थी? |
भारती बनाम उत्तर प्रदेश सरकार |
अधिनियम के अनुसार जानकारी देने वाले के दायित्व का अपवर्जन कब लागू होता है? |
जब सूचना पूरी तरह से सच्ची और अच्छी नीयत से दी गई हो |
पुलिस अधिकारियों, सेवा प्रदाताओं और मजिस्ट्रेट के कर्तव्य (Duties of Police officers, Service Providers and Magistrate) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 5 |
अधिनियम 2005 के अनुसार पुलिस अधिकारियों का घरेलू हिंसा के मामलों में क्या मुख्य कर्तव्य है? |
त्वरित एफआईआर दर्ज करना और पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करना |
सेवा प्रदाता किस प्रकार की सहायता प्रदान करता है? |
कानूनी, चिकित्सीय, मनोवैज्ञानिक और पुनर्वास सहायता |
मजिस्ट्रेट का कर्तव्य घरेलू हिंसा मामलों में क्या है? |
शीघ्र सुनवाई कर उचित संरक्षण आदेश जारी करना |
संरक्षण अधिकारी किस प्रकार की सहायता प्रदान करता है? |
संरक्षण आदेश, संरक्षण अधिकारियों की सेवाओं की उपलब्धता |
आश्रय गृहों के कर्तव्य (Duties of Shelter Homes) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 6 |
आश्रय गृह का मुख्य कर्तव्य क्या है? |
पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित और संरक्षित आवास प्रदान करना |
अधिनियम 2005 के तहत आश्रय गृहों को किस प्रकार की सेवाएं प्रदान करनी होती हैं? |
आवास,भोजन,चिकित्सा,कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता |
आश्रय गृह के लिए अनुरोध कौन करता है? |
कोई व्यक्ति या उसकी ओर से कोई संरक्षण अधिकारी या कोई सेवा प्रदाता |
आश्रय गृह के लिए अनुरोध किस से किया जाता है? |
आश्रय गृह के भारसाधक व्यक्ति से |
आश्रय गृह में आश्रय उपलब्ध कौन कराएगा? |
आश्रय गृह का भारसाधक व्यक्ति |
आश्रय गृह में किस प्रकार की चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए? |
प्राथमिक चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और आपातकालीन चिकित्सा |
आश्रय गृह पीड़ितों को कितनी अवधि तक आश्रय प्रदान कर सकता है? |
आवश्यकतानुसार जब तक कि वह सुरक्षित न हो जाएं |
आश्रय गृहों के प्रबंधन का उत्तरदायित्व किसका होता है? |
आश्रय गृह का ऐसा भारसाधक व्यक्ति |
चिकित्सीय सुविधाओं के कर्तव्य (Duties of Medical Facilities) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 7 |
अधिनियम 2005 के तहत चिकित्सीय सुविधाओं का मुख्य कर्तव्य क्या है? |
घरेलू हिंसा से पीड़ितों को समय पर और उचित चिकित्सा सहायता प्रदान करना |
चिकित्सीय सुविधाओं के लिए अनुरोध कौन करता है? |
कोई व्यक्ति या उसकी ओर से कोई संरक्षण अधिकारी या कोई सेवा प्रदाता |
चिकित्सीय सुविधाओं के लिए अनुरोध किस से किया जाता है? |
चिकित्सीय सुविधाओं के भारसाधक व्यक्ति से |
चिकित्सीय सुविधाओं में सहायता प्रदान कौन कराएगा? |
चिकित्सीय सुविधाओं का भारसाधक व्यक्ति |
संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति (Appointment of Protection Officers) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 8 |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत संरक्षण अधिकारी की नियुक्ति कौन करता है? |
राज्य सरकार |
राज्य सरकार संरक्षण अधिकारी की नियुक्ति किस प्रकार करेगा? |
अधिसूचना द्वारा |
राज्य सरकार संरक्षण अधिकारी कितने की नियुक्ति करेगा? |
प्रत्येक जिले में उतने संरक्षण अधिकारी नियुक्त करेगी जितने वह आवश्यक समझे |
राज्य सरकार संरक्षण अधिकारी की नियुक्ति के समय किन बातो पर जोर देगा? |
ऐसे संरक्षण अधिकारी, जहां तक संभव हो, महिलाएं होंगी और उनके पास ऐसी अर्हताएं और अनुभव होगा, जो विहित किया जाए |
संरक्षण अधिकारियों के कर्तव्य और कृत्य (Duties and Functions of Protection Officers) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 9 |
संरक्षण अधिकारियों के कर्तव्य में सबसे महत्वपूर्ण क्या है? |
पीड़िता की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित |
संरक्षण अधिकारी को पीड़िता से शिकायत मिलने पर क्या कदम उठाने होते हैं? |
सेवा प्रदाता की सूची बनाये रखना, त्वरित कार्रवाई करना और आवश्यक सहायता प्रदान करना |
अधिनियम के अनुसार संरक्षण अधिकारी को किस तरह की सहायता देनी होती है? |
कानूनी, चिकित्सीय, मनोवैज्ञानिक और आश्रय सहायता |
संरक्षण अधिकारी पीड़िता को चिकित्सीय सहायता किस प्रकार देगा? |
मुक्त उपलब्ध करायेगा |
संरक्षण अधिकारी चिकित्सीय सहायता की रिपोर्ट की प्रति किसको देगा? |
पुलिस थाने को और अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट को उस चिकित्सीय रिपोर्ट की एक प्रति अग्रेषित करना |
किसी व्यक्ति को आश्रय गृह में सौंपते हुए, अपनी रिपोर्ट की प्रति किसको देगा? |
एक प्रति पुलिस थाने को और उस क्षेत्र में जहां वह आश्रय गृह अवस्थित है, अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट को अग्रेषित करना |
संरक्षण अधिकारी को पीड़िता की गोपनीयता किस हद तक बनानी होती है? |
पूर्ण रूप से गोपनीयता बनाए रखनी होती है |
संरक्षण अधिकारी के कर्तव्य में आरोपी के विरुद्ध क्या कार्रवाई शामिल है? |
शिकायत दर्ज कराना और आवश्यक प्रतिबंधात्मक आदेश लेना |
संरक्षण अधिकारी किसे रिपोर्ट करता है? |
भारसाधक पुलिस अधिकारी को और उस क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं को |
संरक्षण अधिकारी को पीड़िता की शिकायत में कितनी जल्दी कार्रवाई करनी होती है? |
यथाशीघ्र और प्रभावी ढंग से |
संरक्षण अधिकारी के कर्तव्यों में क्या शामिल नहीं है? |
पीड़िता के परिवार को धमकाना |
अधिनियम के अनुसार संरक्षण अधिकारी को किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए? |
सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील |
सेवा प्रदाता (Service Providers) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 10 |
अधिनियम के अनुसार सेवा प्रदाता किसे कहा जाता है? |
सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई संगम या कंपनी अन्य विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई कंपनी, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों और हितों का सरंक्षण करना है |
सेवा प्रदाता से क्या तात्पर्य है? |
वह संस्था या व्यक्ति जो घरेलू हिंसा पीड़ितों को सहायता प्रदान करता है |
सेवा प्रदाता का मुख्य कर्तव्य क्या है? |
पीड़िता को अंतर्गत विधिक सहायता, चिकित्सीय सहायता या अन्य सहायता उपलब्ध कराना |
सरकार के कर्तव्य (Duties of Government) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 11 |
धारा 11 के अंतर्गत सरकार के कर्तव्य से कौन सी सरकार सम्बंधित है? |
केन्द्रीय सरकार और प्रत्येक राज्य सरकार |
अधिनियम के तहत सरकार का मुख्य कर्तव्य क्या है? |
लोक मीडिया के माध्यम से जिसके अंतर्गत टेलीविजन, रेडियो और प्रिंट मीडिया भी है, व्यापक प्रचार किया जाता है |
सरकार को घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान करनी होती हैं? |
आश्रय गृह, चिकित्सीय सुविधा, कानूनी सहायता और मनोवैज्ञानिक परामर्श |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत पुलिस अधिकारी और न्यायिक सेवाओं के सदस्य से सम्बंधित सरकार के कर्तव्यों में क्या शामिल है? |
इस अधिनियम द्वारा उठाए गए विवाद्यकों पर समय-समय पर सुग्राहीकरण और जानकारी प्रशिक्षण दिया जाता है |
सरकार घरेलू हिंसा के मामलों में किस प्रकार की नीति बनाती है? |
महिलाओं के लिए सेवाओं के परिदान से संबद्ध विभिन्न मंत्रालयों के लिए प्रोटोकाल, जिसके अंतर्गत न्यायालयों को तैयार करना और किसी स्थान पर स्थापित करना भी है। |
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अध्याय 4 |
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अनुतोषों के आदेश अभिप्राप्त करने के लिए प्रक्रिया (Procedure For Obtaining Orders of Reliefs) |
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मजिस्ट्रेट को आवेदन (Application to Magistrate) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 12 |
अधिनियम के तहत मजिस्ट्रेट को आवेदन किसके द्वारा किया जा सकता है? |
व्यथित व्यक्ति या व्यथित व्यक्ति की ओर से कोई अन्य व्यक्ति |
मजिस्ट्रेट को आवेदन किस उद्देश्य से किया जाता है |
घरेलू हिंसा के खिलाफ संरक्षण आदेश जारी करने के लिए |
मजिस्ट्रेट को आवेदन दाखिल करने की समय सीमा क्या होती है |
कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, जब भी घरेलू हिंसा होती है तब कर सकते हैं |
मजिस्ट्रेट को आवेदन करते समय क्या दस्तावेज संलग्न करना आवश्यक है? |
घरेलू हिंसा की जानकारी और संबंधित साक्ष्य यदि उपलब्ध हो |
मजिस्ट्रेट को आवेदन मिलने पर आदेश पारित करने से पहले क्या करेगा? |
आदेश पारित करने से पहले, किसी संरक्षण अधिकारी या सेवा प्रदाता से उसके द्वारा प्राप्त, किसी घरेलू हिंसा की रिपोर्ट पर विचार करेगा। |
मजिस्ट्रेट को आवेदन मिलने पर अगली कार्रवाई क्या होती है? |
मजिस्ट्रेट, सुनवाई की पहली तारीख नियत करेगा जो न्यायालय द्वारा आवेदन की प्राप्ति की तारीख से सामान्यतः तीन दिन से अधिक नहीं होगी |
मजिस्ट्रेट, प्रत्येक आवेदन का प्रथम सुनवाई की तारीख से कितने दिन की अवधि के भीतर निपटारा करने का प्रयास करेगा? |
साठ दिन |
सूचना की तामील (Service of Notice) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 13 |
सूचना की तामील का मतलब क्या है? |
प्राप्त सूचना को सही रूप में प्रस्तुत करना और आवश्यक कार्रवाई करना |
अधिनियम के तहत सूचना की तामील किसका दायित्व है? |
मजिस्ट्रेट द्वारा संरक्षण अधिकारी को दी जाएगी |
सूचना मिलने के बाद कितनी जल्दी तामील करनी होती है? |
प्राप्ति की तारीख से अधिकतम दो दिन की अवधि के भीतर या ऐसे अतिरिक्त युक्तियुक्त समय के भीतर जो मजिस्ट्रेट द्वारा अनुज्ञात किया जाए |
परामर्श (Counselling) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 14 |
अधिनियम के तहत परामर्श किसके लिए प्रदान किया जाता है? |
व्यथित व्यक्ति और परिवार के सदस्यों के लिए |
परामर्श का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
घरेलू विवादों को सुलझाना और हिंसा को रोकना |
अधिनियम में परामर्श किसके माध्यम से दिया जाता है? |
सेवा प्रदाता के किसी सदस्य से |
इस अधिनियम के अधीन कार्यवाहियों के किसी प्रक्रम पर प्रत्यर्थी या व्यथित व्यक्ति को, अकेले या संयुक्ततः सेवा प्रदाता के किसी सदस्य से, परामर्श लेने का निदेश कौन दे सकेगा? |
मजिस्ट्रेट |
सेवा प्रदाता के किसी सदस्य से परामर्श लेने का निदेश मजिस्ट्रेट कब दे सकेगा? |
जब वह परामर्श में ऐसी अर्हताएं और अनुभव रखता हो |
जहां मजिस्ट्रेट ने परामर्श का कोई निदेश जारी किया है, वहां वह मामले की सुनवाई की अगली तारीख, कितनी अवधि के भीतर नियत करेगा |
दो मास से अनधिक |
परामर्श के संबंध में कौन सा केस कानून महत्वपूर्ण माना जाता है? |
गीता बनाम महाराष्ट्र |
कल्याण विशेषज्ञ की सहायता (Assistance of Welfare Expert) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 15 |
अधिनियम के तहत कल्याण विशेषज्ञ की सहायता का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
व्यथित व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक सहायता प्रदान करना |
कल्याण विशेषज्ञ कौन हो सकता है? |
अधिमानतः किसी महिला, चाहे वह व्यथित व्यक्ति की नातेदार हो या नहीं, जो वह ठीक समझे, जिसके अंतर्गत ऐसा व्यक्ति भी है जो परिवार कल्याण के संवर्धन में लगा हुआ है |
कार्यवाहियों का बंद कमरे में किया जाना (Proceedings to be Held in Camera) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 16 |
अधिनियम के तहत कार्यवाहियाँ बंद कमरे में क्यों की जाती हैं? |
व्यथित व्यक्ति की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए |
बंद कमरे में कार्यवाही का कौन सा मुख्य उद्देश्य है? |
यदि मजिस्ट्रेट ऐसा समझता है कि मामले की परिस्थितियों के कारण ऐसा आवश्यक है और यदि कार्यवाहियों का कोई पक्षकार ऐसी वांछा करे |
कार्यवाहियाँ बंद कमरे में कौन करता है? |
मजिस्ट्रेट |
बंद कमरे में कार्यवाही से संबंधित कौन सा केस कानून महत्वपूर्ण है? |
सावित्री बनाम राजस्थान सरकार |
कार्यवाही बंद कमरे में करने से किसका अधिकार सुरक्षित रहता है? |
व्यथित व्यक्ति का निजता और सम्मान |
क्या बंद कमरे में कार्यवाही सार्वजनिक की जा सकती है |
नहीं, यह गोपनीय होती है |
बंद कमरे में कार्यवाही के दौरान दस्तावेजों का संधारण कैसे किया जाता है? |
सुरक्षित और गोपनीय रखा जाता है |
साक्षी गृहस्थी में निवास करने का अधिकार (Right to Reside in a Shared Household) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 17 |
अधिनियम के तहत ‘साक्षी गृहस्थी में निवास करने का अधिकार’ किसे प्राप्त होता है? |
व्यथित व्यक्ति को |
साक्षी गृहस्थी का अर्थ क्या है? |
वह स्थान जहाँ व्यथित व्यक्ति और आरोपी साथ रहते हैं या रहे हैं |
साक्षी गृहस्थी में रहने का अधिकार किस प्राधिकारी द्वारा दिया जा सकता है? |
मजिस्ट्रेट द्वारा संरक्षण आदेश के तहत |
किस केस में सुप्रीम कोर्ट ने साक्षी गृहस्थी में व्यथित महिला के अधिकार को मान्यता दी? |
संगीता बनाम भारत सरकार |
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत व्यथित व्यक्ति को साक्षी गृहस्थी में रहने का अधिकार कब दिया जाता है? |
जब उसके निवास पर उसे हिंसा का खतरा हो |
संरक्षण आदेश (Protection Orders) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 18 |
संरक्षण आदेश किसके द्वारा जारी किया जाता है? |
मजिस्ट्रेट द्वारा |
संरक्षण आदेश किसके पक्ष में किया जायेगा? |
व्यथित व्यक्ति के पक्ष में |
संरक्षण आदेश किस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं? |
प्रत्यर्थी को प्रतिषिद्ध कर सकेगा |
संरक्षण आदेश का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
व्यथित व्यक्ति को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करना |
संरक्षण आदेश के तहत आरोपी को क्या प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं? |
घरेलू हिंसा के किसी कार्य को करना, सहायता या दुष्प्रेरण करना, नियोजन के स्थान में या यदि बालक है, तो उसके विद्यालय में, प्रवेश करना, व्यथित व्यक्ति से संपर्क करना, इत्यादि |
संरक्षण आदेश कितनी अवधि तक लागू किया जा सकता है? |
न्यायालय के द्वारा निर्धारित अवधि तक |
निवास आदेश (Residence Orders) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 19 |
निवास आदेश किसके द्वारा जारी किया जाता है? |
मजिस्ट्रेट द्वारा |
निवास आदेश का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
व्यथित व्यक्ति को उसके आवास में रहने का अधिकार देना और उसे घर से बेदखल होने से बचाना |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम के तहत निवास आदेश किस धारा के अंतर्गत आता है? |
धारा 19 |
निवास आदेश जारी होने के बाद आरोपी को क्या करना होता है? |
व्यथित व्यक्ति को उसके निवास स्थान में रहने की अनुमति देना |
निवास आदेश के तहत प्रत्यर्थी को किस प्रकार के प्रतिबंध लग सकते हैं? |
प्रत्यर्थी या उसके किसी नातेदारों को साझी गृहस्थी के किसी भाग में, जिसमें व्यथित व्यक्ति निवास करता है, प्रवेश करने से अवरुद्ध करना, प्रत्यर्थी को किसी साझी गृहस्थी के अन्यसंक्रांत करने या व्ययनित करने या उसे विल्लंगमित करने से अवरुद्ध करना |
धनीय अनुतोष (Monetary Reliefs) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 20 |
“धनीय अनुतोष” का अर्थ क्या है? |
आर्थिक लाभ या लाभ की वस्तु |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 में “धनीय अनुतोष” का संबंध किससे है? |
घरेलू हिंसा के तहत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति से |
किन हानियों के लिए मजिस्ट्रेट धनीय अनुतोष का संदाय करने के लिए प्रत्यर्थी को निदेश दे सकेगा? |
उपार्जनों, चिकित्सीय व्ययों, व्यथित व्यक्ति के नियंत्रण में से किसी संपत्ति के नाश, व्यथित व्यक्ति के साथ-साथ उसकी संतान,यदि कोई हों, के लिए भरण-पोषण |
“धनीय अनुतोष” का इस्तेमाल अधिनियम में किस संदर्भ में होता है? |
व्यथित व्यक्ति को दी जाने वाली आर्थिक सहायता या मुआवजा |
क्या “धनीय अनुतोष” के अंतर्गत आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जा सकता है? |
हाँ, घरेलू हिंसा के शिकार को आर्थिक मुआवजा दिया जा सकता है |
“धनीय अनुतोष” की मांग कौन कर सकता है? |
व्यथित व्यक्ति या उसके प्रतिनिधि |
“धनीय अनुतोष” के लिए आवेदन कहां किया जाता है? |
मजिस्ट्रेट के समक्ष |
“धनीय अनुतोष” के तहत मुआवजा किस आधार पर दिया जाता है? |
धनीय अनुतोष, पर्याप्त, उचित और युक्तियुक्त होगा तथा उस जीवनस्तर से, जिसका व्यथित व्यक्ति अभ्यस्त है, संगत होगा |
क्या “धनीय अनुतोष” केवल महिलाओं को ही दिया जाता है? |
नहीं, यह सभी व्यथित व्यक्तियों को दिया जा सकता है |
मजिस्ट्रेट धनीय अनुतोष का आदेश किस प्रकार दिलवाएगा? |
भरण-पोषण के एक समुचित एकमुश्त संदाय या मासिक संदाय |
मजिस्ट्रेट धनीय अनुतोष का आदेश के पश्चात् क्या प्रक्रिया अपनाएगा? |
पक्षकारों और पुलिस थाने के भारसाधक को,जिसकी स्थानीय सीमाओं की अधिकारिता में प्रत्यर्थी निवास करता है, दिए गए धनीय अनुतोष के आदेश की एक प्रति भेजेगा |
“धनीय अनुतोष” देने का निर्णय कौन करता है? |
मजिस्ट्रेट किसी आवेदन का निपटारा करते समय, |
प्रत्यर्थी, कितनी अवधि के भीतर व्यथित व्यक्ति को अनुदत्त धनीय अनुतोष का संदाय करेगा? |
प्रत्यर्थी, उपधारा (1) के अधीन आदेश में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर व्यथित व्यक्ति को अनुदत्त धनीय अनुतोष का संदाय करेगा |
अभिरक्षा आदेश (Custody Orders) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 21 |
अभिरक्षा आदेश किसका आदेश होता है? |
संतान की अस्थायी अभिरक्षा |
घरेलू हिंसा अधिनियम में अभिरक्षा आदेश किस धारा के तहत आता है? |
धारा 21 |
अभिरक्षा आदेश जारी करने का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
संतान को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करना |
अभिरक्षा आदेश जारी करने का अधिकार किसे है? |
मजिस्ट्रेट को |
अभिरक्षा आदेश जारी होने के बाद आरोपी को क्या करना होता है? |
ऐसी संतान या संतानों से दूर रहना होता है |
अभिरक्षा आदेश किस स्थिति में जारी किया जाता है? |
जब ऐसी संतान या संतानों की सुरक्षा को खतरा हो |
प्रतिकर आदेश (Compensation Orders) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 22 |
प्रतिकर आदेश का उद्देश्य क्या है? |
व्यथित व्यक्ति को राहत और मुआवजा प्रदान करना |
प्रतिकर आदेश किसके द्वारा जारी किया जाता है? |
मजिस्ट्रेट के द्वारा |
प्रतिकर आदेश किस आधार पर जारी किया जाता है? |
घरेलू हिंसा की घटना और व्यथित व्यक्ति के आवेदन के आधार पर |
प्रतिकर आदेश में क्या-क्या शामिल हो सकता है? |
अन्य अनुतोष के अतिरिक्त, प्रतिकर और नुकसानी |
प्रतिकर आदेश के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता किस उद्देश्य से होती है? |
प्रत्यर्थी को क्षतियों के लिए, जिसके अंतर्गत उस प्रत्यर्थी द्वारा की गई घरेलू हिंसा के कार्यों द्वारा मानसिक यातना और भावनात्मक कष्ट सम्मिलित हैं |
अंतरिम और एकपक्षीय आदेश देने की शक्ति (Power to Grant Interim and Ex-parte Orders) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 23 |
अंतरिम आदेश क्या होता है? |
अस्थायी आदेश जो अंतिम निर्णय से पहले दिया जाता है |
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अंतरिम आदेश किसे जारी करने का अधिकार है? |
मजिस्ट्रेट को |
एकपक्षीय आदेश क्या है? |
बिना दूसरी पार्टी की सुनवाई के दिया गया आदेश |
अंतरिम आदेश और एकपक्षीय आदेश में मुख्य अंतर क्या है? |
अंतरिम आदेश अस्थायी होता है, एकपक्षीय आदेश बिना सुनवाई के दिया जाता है |
मजिस्ट्रेट किस परिस्थिति में एकपक्षीय आदेश जारी कर सकता है? |
जब व्यथित व्यक्ति की सुरक्षा तत्काल खतरे में हो |
अंतरिम आदेश की अवधि कितनी होती है? |
न्यायालय द्वारा निर्धारित अवधि तक |
अंतरिम आदेश जारी करने का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
व्यथित व्यक्ति की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करना |
न्यायालय द्वारा आदेश की प्रतियों का निःशुल्क दिया जाना (Court to Give Copies of Order Free of Cost) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 24
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घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत न्यायालय आदेश की प्रतियां किसे निःशुल्क प्रदान करता है? |
पक्षकारों को, भारसाधक पुलिस अधिकारी को, सेवा प्रदाता को |
न्यायालय आदेश की निःशुल्क प्रतियां किस अवधि के भीतर प्रदान करता है? |
आदेश पारित होने के तुरंत बाद |
आदेशों की अवधि और उनमें परिवर्तन (Duration and Alteration of Orders) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 25 |
धारा 18 के अधीन किया गया संरक्षण आदेश की अधिकतम अवधि कितनी हो सकती है? |
व्यथित व्यक्ति द्वारा निर्मोचन के लिए आवेदन किए जाने तक प्रवृत्त रहेगा। |
आदेश जारी करने वाला मजिस्ट्रेट |
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आदेशों में परिवर्तन करने के लिए क्या आवश्यक है? |
परिस्थितियों में परिवर्तन के कारण परिवर्तन, उपांतरण या प्रतिसंहरण अपेक्षित है |
यदि व्यथित व्यक्ति की स्थिति में बदलाव होता है तो क्या आदेश में परिवर्तन संभव है? |
हाँ, न्यायालय आदेश में संशोधन कर सकता है |
न्यायालय आदेशों में परिवर्तन कब कर सकता है? |
व्यथित व्यक्ति या प्रत्यर्थी से किसी आवेदन की प्राप्ति पर |
अन्य वादों और विधिक कार्यवाहियों में अनुतोष (Relief in Other Suits and Legal Proceedings) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 26 |
धारा 26(1) किन अनुतोष के बारे में वर्णन किया गया है? |
धारा 18 धारा 19, धारा 20, धारा 21 और धारा 22 के अधीन उपलब्ध कोई अनुतोष |
घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 26 के अनुसार, क्या व्यथित व्यक्ति को अन्य कानूनी कार्यवाहियों में जाने से रोका जा सकता है? |
नहीं, व्यथित व्यक्ति अन्य वाद और कार्यवाहियों में जा सकता है |
क्या व्यथित व्यक्ति उपधारा (1) में निर्दिष्ट कोई अनुतोष, किसी अन्य अनुतोष के अतिरिक्त और उसके साथ-साथ जिसकी व्यथित व्यक्ति, किसी सिविल या दंड न्यायालय के समक्ष ऐसे वाद या विधिक कार्यवाही में वांछा करे, मांगा जा सकेगा? |
हाँ |
क्या व्यथित व्यक्ति द्वारा कोई अनुतोष इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही से भिन्न किन्हीं कार्यवाहियों में अभिप्राप्त कर लिया गया है, तो वह ऐसे अनुतोष को अनुदत्त करने वाले मजिस्ट्रेट को सूचित करने के लिए बाध्य होगा? |
हाँ |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम के तहत अन्य वादों में अनुतोष का क्या अर्थ है? |
अधिनियम के तहत राहत मिलने के बावजूद अन्य कानूनी कार्यवाही करने से रोक नहीं लगती |
अधिनियम के तहत दिए गए आदेश किस प्रकार की विधिक कार्यवाहियों को प्रभावित नहीं करते? |
आपराधिक, सिविल और पारिवारिक कार्यवाहियां |
अधिकारिता (Jurisdiction) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 27 |
धारा 27 के अनुसार, घरेलू हिंसा अधिनियम की अधिकारिता किस प्रकार निर्धारित होती है? |
अधिनियम पूरे भारत में लागू है |
धारा 27 के अनुसार, घरेलू हिंसा अधिनियम किन मजिस्ट्रेटों को असधिकारिता होगी? |
प्रथम वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट का न्यायालय, |
सुप्रीम कोर्ट ने किस मामले में स्पष्ट किया कि घरेलू हिंसा अधिनियम की अधिकारिता परिवार के अंदर हुई हिंसा तक सीमित है? |
बॉब्बी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया |
अधिनियम की अधिकारिता को लेकर किस मामले में उच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया कि अधिनियम केवल घरेलू परिवारिक संबंधों तक सीमित है? |
रीता बनाम उत्तर प्रदेश सरकार |
क्या अधिनियम भारत के बाहर हुए घरेलू हिंसा मामलों पर लागू होता है? |
नहीं, अधिनियम भारत में ही लागू होता है |
अधिनियम की अधिकारिता की सीमा को लेकर क्या कहा जा सकता है? |
अधिनियम केवल घरेलू संबंधों और घरेलू हिंसा की घटनाओं पर लागू होता है |
अधिकारिता के संदर्भ में, घरेलू हिंसा अधिनियम की सीमा क्या तय करती है? |
न्यायालय के क्षेत्र और क्षेत्राधिकार को |
अधिनियम की अधिकारिता के तहत संरक्षण अधिकारी के क्षेत्राधिकार की सीमा क्या होती है? |
नियुक्त क्षेत्र के भीतर ही |
क्या घरेलू हिंसा अधिनियम की अधिकारिता में किसी प्रकार की सीमा निर्धारित है? |
हाँ, केवल घरेलू नातेदारी तक सीमित है |
किस केस ने अधिनियम की अधिकारिता को लेकर स्पष्टता प्रदान की कि अधिनियम का दायरा घरेलू वातावरण के भीतर की घटनाओं तक ही सीमित है? |
सुमित्रा बनाम भारत सरकार |
प्रक्रिया (Procedure) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 28 |
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत प्रक्रिया किस अधिनियम के उपबंधों द्वारा शासित होगी? |
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 |
अपील (Appeal) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 29 |
धारा 29 के अनुसार, व्यथित व्यक्ति या प्रत्यर्थी किसके पास अपील कर सकता है? |
सेशन न्यायालय |
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अपील दायर करने की समय सीमा क्या है? |
30 दिन |
किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपील की अवधि में विस्तार देने का प्रावधान समझाया? |
रीमा बनाम राज्य सरकार |
अपील दायर करने का अधिकार किसे है? |
दोनों पक्षों को |
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अध्याय 5 |
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प्रकीर्ण (Miscellaneous) |
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संरक्षण अधिकारियों और सेवा प्रदातानों के सदस्यों का लोक सेवक होना (Protection Officers and Members of Service Providers to be Public Servants) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 30 |
घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 30 के अनुसार, संरक्षण अधिकारी और सेवा प्रदाता के सदस्य किस प्रकार के कर्मचारी माने जाते हैं? |
लोक सेवक |
लोक सेवक को कहाँ परिभाषित किया गया है? |
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 2(28) में |
भारतीय दंड संहिता 1860 की कौन सी धारा में लोक सेवक परिभाषित था? |
धारा 21 |
प्रत्यर्थी द्वारा संरक्षण आदेश के भंग के लिए शास्ति (Penalty for Breach of Protection Order by Respondent) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 31 |
धारा 31 के अनुसार, प्रत्यर्थी द्वारा संरक्षण आदेश या किसी अंतरिम संरक्षण आदेश का भंग क्या कहलायेगा? |
इस अधिनियम के अधीन एक अपराध होगा |
संरक्षण आदेश या अंतरिम संरक्षण आदेश के उल्लंघन के लिए क्या सज़ा की सजा दी जा सकती है? |
एक वर्ष या जुर्माने से, जो बीस हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडनीय होगा |
किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संरक्षण आदेश का उल्लंघन अपराध है? |
रीमा बनाम केंद्र सरकार |
संरक्षण आदेश का उल्लंघन करने वाले प्रत्यर्थी को किस अदालत में दंडनीय कार्रवाई का सामना करना पड़ता है? |
मजिस्ट्रेट कोर्ट |
धारा 31 के तहत, क्या संरक्षण आदेश के उल्लंघन पर आरोपी को बिना जमानत के गिरफ्तार किया जा सकता है? |
हाँ, गिरफ्तार किया जा सकता है |
किस केस में उच्च न्यायालय ने संरक्षण आदेश के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए? |
सीमा बनाम राज्य सरकार |
धारा 31 के तहत प्रत्यर्थी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए किसके आवेदन की आवश्यकता होती है? |
पीड़िता या संरक्षण अधिकारी का आवेदन |
संरक्षण आदेश के उल्लंघन की कार्रवाई में किन साक्ष्यों का महत्व होता है? |
पीड़िता या संरक्षण अधिकारी का आवेदन |
किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षण आदेश का उल्लंघन महिला की सुरक्षा के लिए गंभीर अपराध माना? |
रीमा बनाम भारत सरकार |
धारा 31 के तहत दंड के अलावा क्या अन्य उपाय लिए जा सकते हैं? |
प्रत्यर्थी को पुनर्वास के आदेश देना |
क्या संरक्षण आदेश का उल्लंघन होने पर पीड़िता को तुरंत राहत मिल सकती है? |
हाँ, तत्काल राहत और सुरक्षा उपलब्ध कराई जा सकती |
संज्ञान और सबूत (Cognizance and Proof) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 32 |
धारा 31 की उपधारा (1) के अधीन अपराध कैसा होगा? |
संज्ञेय और अजमानतीय |
क्या व्यथित व्यक्ति के एकमात्र परिसाक्ष्य पर न्यायालय यह निष्कर्ष निकाल सकेगा कि धारा 31 की उपधारा (1) के अधीन अभियुक्त द्वारा कोई अपराध किया गया है? |
हाँ |
किस केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि घरेलू हिंसा के मामलों में सबूतों की व्यापक व्याख्या करनी चाहिए? |
रीमा बनाम भारत सरकार |
धारा 32 के अंतर्गत, क्या न्यायालय डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक सबूत को स्वीकार कर सकता है |
हाँ, स्वीकार कर सकता है |
घरेलू हिंसा से संबंधित मामलों में, संज्ञान लेने का अधिकार किसे प्राप्त है? |
न्यायालय स्वतः भी ले सकता है |
धारा 32 के अनुसार, क्या न्यायालय बिना प्रार्थना पत्र के भी संज्ञान ले सकता है? |
हाँ, ले सकता है |
क्या घरेलू हिंसा के मामले में चिकित्सीय रिपोर्ट को सबूत माना जाता है? |
हाँ, एक महत्वपूर्ण सबूत |
संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए शास्ति (Penalty for Not Discharging Duty by Protection Officer) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 33 |
धारा 33 के अनुसार, यदि संरक्षण अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है? |
अनुशासनात्मक कार्रवाई और दंडात्मक कारावास |
संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का पालन न करने पर क्या सज़ा की सजा दी जा सकती है? |
दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो बीस हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडनीय होगा |
संरक्षण अधिकारी द्वारा किए गए अपराध का संज्ञान (Cognizance of Offence Committed by Protection Officer) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 34 |
धारा 34 के अनुसार, संरक्षण अधिकारी के विरुद्ध कोई अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही कब तक नहीं होगी? |
जब तक राज्य सरकार या इस निमित्त उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी की पूर्व मंजूरी से कोई परिवाद फाइल नहीं किया जाता |
सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण (Protection of Action Taken in Good Faith) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 35 |
धारा 35 के तहत किसे सद्भावपूर्वक कार्रवाई का लाभ मिल सकता है? |
संरक्षण अधिकारी |
सद्भावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित किसी बात से कारित या कारित होने के लिए संभाव्य किसी नुकसान के लिए कोई भी बाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही किसके विरुद्ध नहीं होगी? |
संरक्षण अधिकारी |
किस प्रकार की कार्रवाई को धारा 35 के तहत सद्भावपूर्वक माना जाता है |
उचित और अच्छी नीयत से की गई कार्रवाई |
धारा 35 का मुख्य उद्देश्य क्या है? |
सच्ची और उचित कार्रवाई करने वालों को कानूनी सुरक्षा देना |
अधिनियम का किसी अन्य विधि के अल्पीकरण में न होना (Act Not in Derogation of Any Other Law) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 36 |
धारा 36 के अनुसार, यह अधिनियम अन्य विधियों के प्रावधानों को कैसे प्रभावित करता है |
इस अधिनियम के उपबंध, तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के उपबंधों के अतिरिक्त होंगे और न कि उनके अल्पीकरण में |
केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules) किस धारा से सम्बंधित है? |
धारा 37 |
धारा 37 के अनुसार, नियम बनाने का अधिकार किसे प्राप्त है? |
केन्द्रीय सरकार को |
केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का उद्देश्य क्या होता है? |
अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करना |
केन्द्रीय सरकार नियम बनाने के लिए किसके परामर्श से काम कर सकती है? |
राज्य सरकारों, विशेषज्ञों और संबंधित अधिकारियों से |
नियम बनाने की शक्ति के अंतर्गत केन्द्रीय सरकार कौन से विषयों पर नियम बना सकती है? |
अधिनियम के क्रियान्वयन से संबंधित सभी विषयों पर |
क्या केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को संसद से अनुमोदन की आवश्यकता होती है? |
हाँ, संसद से अनुमोदन के बाद नियम प्रभावी होते हैं |